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साइकिलों के सहारे वायु प्रदूषण से निपट रहा है चीन

हान्गजाओ में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के पास साइकिलों की सवारी कर रहे युवा.
Yimin Feng
हान्गजाओ में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के पास साइकिलों की सवारी कर रहे युवा.

साइकिलों के सहारे वायु प्रदूषण से निपट रहा है चीन

एसडीजी

हाल के दशकों में चीन के कई शहरों में कारों ने यातायात के प्रमुख साधन के रूप में साइकिलों को पीछे छोड़ दिया था लेकिन सड़कों पर साइकिलों की फिर से वापसी हो रही है. उनका इस्तेमाल वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने में हो रहा है. साइकिलें पर्यावरण के प्रति अनुकूल और आवाजाही का एक सस्ता और सुलभ साधन है जिसे फिर लोकप्रिय बनाने में डिजिटल तकनीक और 21वीं सदी की सोच से मदद मिली है.

एक दौर में चीन को ‘किंगडम ऑफ़ द बाईसाइकिल’ यानि ‘साइकिलों के साम्राज्य’ के रूप में देखा जाता था. देश के लगभग सभी शहरों में लोग आवाजाही के लिए सड़कों पर साइकिल का ही इस्तेमाल करते थे.

पिछले चार दशकों में चीन की अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़ी और आर्थिक समृद्धि और शहरीकरण के चलते बड़ी संख्या में लोगों ने कारों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. इससे सड़कों पर साइकिलें कम और कारें ज़्यादा दिखाई देने लगीं.

लेकिन इसका प्रभाव शहर की आबोहवा पर भी पड़ा जिसका नतीजा हवा की ख़राब होती गुणवत्ता के रूप में सामने आया.

पूर्वी चीन के शहर हान्गजाओ को इटली के भ्रमणकर्ता मार्को पोलो ने दुनिया का सबसे बेहतरीन और उत्कृष्ट शहर बताया था. लेकिन वायु प्रदूषण ने इस शहर को बुरी तरह अपनी चपेट में ले लिया. विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार शहर की हवा में प्रदूषण का स्तर संगठन के सुरक्षा मानकों से कहीं ज़्यादा है.

सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण को बेहतर बनाने के लक्ष्य से हान्गजाओ प्रशासन ने फिर से साइकिलों को बढ़ावा देने का निर्णय लिया. डिजिटल तकनीक ने इस काम में मदद की है जिससे प्रदूषण का स्तर घट रहा है. हान्गजाओ को मिली सफलता का अनुसरण अब अन्य शहर भी कर रहे हैं.

हान्गजाओ में स्थानीय प्रशासन ने शहर में साइकिल सवारों के लिए बुनियादी ढांचा तैयार किया – उनके लिए अलग से लेन और ट्रैफ़िक सिग्नल बनाए गए. साथ ही 86 हज़ार साइकिलें उपलब्ध कराई गईं जिनका सार्वजनिक रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है. एक स्मार्ट कार्ड ने इस काम को और आसान कर दिया जिसका इस्तेमाल सार्वजनिक परिवहन के सभी साधनों जैसे साइकिलों, नावों और बसों में किया जा सकता है.

शहर में आवाजाही के प्रमुख साधन के रूप में उभर रही हैं साइकिलें.
Yimin Feng
शहर में आवाजाही के प्रमुख साधन के रूप में उभर रही हैं साइकिलें.

 

इस पहल का ही परिणाम है कि स्थानीय लोगों और पर्यटकों में साइकिल की सवारी करना अब लोकप्रिय हो रहा है.

हान्गजाओ में सार्वजनिक साइकिल सेवा के जनरल मैनेजर ताओ शुएजुन के अनुसार अब तक 76 करोड़ बार साइकिल की सवारी की जा चुकी है जो करीब चीन की आधी आबादी है. चीन के 400 शहर इस प्रोजेक्ट को अपना रहे हैं और अब उनका लक्ष्य दुनिया के सामने इसे एक उदाहरण के रूप में पेश करना है.

बीजिंग में वायु प्रदूषण की चुनौती कायम

विश्व भर में वायु प्रदूषण से पीड़ित शहरों की जब बात होती है तो बीजिंग का नाम भी आता है. प्रदूषित हवा में सांस लेने के लिए मजबूर लोगों की जीवन की गुणवत्ता भी वायु प्रदूषण से प्रभावित हुई है.

पिछले दो दशकों में बीजिंग का ज़बरदस्त गति से विकास हुआ लेकिन उसके साथ ही वायु प्रदूषण में भी बढ़ोत्तरी हुई. इसके कई कारण थे: कोयले से निकलने वाले हानिकारण कण, मोटर-गाड़ियों की संख्या में बढ़ोत्तरी, माल ढुलाई के वाहनों से निकलने वाला धुंआ, भारी उद्योग, और सड़कों और इमारतों की धूल में छिपे कण. बीजिंग में प्रदूषण के कारकों की पड़ताल करती एक यूएन रिपोर्ट में ये तथ्य सामने आए.

वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों और मौतों के लिए हानिकारक सूक्ष्म कण ज़िम्मेदार होते हैं जो आंखों से नहीं दिखाई देते. पीएम2.5 – पार्टिक्यूलेट मैटर्स 2.5 – सूक्ष्म कण बेहद घातक है जो सांस के ज़रिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली से बचते हुए फेफड़ों, रक्तनलिकाओं और मस्तिष्क में जम जाता है. ऐसे हानिकारक सूक्ष्म कणों के लिए उद्योगों, सार्वजनिक इमारतों और घरों से होन वाले प्रदूषण को ज़िम्मेदार माना गया है.

बीजिंग में वायु प्रदूषण में मौजूद सूक्ष्म कण अब भी विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित स्तर से 7.3 गुना ज़्यादा हैं लेकिन स्थानीय और क्षेत्रीय प्रशासन के प्रयासों से स्थिति में सुधार निरंतर हो रहा है.

इस चुनौती से निपटने के लिए एक साथ मिलकर साझा रणनीति पर काम करने और क़ानूनी, आर्थिक और तकनीकी ज़रियों का इस्तेमाल करने से वायु में हानिकारक सूक्ष्म कणों की संख्या में करीब 30 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई जो चीन में राज्य परिषद के निर्धारित लक्ष्य से भी ज़्यादा है.

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के एशिया पैसेफ़िक क्षेत्रीय कार्यालय में निदेशक डेखेन त्सेरिंग ने बताया कि “बेहद कम समय में बीजिंग ने वायु की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में शानदार सफलता हासिल की है. यह एक अच्छा उदाहरण है कि एक विकासशील देश में  बड़ा शहर पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक वृद्धि में संतुलन कायम कर सकता है.”

इस साल विश्व पर्यावरण दिवस की मेज़बानी चीन कर रहा है जिसकी थीम वायु प्रदूषण ही है. इस अवसर पर हान्गजाओ शहर में कई कायक्रमों का आयोजन किया जाएगा.