कोविड-19 के ख़िलाफ़ लड़ाई के लिये वैश्विक एकजुटता ही एक मात्र विकल्प
दुनिया भर में कोविड-19 महामारी के संक्रमण के लगभग एक करोड़ 85 लाख से ज़्यादा मामले हो गए हैं और सात लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है. ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने गुरूवार को तमाम देशों से इस महामारी के ख़िलाफ़ लड़ाई में एकजुट होने की अपील फिर दोहराई है.
.@DrMikeRyan, Dr @mvankerkhove and I were honoured to partner with the @AspenSecurity Forum for our regular press conference today, and we thank @LesterHoltNBC for hosting. It was a fruitful discussion about global health security and #COVID19, you can watch it here: https://t.co/8ZrrB2weXQ
DrTedros
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने एस्पेन सुरक्षा फ़ोरम को सम्बोधित करते हुए ये अपील की. इस फ़ोरम में अमेरिका के शीर्ष स्तर के मौजूदा और पूर्व सरकारी अधिकारी शिरकत करते हैं.
ध्यान रहे कि अमेरिका क्षेत्र कोविड-19 महामारी का मुख्य केन्द्र बना हुआ है.
महानिदेशक ने इस वर्चुअल बैठक में कहा, ”अनेक तरह के मतभेद होने के बावजूद हमें ये याद रखना है कि हम सभी एक ही प्रजाति यानि इन्सान हैं जो एक ही ग्रह पर बसते हैं और हम सबकी सुरक्षा एक दूसरे पर निर्भर है – जब तक हम सभी सामूहिक रूप से सुरक्षित नहीं, तब तक कोई भी देश सुरक्षित नहीं हो सकता.”
उन्होंने कहा, “मैं सभी नेताओं से आग्रह करता हूँ कि वो सहयोग का रास्ता अपनाएँ और इस महामारी का ख़ात्मा करने के लिए तत्काल कार्रवाई करें. ये ना केवल अक़्लमन्दी वाला विकल्प होगा बल्कि यही विकल्प सही है, और हम सबके पास यही एक मात्र विकल्प उपलब्ध भी है.”
तैयारी में निवेश करें
स्वास्थ्य एजेंसी के मुखिया ने कहा कि महामारी ने वैश्विक राजनैतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक बुनियादी ढाँचे को कड़ी परीक्षा के धरातल पर रख दिया है. साथ ही इसने हर जगह देशों की स्वास्थ्य प्रणालियों की पूरी क्षमताओं पर असीम बोझ डाल दिया है.
उन्होंने कहा, “पूरी दुनिया में सम्भावित आतंकवादी हमलों को रोकने के ऐहतियाती उपायों पर अरबों डॉलर की रक़म ख़र्च की जाती है. लेकिन हमने अब इस कठिन रास्ते का ये सबक़ भी सीखा है कि हम अगर महामारियों और जलवायु आपदा से निपटने की तैयारियाँ करके ना रखें, तो हम ख़ुद को एक बहुत बड़े नुक़सान के लिये खुला छोड़ रहे होंगे.”
टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस का कहना है कि चूँकि कोई भी देश केवल अपने दम पर इस महामारी का मुक़ाबला नहीं कर सकता, इसलिये आगे बढ़ने के लिये हमारे पास सबसे अच्छा रास्ता ये है कि हम विज्ञान का सहारा लेते रहें, समाधानों पर ध्यान केन्द्रित करें और एकजुट रहें. याद रहे कि एक साथ मिलकर हम सभी इस महामारी पर पार पा सकते हैं.
वैक्सीन राष्ट्रवाद के विरुद्ध
एक अमेरिकी टेलीविज़न चैनल के प्रस्तुतकर्ता लैस्टर होल्ट द्वारा आयोजित सवाल-जवाब के एक सत्र में टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस से ये सवाल पूछा गया कि जब कोविड-19 महामारी की वैक्सीन बन जाएगी तो उसका न्यायसंगत वितरण किस तरह सुनिश्चित किया जाएगा.
महानिदेशक ने इस सन्दर्भ में आगाह करते हुए कहा कि निकटता से जुड़ी दुनिया में “वैक्सीन राष्ट्रवाद” को स्वीकार नहीं किया जा सकता.
कोरोनावायरस पोर्टल व न्यूज़ अपडेट
हमारे पाठक नॉवल कोरोनावायरस के बारे में संयुक्त राष्ट्र, विश्व स्वास्थ्य संगठन व अन्य यूएन एजेंसियों द्वारा उपलब्ध जानकारी व दिशा-निर्देश यहाँ देख सकते हैं. कोविड-19 के बारे में यूएन न्यूज़ हिंदी के दैनिक अपडेट के लिए यहाँ क्लिक करें.विश्व स्वास्थ्य संगठन और उसके साझीदारों ने कोविड-19 महामारी की वैक्सीन व दवाइयाँ बनाने का काम तेज़ करने के लिये अप्रैल 2020 में एसीटी एक्सीलेरेटर पहल शुरू की थी. इस मिशन का एक लक्ष्य ये भी है कि वो वैक्सीन व दवाएँ दुनिया भर में हर जगह सभी को आसानी से उपलब्ध हों.
महानिदेशक ने कहा कि लेकिन ख़ासतौर से न्यायसंगत वितरण को सम्भव सम्भव बनाने के लिये ये ज़रूरी है कि वैक्सीन और किसी उत्पाद को एक वैश्विक उत्पाद बनाया जाए जो खुले बाज़ारों में आसानी से सभी के लिए उपलब्ध हो.
“और ये एक राजनैतिक पसन्द का विकल्प है, एक राजनैतिक प्रतिबद्धता, और हम चाहते हैं कि राजनैतिक नेतागण इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट निर्णय लें.”
उन्होंने कहा, “हम ये कह रहे हैं कि वैक्सीन और अन्य सभी उपकरणों व औज़ारों को सभी के लिये उपलब्ध बनाया जाए, इससे दरअसल दुनिया को महामारी से उबरने में बहुत मदद मिलेगी.”
“साथ ही आर्थिक पुनर्बहाली भी तेज़ हो सकती है और कोविड-19 से होने वाला नुक़सान भी कम हो सकता है.”