अमेरिका से सीरिया में, पुनर्निर्माण की ख़ातिर, इकतरफ़ा प्रतिबन्ध हटाने की पुकार
संयुक्त राष्ट्र की एक स्वतन्त्र मानवाधिकार विशेषज्ञ एलैना दौहान ने अमेरिका से सीरिया पर लगाए गए इकतरफ़ा प्रतिबन्धों को हटाने का आहवान किया है क्योंकि इन प्रतिबन्धों के कारण, युद्धग्रस्त देश सीरिया में तबाह हुए नागरिक बुनियादी ढाँचा फिर से खड़ा करने के प्रयासों में बाधा उत्पन्न हो सकती है.
एलैना दौहान इकतरफ़ा दमनात्मक उपायों के मानवाधिकारों पर नकारात्मक प्रभावों के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष रैपोर्टेयर हैं.
UN expert @AlenaDouhan calls on the #UnitedStates to remove unilateral sanctions which may inhibit rebuilding of #Syria’s civilian infrastructure destroyed by almost 10 years of ongoing conflict. Learn more: https://t.co/CI20oDo177 pic.twitter.com/qEBtyaxP8y
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उन्होंने चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि काएसर सीरिया सिविलियन प्रोटेक्शन ऐक्ट (काएसर ऐक्ट) के अन्तरगत लगाए गए प्रतिबन्धों के कारण, पहले से ही बहुत ख़तरनाक बन चुकी, मानवीय स्थिति के और भी ज़्यादा बदतर हो जाने का ख़तरा है. ख़ासतौर पर, कोविड-19 महामारी के समय में.
ऐसे हालात में, सीरियाई लोगों के मानवाधिकार उल्लंघन के लिए और भी अधिक ख़तरा उत्पन्न हो सकता है.
उन्होंने कहा, “अमेरिका ने इस ऐक्ट के तहत, जब जून 2020 में, पहले चरण के प्रतिबन्धों की घोषणा की, तो कहा गया था कि वो प्रतिबन्ध लगाने की मंशा, सीरियाई आबादी को नुक़सान पहुँचाने की नहीं थी.
इसके बावजूद, इस ऐक्ट के तहत प्रतिबन्ध लागू करने के कारण, मौजूदा मानवीय संकट और भी बदतर हो सकता है, जिससे सीरियाई लोग, अपने देश में बुनियादी ढाँचे का फिर से निर्माण करने के अवसर से वंचित रह जाएँगे.
ध्यान रहे कि सीरिया में, लगभग एक दशक के रक्तरंजित युद्ध के बाद, बहुत बड़े पैमाने पर और बहु पक्षीय मानवीय सहायता की ज़रूरत है.
लाखों लोग अन्तरराष्ट्रीय सहायता पर अपना जीवन गुज़ार रहे हैं. हज़ारों स्कूल तबाह हो चुके हैं और स्वास्थ्य सेवाएँ चरमरा गई हैं. केवल 58 प्रतिशत अस्पताल ही पूरी तरह सक्षम बताए गए हैं.
व्यापक दायरे वाले प्रतिबन्ध
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि काएसर ऐक्ट में सीरिया के विरुद्ध लगाए गए प्रतिबन्ध, अभी तक के सबसे ज़्यादा कड़े हैं.
इन प्रतिबन्धों के तहत, सीरिया में, पुनर्निर्माण कार्यों में सहायता करने वाली किसी भी विदेशी एजेंसी या व्यक्ति को निशाना बनाया जा सकता है. इस दायरे में, पुनर्निर्माण कम्पनियों में सहायता करने वाली विदेशी कम्पनियों और मानवीय सहायता संगठनों के कर्मचारी भी हैं.
चूँकि, सीरिया की अर्थव्यवस्था बहुत बड़े पैमाने पर तबाह हो चुकी है, इसमें फिर से जान फूँकने और अपने पैरों पर खड़ा करने के लिये, महत्वपूर्ण मानवीय सहायता हासिल करने और ज़रूरी बुनियादी ढाँचे के पुनर्निर्माण के लिये विदेशी सहायता निर्भर रहना होगा.
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि अमेरिकी वित्त मन्त्रालय ने सीरियाई केन्द्रीय बैंक को धन की हेराफ़ेरी सम्बन्धी गतिविधियों में शामिल होने के सन्देह के दायरे में रख दिया है, इससे सीरिया में विदेशी सहायता और मानवीय सहायता सामग्री के आयात को सम्भालने में, स्पष्ट रूप से, अनावश्यक बाधाएँ उत्पन्न हो गई हैं.
सख़्त अमल का जोखिम
विशेष रैपोर्टेयर एलैना दौहान ने कहा कि काएसर ऐक्ट अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत भी गम्भीर चिन्ताओं को जन्म देता है क्योंकि इसमें असीम कार्यकारी और व्यापक दायरे वाली आपदा शक्तियाँ नीहित हैं, और इनके बहुत सख़्ती से लागू किये जाने का बहुत अधिक जोखिम है.
उन्होंने कहा, “जो बात मुझे सबसे ज़्यादा आगाह करती है, वो है कि काएसर ऐक्ट मानवाधिकारों बहुत सख़्त है, जिनमें सीरियाई लोगों के आवास, स्वास्थ्य, और रहन-सहन और विकास के उपयुक्त मानक के अधिकार शामिल हैं.”
विशेष रैपोर्टेयर ने कहा, “अमेरिकी सरकार को, सीरिया में अस्पतालों के पुनर्निर्माण के रास्ते में बाधाएँ नहीं खड़ी करनी चाहिये क्योंकि चिकित्सा देखभाल सुविधाओं का अभाव होने से, पूरी आबादी के, जीवन के अधिकार को ही ख़तरे में डालता है.”
विशेष रैपोर्टेयर मानवाधिकार परिषद की विशेष प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं. ये विशेषज्ञ, स्वैच्छिक आधार पर काम करते हैं; वो संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारी नहीं होते हैं, और ना ही, संयुक्त राष्ट्र से उन्हें, कोई वेतन मिलता है. ये विशेषज्ञ किसी देश की सरकार या संगठन से स्वतन्त्र होते हैं और वो अपनी निजी हैसियत में काम करते हैं.