मध्य अफ़्रीकी गणराज्य: चुनाव के बाद हिंसा से व्यापक पैमाने पर विस्थापन

मध्य अफ़्रीकी गणराज्य (Central African Republic) में चुनाव के बाद हुई हिंसा के कारण दो लाख से ज़्यादा लोगों को, अपनी जान बचाने के लिये अपने घर छोड़कर जाना पड़ा है. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी मामलों की एजेंसी (UNHCR) ने शुक्रवार को देश में मौजूदा हालात पर चिन्ता जताई है.
यूएन शरणार्थी एजेंसी के प्रवक्ता बॉरिस चेशिरकोफ़ ने पत्रकारों को बताया कि 30 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने पड़ोसी देशों – कैमरून, चाड, काँगो लोकतान्त्रिक गणराज्य (डीआरसी) और काँगो गणराज्य में शरण ली है.
UNHCR is concerned about reports of human rights violations taking place in the Central African Republic. We urge governments in all neighbouring countries to continue granting access to asylum and supporting local authorities to register new arrivals. https://t.co/6hnXn7dzsZ
Refugees
यूएन एजेंसी ने उबान्गी नदी के आस-पास के इलाक़ों में अपनी उपस्थिति मज़बूत बनाई है जहाँ 24 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने भागकर डीआरसी के प्रान्तों में शरण ली है.
“कम से कम 15 हज़ार लोग डमारा और बन्गासू नगरों में, दो और तीन जनवरी को हुए हमलों के बाद न्डु गाँव पहुँचे हैं.”
“इस गाँव की आबादी लगभग साढ़े तीन हज़ार है जिससे संसाधनों और मेज़बान परिवारों पर भारी बोझ बढ़ा है.”
लगभग साढ़े चार हज़ार लोग कैमरून पहुँचे हैं, दो हज़ार 196 लोग चाड में और 70 काँगो गणराज्य में हैं.
रोकथाम के उपायों के तहत, 15 दिसम्बर से अब तक, लगभग एक लाख 85 हज़ार मध्य अफ़्रीकी नागरिकों ने जँगलों में शरण ली है.
इनमें से एक लाख 12 हज़ार लोग घर लौटे हैं लेकिन संयुक्त राष्ट्र के एक अनुमान के मुताबिक 62 हज़ार लोग, आन्तरिक रूप से नए विस्थापित हैं.
यूएन एजेंसी के प्रवक्ता के मुताबिक लोगों ने अनेक कारणों से अपने घर छोड़े हैं, इनमें सबसे बड़ी वजह हिंसा का डर है जिसकी रोकथाम करने के लिये, एजेंसी तत्पर है.
ख़बरों के अनुसार, ये लोग, हालात के सामान्य होने तक आस-पास के घरों में रह रहे हैं. “उन्होंने बताया कि उन्होंने हिंसक घटनाएँ अपनी आँखों से देखीं, और फिर वे अपने घर छोड़ कर भाग गए.”
सुरक्षित स्थान की तलाश में पहुँच रहे लोगों की संख्या बढ़ने से प्रशासन को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है और ज़रूरतों का दायरा भी बढ़ा है.
यूएन अधिकारी ने 27 दिसम्बर को राष्ट्रपति चुनाव से सम्बन्धित मानवाधिकारों के उल्लंघन की ख़बरों पर भी चिन्ता व्यक्त की है.
यूएन शरणार्थी एजेंसी की ओर से प्रवक्ता ने पड़ोसी देशों की सरकारों से आग्रह किया है कि मध्य अफ़्रीकी गणराज्य के नागरिकों का पंजीकरण करने और शरण मुहैया कराए जाने की प्रक्रिया जारी रखी जानी चाहिये.
अधिकाँश लोग मेज़बान समुदायों या अस्थाई शरण स्थलों में रह रहे हैं और उनकी जल, स्वास्थ्य देखभाल और साफ़-सफ़ाई जैसी बुनियादी आवश्यकताएँ तत्काल पूरी किये जाने की ज़रूरत है.
साथ ही कोविड-19 संक्रमण के फैलाव को रोके जाने के प्रयास भी किये जाने होंगे.
यूएन एजेंसी मानवीय राहत संगठनों के साथ मिलकर ज़रूरतमन्दों को राहत पहुँचाने में जुटी है, जैसेकि कैमरून में उन्हें संरक्षा और सहायता उपलब्ध कराई गई है.
चाड में शरणार्थियों के पंजीकरण के दौरान विश्व खाद्य कार्यक्रम ने नए विस्थापित लोगों को राशन मुहैया कराया है और यूएन शरणार्थी एजेंसी ने मोबाइल स्वास्थ्य क्लीनिक की व्यवस्था की है.
यूएन एजेंसी प्रवक्ता के मुताबिक देश की कुल 47 लाख की आबादी में से लगभग एक चौथाई, जनसंख्या को वर्ष 2020 के अन्त तक जबरन विस्थापन का शिकार होना पड़ा.
इनमें छह लाख 30 हज़ार से ज़्यादा शरणार्थी, पड़ोसी देश में रह रहे हैं जबकि छह लाख 30 हज़ार आन्तरिक विस्थापित हैं.