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फ़ारस खाड़ी क्षेत्र में शान्ति व स्थिरता की ख़ातिर एक सुर में काम करना होगा

यमन में ही विस्थापित एक व्यक्ति देश के भीतर ही विस्थापित लोगों के लिये बनाए हुए एक शिविर में अपने बच्चे के साथ.
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यमन में ही विस्थापित एक व्यक्ति देश के भीतर ही विस्थापित लोगों के लिये बनाए हुए एक शिविर में अपने बच्चे के साथ.

फ़ारस खाड़ी क्षेत्र में शान्ति व स्थिरता की ख़ातिर एक सुर में काम करना होगा

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने मंगलवार को सुरक्षा परिषद में कहा है कि फ़ारस खाड़ी क्षेत्र में जटिल व बहुआयामी चुनौतियों को देखते हुए ये ग़ौर करना बहुत ज़रूरी है कि हर कोई, ख़ासतौर से सुरक्षा परिषद शान्ति व सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिये किस तरह सर्वसम्मत रूप में काम कर सकती है.

यूएन महासचिव ने एक मन्त्रिस्तरीय वर्चुअल चर्चा में अपनी बार-बार की गई वो अपील फिर दोहराई जिसमें एक वैश्विक युद्धविराम तुरन्त लागू किये जाने के लिये कहा गया है.

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यमन में लाखों तबाही के कगार पर

उन्होंने यमन में विनाशकारी हालात पर अत्यन्त गहरी चिन्ता व्यक्त की जहाँ छह साल से चल रहे युद्ध ने लाखों लोगों की ज़िन्दगी तबाह कर दी है और क्षेत्रीय स्तर पर विश्वास को तहस-नहस कर दिया है.

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि वैसे तो पिछले सप्ताह ही एक हज़ार क़ैदियों को रिहा किया गया था, जोकि उम्मीद की एक किरण के समान था, मगर उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यमन में सुरक्षा स्थिति बहुत नाज़ुक बनी हुई है.

हाल के सप्ताहों के दौरान, अल जॉफ़ मारिब और हुदायदाह गवर्नरेटों में संघर्ष में बढ़ोत्तरी हुई है जिससे 2018 में हुए स्टॉकहोम समझौते के अप्रासंगिक हो जाने का ख़तरा पैदा हो गया है. ये समझौता अन्तरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त यमन सरकार और हूथी विद्रोहियों के बीच संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से हुआ था.  

ऐसे हालात में, यमन सबसे बड़ी मानवीय आपदा बना हुआ है जहाँ अकाल जैसे हालात पैदा हो गए हैं और कोविड-19 महामारी ने स्थिति को और ज़्यादा जटिल बना दिया है.

संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारी एंतोनियो गुटेरेश ने इस संघर्ष या लड़ाई को एक ख़तरे की घण्टी का नाम देते हुए कहा कि तात्कालिक व आपात क्षेत्रीय चुनौतियों का हल तुरन्त निकाला जाए ताकि और ज़्यादा व व्यापक अस्थिरता से बचा जा सके.

उन्होंने कहा, “हमें एक युद्धविराम की सख़्त ज़रूरत है और युद्ध ख़त्म करने के लिये वार्ता तुरन्त शुरू करनी चाहिये. उससे कम कुछ भी काफ़ी नहीं होगा.”

महामारी सीमाएँ नहीं पहचानती

यूएन प्रमुख ने वैश्विक युद्धविराम की अपनी अपील यह कहते हुए दोहराई कि इस वक़्त असली लड़ाई कोविड-19 महामारी के ख़िलाफ़ है और इसमें प्रयास बढ़ाने होंगे.

“समय बीता जा रहा है – और लोगों की मौतें हो रही हैं.”

एंतोनियो गुटेरेश ने खाड़ी क्षेत्र के उन देशों की सराहना की जिन्होंने वैश्विक युद्धविराम की अपील पर अमल किया.

उन्होंने अन्य पक्षों से भी एकजुटता की भावना दिखाते हुए ऐसे प्रतिबन्ध समाप्त करने का अनुरोध भी किया जिनके कारण कोविड-19 के समय में भी महत्वपूर्ण मानवीय और चिकित्सा सहायता बाधित हो रही है.

उच्च तनाव, कम आत्मविश्वास

यूएन प्रमुख ने वृहत फ़ारस खाड़ी क्षेत्र पर नज़र डालते हुए कहा, “ये स्पष्ट है कि तनाव बहुत ज़्यादा हैं. आपसी भरोसा बहुत कम है.”

उन्होंने मई 2019 के बाद से घटित अनेक घटनाओं की तरफ़ ध्यान दिलाया जिनके कारण तनाव नए उच्च स्तर तक पहुँच गए हैं. इन घटनाओं ने तनाव कम करने और संघर्षों को रोकने के लिये सामूहिक रूप से काम करने की ज़रूरत को और ज़्यादा प्रासंगिक बना दिया है.

महासचिव ने कहा, “ये बहुत स्पष्ट चेतावनी है कि छोटी सी लापरवाही भी कितनी गम्भीर स्थिति पैदा कर सकती है.”

तनाव कम करने की ज़रूरत

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश के अनुसार तनाव कम करने की दिशा में पहला क़दम ये होगा कि आपसी चिन्ताओं वाले मुद्दों का हल निकालने के लिये भरोसा पैदा करने के कुछ ठोस उपाय किये जाएँ.

कोविड-19 महामारी के बावजूद,यमन के एडेन शहर के ख़ारर मेक्सर क्लीनिक में एक स्वास्थ्यकर्मी डिप्थीरिया की वैक्सीन तैयार कर रही हैं.
© UNICEF/Mahmoud Fahdl
कोविड-19 महामारी के बावजूद,यमन के एडेन शहर के ख़ारर मेक्सर क्लीनिक में एक स्वास्थ्यकर्मी डिप्थीरिया की वैक्सीन तैयार कर रही हैं.

अलबत्ता, सभी सम्बद्ध पक्षों की सहमति हासिल किया जाना अभी बाक़ी है.

दीर्घकाल के लिये उन्होंने एक ऐसा क्षेत्रीय सुरक्षा ढाँचा तैयार करने की हिमायत की जिसके ज़रिये तमाम सम्बन्धित पक्षों की वाजिब सुरक्षा चिन्ताओं का हल निकाला जा सके.

यूएन प्रमुख ने अपनी समापन टिप्पणी में कहा कि हमारे सामने मौजूद बेतहाशा चुनौतियों को हमारा रास्ता रोकने की इजाज़त नहीं दी जा सकती.

उन्होंने हर किसी को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि विनाशकारी दुश्मनी से आगे बढ़ें और ऐसे बिन्दु और आधार तलाशें जो हमें एकजुट करते हैं जिससे भरोसे का माहौल बनाया जा सके और क्षेत्रीय बातचीत की सम्भावनाएँ बेहतर बनाई जा सकें.