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इथियोपिया: टीगरे के शरणार्थी शिविर पर हवाई कार्रवाई में दो बच्चों की मौत

उत्तरी इथियोपिया के टीगरे, अफ़ार और अमहारा में मानवीय आवश्यकताएँ तेज़ी से बढ़ी हैं.
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उत्तरी इथियोपिया के टीगरे, अफ़ार और अमहारा में मानवीय आवश्यकताएँ तेज़ी से बढ़ी हैं.

इथियोपिया: टीगरे के शरणार्थी शिविर पर हवाई कार्रवाई में दो बच्चों की मौत

प्रवासी और शरणार्थी

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) के उच्चायुक्त फ़िलिपो ग्रैण्डी ने, उत्तरी इथियोपिया के टीगरे में एक शरणार्थी शिविर पर जानलेवा हवाई कार्रवाई के बाद क्षोभ ज़ाहिर करते हुए कहा है कि शरणार्थियों को कभी भी निशाना नहीं बनाया जाना चाहिये. 

यूएन शरणार्थी एजेंसी अभी इस हमले के बारे में ज़्यादा जानकारी जुटाने और पुष्टि करने का प्रयास कर रही है, जिसमे ऐरीट्रिया के तीन शरणार्थियों की मौत हुई है और चार अन्य घायल हुए हैं. मृतकों में दो बच्चे हैं. 

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यूएन एजेंसी के प्रमुख फ़िलिपो ग्रैण्डी ने गुरूवार को पीड़ितों के परिजनों के प्रति सम्वेदना व्यक्त करते हुए, सभी युद्धरत पक्षों से शरणार्थियों समेत सभी आम नागरिकों के अधिकारों का सम्मान किये जाने का आग्रह किया है.

उन्होंने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत तय दायित्वों के अनुरूप, हथियार उठाने वाले सभी पक्षों को “शरणार्थी बस्तियों की हमेशा रक्षा करनी होगी.”

इस बीच, इथियोपिया में नवम्बर 2020 के बाद सरकारी सुरक्षा बलों और टीगरे पीपल्स लिबरेशन फ़्रण्ट के बीच टकराव से व्यापक पैमाने पर उपजा मानवीय संकट जारी है. 

देश के उत्तरी क्षेत्र में स्थित टीगरे, अमहारा और अफ़ार में लगभग 52 लाख लोगों को सहायता की आवश्यकता है.

लड़ाई, लूटपाट, तबाही

व्यापक पैमाने पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों के बीच, हज़ारों लोगों के मारे जाने की आशंका है और 20 लाख से अधिक लोग अपनी जान बचाने के लिये घर छोड़कर भाग गए हैं. 

पिछले कुछ महीनों में, हत्याओं, लूटपाट और स्वास्थ्य केंद्रों, सिंचाई प्रणाली समेत कृषि बुनियादी ढाँचे में लूटपाट से मानवीय ज़रूरतों का दायरा लगातार बढ़ा है.

यूएन मानवीय राहत एजेंसियों का मानना है कि देश के उत्तरी इलाक़े में हालात का अनुमान लगा पाना कठिन है और स्थिति सम्वेदनशील बनी हुई है.

यूएन महासचिव के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने गुरूवार को न्यूयॉर्क में पत्रकारों को बताया, “टीगरे में मानवीय हालात का बिगड़ना जारी है और सेमेरा से अबाला और म्कैले तक, मानवीय राहत सामग्री की आवाजाही के लिये एकमात्र उपलब्ध रास्ते पर तनाव के कारण मुश्किल हो रही है.”

“15 दिसम्बर से अब तक, मानवीय राहत लेकर आने वाला कोई भी ट्रक टीगरे में प्रवेश नहीं कर पाया है.”

सामग्री वितरण अधर में

12 जुलाई के बाद से, महज़ एक हज़ार 338 ट्रक ही टीगरे तक पहुँच पाए हैं, जोकि ज़रूरत का केवल 12 प्रतिशत हैं.

बताया गया है कि टीगरे में ज़रूरतमन्दों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये हर दिन, क़रीब 100 ट्रकों को प्रवेश की अनुमति दी जानी ज़रूरी है.

3 जनवरी तक, इलाक़े में भोजन वितरित कर रहे यूएन के साझीदार संगठनों के पास, महज़ 10 हज़ार लीटर ईंधन ही बचा है, जबकि सीमित खाद्य आपूर्ति को रवाना करने के लिये 60 हज़ार लीटर की आवश्यकता है.

यूएन प्रवक्ता ने सचेत किया है कि अगर मानवीय राहत सामग्री, ईंधन व नक़दी को जल्द ही टीगरे रवाना नहीं किया गया, तो यूएन व अन्य ग़ैर-सरकारी संगठनों को अपने राहत प्रयास रोकने के लिये मजबूर होना पड़ सकता है.

विस्थापन संकट

यूएन के मानवीय राहत कर्मचारियों ने बताया है कि अफ़ार, अमहारा और टीगरे के पश्चिमी ज़ोन में लोगों को विस्थापित होना जारी है.

इन चुनौतियों के बावजूद, यूएन एजेंसियाँ व अन्य राहत संगठन, अति-आवश्यक सहायता को जारी रखने के लिये प्रयासरत हैं.

अमहारा में 33 हज़ार से ज़्यादा लोगों के लिये, पिछले सप्ताह आश्रय व अन्य प्रकार की मदद का प्रबन्धन किया गया है.

इस क्रम में अब तक, पाँच लाख 86 हज़ार से अधिक लोगों तक सहायता पहुँचाई जा चुकी है.

मगर, देश के उत्तरी इलाक़े में खाद्य वितरण अब भी आवश्यकता के स्तर से कहीं कम है.