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कोविड-19: हरित पुनर्बहाली के संकल्प साकार करने से 'दूर' खड़ी है दुनिया

संयुक्त राष्ट्र ने देशों से कोविड-19 महामारी से टिकाऊ पुनर्बहाली पर प्रयास केन्द्रित करने का आहवान किया है.
World Bank/Gerardo Pesantez
संयुक्त राष्ट्र ने देशों से कोविड-19 महामारी से टिकाऊ पुनर्बहाली पर प्रयास केन्द्रित करने का आहवान किया है.

कोविड-19: हरित पुनर्बहाली के संकल्प साकार करने से 'दूर' खड़ी है दुनिया

एसडीजी

कोविड-19 के गुज़र जाने के बाद बेहतर पुनर्निर्माण के लिये जो संकल्प व्यक्त किये गए थे, देश उन्हें पूरा करने के रास्ते से अभी दूर नज़र आ रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र और ऑक्सफ़र्ड यूनिवर्सिटी द्वारा बुधवार को जारी एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि पुनर्बहाली कार्यों के लिये घोषित धनराशि का केवल 18 प्रतिशत ही हरित निवेश के लिये इस्तेमाल हो रहा है.

इस अध्ययन में 50 अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों की, कोविड-19 महामारी-सम्बन्धी वित्तीय नीतियों का विश्लेषण किया गया है. 

बताया गया है कि वर्ष 2020 में, 46 ट्रिलियन डॉलर का धन ख़र्च किया गया लेकिन केवल 386 अरब डॉलर की रक़म ही, हरित और टिकाऊ गतिविधियों के लिये व्यय की गई मानी जा सकती है.

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इस शोध के लिये, ऑक़्सफ़र्ड यूनिवर्सिटी के आर्थिक पुनर्बहाली प्रोजेक्ट (Economic Recovery Project) और वैश्विक पुनर्बहाली वेधशाला (Global Recovery Observatory) की टीम ने, सयुंक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के साथ मिलकर काम किया है.

यूएन पर्यावरण एजेंसी की कार्यकारी निदेशक इन्गेर एण्डरसन ने बताया, “मानवता एक महामारी, आर्थिक संकट और पारिस्थितिकी तन्त्रों के ढहने का सामना कर रही है. हम किसी मोर्चे पर विफल होने का जोखिम मोल नहीं ले सकते.”

“सरकारों के पास एक अनूठा अवसर है, उनके देशों को टिकाऊ मार्ग पर लाने का, जिसमें आर्थिक अवसरों, निर्धनता घटाने और सांसारिक स्वास्थ्य को एक साथ प्राथमिकता दी जाए.”

उन्होंने कहा कि वेधशाला ऐसे उपकरण मुहैया कराती है, जिससे टिकाऊ और समावेशी पुनर्बहाली की ओर बढ़ा जा सकता है.

Are We Building Back Better? Evidence from 2020 and Pathways for Inclusive Green Recovery Spending, नामक इस रिपोर्ट में, सरकारों से टिकाऊ निवेश करने, विषमताओं से निपटने और महामारी से उबरते समय आर्थिक प्रगति को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया गया है.

अध्ययन के अन्य प्रमुख नतीजे दर्शाते हैं कि निम्न कार्बन ऊर्जा में केवल 66 अरब डॉलर की रक़म का निवेश हो पाया है. 

मुख्यत: स्पेन व जर्मनी में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं और हाइड्रोजन व बुनियादी ढाँचे में निवेशों में मिलने वाली सब्सिडी के कारण यह सम्भव हो पाया है. 

इसके अतिरिक्त, हरित परिवहन के लिये 86 अरब डॉलर की घोषणा की गई है. इसमें विद्युत चालित वाहनों और सार्वजनिक परिवहन के लिये सब्सिडी और निवेश शामिल है.  

35 अरब डॉलर की घोषणा, ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिये इमारतों में ज़रूरी फेरबदल करने के लिये की गई है, विशेष रूप से ब्रिटेन और फ्रांस में.
पुनर्बहाली का अवसर अब भी मौजूद

विषमताओं से निपटना

ऑक्सफ़र्ड यूनिवर्सिटी के मुख्य शोधकर्ता ब्रायन ओ’कैलाहैन ने कहा कि कुछ अग्रणी देशों ने कोविड-19 से टिकाऊ पुनर्बहाली की दिशा में सकारात्मक क़दम आगे बढ़ाए हैं, इसके बावजूद, दुनिया आकांक्षाओं के अनुरूप बेहतर पुनर्निर्माण से अभी दूर है.

उन्होंने स्पष्ट किया कि पुनर्बहाली पर संसाधन, समझदारी से ख़र्च करने के लिये अवसर अभी ख़त्म नहीं हुए हैं. “सरकारें, इस लम्हे का उपयोग, दीर्घकालीन आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय समृद्धि को सुनिश्चित करने के लिये कर सकती हैं.”

रिपोर्ट में पाँच अहम सवाल उठाए गए है - जैसेकि आर्थिक पुनर्बहाली व पर्यावरणीय स्थिरता को मज़बूती प्रदान करने के लिये किन उपायों का सहारा लिया जाए; और जलवायु परिवर्तन, प्रकृति क्षरण व प्रदूषण से निपटने के लिये देश किस प्रकार के पुनर्बहाली निवेश कर रहे हैं. 

रिपोर्ट में रेखांकित किया गया है कि हरित पुनर्बहाली से मज़बूत आर्थिक प्रगति को सम्भव बनाया जा सकता है, और इससे वैश्विक पर्यावरणीय उद्देश्यों को पूरा करने व उन ढाँचागत विषमताओं को दूर करने में मदद मिलेगी, जिन्हें इस महामारी ने उजागर किया है.

शोधकर्ताओं ने ज़ोर देकर कहा है कि निम्न आय वाले देशों में, निर्धनता के ख़िलाफ़ लड़ाई में हुई प्रगति को बरक़रार रखने के लिये, ठोस वित्तीय रियायतों की आवश्यकता होगी.