संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने गुरुवार को बताया कि पाँच साल से अधिक समय से चल रहे युद्ध ने "यमन के करोड़ों लोगों का जीवन तबाह कर दिया है." विशेषज्ञों का अनुमान है कि यमन में लगभग दस लाख लोग कोविड-19 से प्रभावित हुए हैं.
महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने गुरूवार को मन्त्रियों की एक उच्चस्तरीय बैठक को जानकारी देते हुए कहा कि यमन में कोविड-19 के संक्रमण के 2000 से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है.
और चूँकि युद्ध के कारण "देश की स्वास्थ्य सेवाएँ बरबाद हो चुकी हैं", इसलिये इस संघर्ष को एक राजनैतिक समझौते के ज़रिये समाप्त करना पहले से कहीं ज्यादा ज़रूरी हो गया है.
निरन्तर संघर्ष की स्थिति
महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने यमन में शरणार्थियों के लिये उच्चायुक्त के रूप में अपनी नियुक्ति के समय को याद करते हुए देश के प्रति अपना व्यक्तिगत लगाव ज़ाहिर किया.
उन्होंने कहा, "मैं शरणार्थियों की मेज़बानी करने में यमन के लोगों की उदारता को कभी नहीं भूल सकता. महासचिव का पद सम्भालने के बाद से, मैंने लगातार संघर्ष रोकने के लिये एक शान्तिपूर्ण समाधान खोजने के हर सम्भव प्रयत्न किये हैं."
उन्होंने कहा कि युद्ध ने न केवल देश के संस्थानों को पतन के कगार पर ला खड़ा किया है, बल्कि "दशकों के विकास को भी उलट दिया है."
महासचिव ने कहा कि एक वैश्विक युद्ध विराम और ख़ासतौर पर यमन में युद्धविराम के लिये संघर्षरत गुटों की प्रारम्भिक समर्थन अभिव्यक्तियों के बावजूद, "संघर्ष लगातार जारी है."
घरों में मौत का शिकार
अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार का समर्थन करने वाले सऊदी अरब समर्थित गठबन्धन और औपचारिक रूप से अंसार अल्लाह के रूप में पहचाने जाने वाले हूथी विद्रोहियों के बीच पाँच साल से अधिक समय से जारी युद्ध, हाल के सप्ताहों में और ज़्यादा तेज़ हो गया है.
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने बताया, "हवाई हमले और ज़मीनी झड़पों के परिणामस्वरूप बहुत से नागरिक हताहत हुए और सउदी अरब पर हूथी गुट के ड्रोन और मिसाइल हमले जारी हैं."
इसके अलावा, इस साल अगस्त में किसी भी अन्य महीने की तुलना में अधिक लोग मारे गए, जिनमें हर चार में से एक व्यक्ति अपने घरों में ही मौत का शिकार हुए.
एंतोनियो गुटेरेश ने सभी पक्षों से एक समझौते के ज़रिये संयुक्त घोषणा पर पहुँचने के प्रयासों में बिना किसी पूर्व शर्त सहयोग करने का आहवान किया, जिसमें एक राष्ट्रव्यापी युद्धविराम, आर्थिक और मानवीय विश्वास-निर्माण उपाय और शान्ति वार्ता की बहाली शामिल है.
मील का पत्थर बनाएँ
महासचिव ने कहा कि हूथी लड़ाकों और यम की सेना के बीच मा’रिब में सैन्य गतिविधियों में वृद्धि होना केवल शान्ति प्रयासों को पटरी से उतारने का काम करेगा. ध्यान रहे, वहाँ 2015 के बाद से एक लाख से अधिक शरणार्थी रह रहे हैं.
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि स्थायी शान्ति के लिये, संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से हुए दिसम्बर 2018 के स्टॉकहोम समझौते और सऊदी अरब के ज़रिये किये गए रियाध समझौते को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है.
एंतोनियो गुटेरेश ने सभी पक्षों से शत्रुता पर लगाम लगाने का अनुरोध किया और समझौतों को लागू करने में संयुक्त राष्ट्र का निरन्तर समर्थन दोहराया.
तेल टैंकर के ख़तरे
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने यमन के पश्चिमी तट के पास गिरे तेल टैंकर के मलबे की सुरक्षा को लेकर गहरी चिन्ता व्यक्त की. चूँकि लगभग पाँच वर्षों तक उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया इसलिये उसमें, “तेल रिसाव,वि स्फोट या आग लगने से यमन और पूरे क्षेत्र को विनाशकारी और गम्भीर पर्यावरणीय नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं.”
उन्होंने कहा कि इसके कारण महत्वपूर्ण हुदैदाह बन्दरगाह को महीनों तक बन्द होना पड़ सकता है – जिससे, आयात पर निर्भर लाखों यमनी लोगों के लिये खाद्य आपूर्ति बन्द हो जाएगी.
महासचिव ने कहा, "मैं अपील करता हूँ कि स्थिति का आकलन करने, किसी भी सम्भावित मरम्मत का संचालन करने और आपदा को रोकने के लिये तकनीकी टीम को तुरन्त, बिना शर्त टैंकर तक पहुँचने की अनुमति दी जाए."
वित्तपोषण ज़रूरी
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने अन्तरराष्ट्रीय धन मदद व मानवीय सहायता के बारे में, साल जून, 2019 में हुए एक उच्च-स्तरीय प्रतिज्ञा सम्मेलन के अन्त में दानदाताओं द्वारा संकल्पित धनराशि चुकाने का आग्रह किया.
उन्होंने चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में केवल आधी रक़म के दान के ही वादे किये गए, इसलिये यह बहुत चिन्ताजनक है कि यह अहम रक़म भी अभी तक अदा नहीं की गई है."
संयुक्त राष्ट्र प्रतिक्रिया योजना का केवल 30 प्रतिशत हिस्सा ही अभी तक वित्तपोषित हो सका है – जो वर्ष 2020 के इस स्तर तक अब तक का सबसे कम स्तर है.
एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के महत्वपूर्ण कार्यक्रम बन्द हो रहे हैं और "विनाशकारी अकाल रोकने के लिये” वित्तपोषण बहुत ज़रूरी है.
उन्होंने प्रतिनिधियों से कहा, "अब समय आ गया है कि यमन के लोगों के लिये उचित क़दम उठाए जाएँ."