साइकिल: महामारी में भरोसेमन्द, किफ़ायती और हरित वाहन

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान और इसके बाद दुनिया कैसे आगे बढ़ेगी, इस बारे में साइकिल की भी बहुत अहम भूमिका है. बुधवार को मनाए गए विश्व साइकिल दिवस के मौक़े पर कहा गया है कि साइकिल के ज़रिये दुनिया भर में स्वास्थ्यपरक और ज़्यादा टिकाऊ भविष्य बनाने के लिए सार्थक बदलाव लाने में आसानी होगी.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष तिजानी मोहम्मद बाँडे ने विश्व साइकिल दिवस पर कहा, “इस वर्ष... हम साइकिल की अनोखी विशिष्टता, टिकाऊपन और विविधता को पहचान देते हैं.”
Today is #WorldBicycleDay 🚲This is an opportunity to take stock of the benefits of the bicycle both for staying healthy & as a sustainable mode of transport during (and after) the global crisis: https://t.co/eylBmscTUB#ForNature pic.twitter.com/5yIJsE8QMh
UNEP
उन्होंने ये भी कहा का साइकिल एक ऐसा वाहन है जिसे बहुत धनी देशों से लेकर, विकासशील देशों और कम विकसित देशों में भी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है.
कोविड-19 संकट के कारण आवाजाही और परिवहन साधनों के इस्तेमाल में भारी कमी आई है, इनमें लोगों के साथ चलने-फिरने की यात्राएँ भी शामिल हैं. साथ ही खेलकूद सम्बन्धी और मनोरंजक गतिविधियाँ भी जैसे ठप हो गई हैं.
लेकिन साइकिल ने ना केवल वैश्विक महामारी के दौरान भी अपनी प्रासंगिकता बनाए रखी है, बल्कि अनेक शहरों में साइकिल का इस्तेमाल और ज़्यादा बढ़ा है, इनमें न्यूयॉर्क सिटी भी शामिल है जहाँ संयुक्त राष्ट्र का मुख्यालय स्थित है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की अनुशंसा है कि साइकिल को ना केवल परिवहन के साधन के रूप में इस्तेमाल किया जाए, बल्कि कोविड-19 संकट के दौरान और उसके बाद भी स्वस्थ रहने के लिए साइकिल का इस्तेमाल जारी रखा जाए.
यूएन महासभा अध्यक्ष का कहना है, “आँकड़े बताते हैं कि कोविड-19 से पहले भी, बहुत से लोग किफ़ायती और सुलभ परिवहन साधन के रूप में साइकिल का इस्तेमाल करते रहे हैं, जिससे उनकी उम्र लम्बी और स्वस्थ होती थी.”
“साइकिल ने ना केवल शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर बनाने में अपनी उपयोगिता साबित की है, बल्कि लोगों के मानसिक स्वास्थ्य और हँसमुखपन में भी बेहतरी की है.”
साइकिल के अनेक फ़ायदे हैं.
महासभा अध्यक्ष का कहना है, “बहुत से देशों में, साइकिल का इस्तेमाल परिवारों के लिए अनेक तरह से फ़ायदेमन्द है, जहाँ सार्वजनिक परिवहन साधन उपलब्ध नहीं होते हैं, वहाँ साइकिल का इस्तेमाल उन्हें ग़रीबी से उबरने में मदद करता है, उन्हें अच्छी शिक्षा हासिल करने, कामकाज करने, बाज़ारों तक पहुँचने, और सामुदायिक गतिविधियों में मदद करता है.”
जैसे-जैसे अनेक देशों में सरकारें तालाबन्दी ढिलाई देने के रास्ते खोज रही हैं, वहाँ साइकिल के इस्तेमाल में बढ़ोत्तरी हुई है, शहरों में रहने वाले लोगों को साइकिल मनोरंजन के तरीक़े मुहैया कराती है और सार्वजनिक परिवहन साधनों की कमी को भी पूरा करती है.
साथ ही लोगों के बीच शारीरिक दूरी बनाए रखने में मदद करती है – जिससे कोरोनावायरस भी दूर रहता है.
परिवहन के एक भरोसेमन्द और पर्यावरण अनुकूल साधन के रूप में, साइकिल को कोविड-19 महामारी के बाद के समय में हरित पर्यावरण के लिए एक महत्वपूर्ण साधन समझा जा रहा है.
संयुक्त राष्ट्र ने विश्व साइकिल दिवस के मौक़े पर तमाम देशों की सरकारों को प्रोत्साहित करते हुए कहा है कि सड़कों पर साइकिल चालकों के लिए सुरक्षा बेहतर की जाए और परिवहन ढाँचे में भी साइकिल चालकों की ज़रूरतों का ध्यान रखा जाए.
दुनिया भर में करोड़ों लोग साइकिल को एक मुख्य परिवहन साधन के रूप में इस्तेमाल करते हैं, इसलिए बहुत ज़रूरी है कि उनकी आवश्यकताओं को नीति-निर्माण में जगह दी जाए और परिवहन के बुनियादी ढाँचे में निवेश करते समय उनकी ज़रूरतों का ध्यान रखा जाए.
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम का कहना है कि पैदल चलने वालों और साइकिल चालकों की सुरक्षा के लिए समुचित इन्तज़ाम करना, भविष्य के शहरी स्थानों के निर्माण के लिए एक अहम कारक है.