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कोविड-19: महामारी के ख़िलाफ़ लड़ाई में 'रैपिड टैस्ट' होंगे नए औज़ार

ऑक्सफ़र्ड युनिवर्सिटी के जेनर इंस्टीट्यूट और वैक्सीन ग्रुप की एक टीम वैक्सीन विकसित करने के प्रयासों में जुटी है.
University of Oxford/John Cairns
ऑक्सफ़र्ड युनिवर्सिटी के जेनर इंस्टीट्यूट और वैक्सीन ग्रुप की एक टीम वैक्सीन विकसित करने के प्रयासों में जुटी है.

कोविड-19: महामारी के ख़िलाफ़ लड़ाई में 'रैपिड टैस्ट' होंगे नए औज़ार

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कोरोनावायरस संक्रमण का मिनटों में पता लगाने वाले टैस्ट को स्वीकृति मिलने की घोषणा की है.  प्रति यूनिट पाँच डॉलर क़ीमत वाली ऐसी 12 करोड़ परीक्षण किटें अगले छह महीनों में साझीदार संगठनों के साथ मिलकर तैयार की जाएँगी जिनसे निम्न व मध्य आय वाले देशों में परीक्षणों का दायरा बढ़ाने में सफलता मिलने की उम्मीद है. 

विश्व भर में कोविड-19 के संक्रमण के अब तक तीन करोड़ 30 लाख मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 9 लाख 96 हज़ार लोगों की मौत हुई है. 

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मरीज़ों में संक्रमण की पुष्टि के लिये परीक्षण किये जाने और उसका नतीजा मिलने में लगने वाले समय से वायरस पर क़ाबू पाने में मुश्किलें पेश आती रही हैं. 

लेकिन नई परीक्षण किटों के ज़रिये विश्वसनीय नतीजे कम क़ीमतों में घण्टों या दिनों के बजाय, 15 से 30 मिनट में हासिल किये जा सकते हैं.

उम्मीद जताई गई है कि इससे कोविड-19 संक्रमण की जाँच के लिये परीक्षणों का दायरा बढ़ाने में मदद मिलेगी – विशेषत: उन दुर्गम स्थानों में जहाँ लैब सुविधाओं या फिर RT-PCR टैस्ट के लिये प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की पहुँच नहीं है. 

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी और साझीदार संगठनों में समझौते के फलस्वरूप ये 12 करोड़ त्वरित परीक्षण (Rapid Tests) 133 देशों में मुहैया कराए जाएँगे. 

महानिदेशक घेबरेयेसस के अनुसार इस उपलब्धता से देशों की कोविड-19 परीक्षण करने की क्षमता में इज़ाफ़ा होगा और ज़्यादा संक्रमण वाले इलाक़ों के लिये यह निश्चित रूप से मददगार साबित होगी. 

इस सम्बन्ध में दो विनिर्माताओं और गेट्स फ़ाउण्डेशन के बीच समझौता हुआ है जिनके तहत आसानी से कहीं भी ले जाने और इस्तेमाल योग्य ये 12 करोड़ टैस्ट किटें अगले छह महीनों में तैयार की जाएँगी. 

फ़िलहाल इन परीक्षणों की क़ीमत प्रति यूनिट पाँच डॉलर रखी गई है, जो RT-PCR  की तुलना में बेहद कम है और इन क़ीमतों में और भी गिरावट आने की सम्भावना है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी प्रमुख ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि जितनी जल्दी कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि होगी, उतनी ही तेज़ी से संक्रमितों को एकान्तवास में रखना, स्वास्थ्य देखभाल मुहैया कराना और उनके सम्पर्क में आए लोगों का पता लगाना सम्भव होगा.

“हमारे पास एक समझौता है, हमारे पास शुरुआती धनराशि है और अब इन परीक्षणों को ख़रीदने के लिये हमें पूर्ण धनराशि की आवश्यकता है.”

महानिदेशक घेबरेयेसस ने ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री बोरिस जॉनसन का ज़िक्र करते हुए कहा कि उन्होंने यूएन एजेंसी और ‘ACT-Accelerator’ पहल के तहत COVAX को वित्तीय संसाधन मुहैया कराए जाने की घोषणा की है. 

इस पहल का लक्ष्य कोविड-19 के ख़िलाफ़ लड़ाई में तेज़ी से वैक्सीन, निदान व उपचार विकसित करना और उन्हें न्यायोचित ढँग से सभी देशों को उपलब्ध कराना है. 

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“दुनिया को एक साथ मिलकर, ACT-Accelerator के लिये 36 अरब डॉलर की अतिरिक्त धनराशि जुटानी है.” 

महानिदेशक घेबरेयेसस ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महामारी फैलने की शुरुआत से ही कोविड-19 के ख़िलाफ़ व्यापक रणनीति के तौर पर परीक्षणों पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया है. 

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के संज्ञान में नॉवल कोरोनावायरस का पहला मामला सामने आने के दो सप्ताह के भीतर चीन ने जैनेटिक सीक्वेन्स की जानकारी साझा की थी.

यूएन एजेंसी प्रमुख ने बताया कि स्वास्थ्य एजेंसी ने जनवरी 2020 के अन्तिम दिनों तक RT-PCR टैस्ट किटें दुनिया भर की 150 प्रयोगशालाओं में भेजनी शुरू कर दी थीं ताकि देशों को वायरस की पहचान करने और उसका पता लगाने में मदद मिल सके. 

इसके समानान्तर, साझीदार संगठनों के साथ मिलकर कोविड-19 के निदान के लिये आसान और त्वरित परीक्षण विकसित किये जाने पर भी काम जारी रखा गया.  

यूएन एजेंसी ने भरोसा जताया है कि आने वाले दिनों में और भी त्वरित परीक्षण विकसित करने में सफलता मिलेगी.