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ब्राज़ील और भारत की महिला शान्तिरक्षकों को साझा रूप से पुरस्कार

मेजर सुमन गवानी (बाएँ); कमान्डर कार्ला मोन्तिएरो डे कास्त्रो अराउजो (दाएँ).
UNMISS/MINUSCA/Hervé Serefio
मेजर सुमन गवानी (बाएँ); कमान्डर कार्ला मोन्तिएरो डे कास्त्रो अराउजो (दाएँ).

ब्राज़ील और भारत की महिला शान्तिरक्षकों को साझा रूप से पुरस्कार

शान्ति और सुरक्षा

लैंगिक समानता पर उत्कृष्ट कार्य के लिए भारतीय और ब्राज़ीलियाई महिला शान्तिरक्षकों को वर्ष 2019 के लिए संयुक्त रूप से 'यूएन मिलिट्री जैन्डर एडवोकेट ऑफ़ द ईयर' अवॉर्ड से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई है. ब्राज़ील की नौसैनिक अधिकारी कमान्डर कार्ला मोन्तिएरो डे कास्त्रो अराउजो मध्य अफ़्रीका गणराज्य में यूएन मिशन (MINUSCA) में कार्यरत हैं और भारतीय सेना में मेजर सुमन गवानी दक्षिण सूडान के यूएन मिशन (UNMISS) में सैन्य पर्यवेक्षक के तौर पर ज़िम्मेदारी संभाल चुकी हैं.

29 मई को अन्तरराष्ट्रीय शान्तिरक्षक दिवस पर एक ‘ऑनलाइन कार्यक्रम’ उन्हें सम्मानित किया जाएगा जिसमें यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश भी हिस्सा लेंगे. यह पहली बार होगा जब दो शान्तिरक्षकों को यह पुरस्कार संयुक्त रूप से दिया जाएगा.

मेजर गवानी ने यूएन सैन्य पर्यवेक्षक के तौर पर उनके योगदान को पहचाने जाने और पुरस्कार मिलने पर ख़ुशी ज़ाहिर की है.

"हमारा चाहे जो भी काम, दर्जा या पद हो, शान्तिरक्षकों के तौर पर हमारा फ़र्ज़ है कि हम दैनिक कार्यों में सभी लैंगिक परिप्रेक्ष्यों को समाहित करें और समुदायों व सहकर्मियों के साथ अपनी बातचीत में उस ज़िम्मेदारी को स्वीकार करें."

मेजर गवानी की दक्षिण सूडान में तैनाती वर्ष 2018 में हुई थी और इस दौरान उन्होंने 230 यूएन सैन्य पर्यवेक्षकों के लिए हिन्सक सन्घर्ष सम्बन्धी यौन हिन्सा जैसे विषयों पर परामर्शदाता के तौर पर कार्य किया. साथ ही मिशन के हर शिविर में महिला सैन्य पर्यवेक्षकों की तैनाती को सुनिश्चित किया.

समर्थन, परामर्श, दिशानिर्देश और नेतृत्व प्रदान कर उन्होंने संयुक्त राष्ट्र शान्तिरक्षकों के लिए एक मददगार माहौल का निर्माण करने में सहायता की. इसके अलावा उन्होंने दक्षिण सूडान के सरकारी सुरक्षा बलों को भी प्रशिक्षित किया और हिन्सक सन्घर्ष सम्बन्धी यौन हिन्सा पर कार्ययोजना जारी करने में मदद की.

कमान्डर कार्ला मोन्तिएरो डे कास्त्रो अराउजो MINUSCA के मुख्यालय में अप्रैल 2019 से लैंगिक एवं संरक्षण सलाहकार के तौर पर कार्यरत हैं. उन्होंने लैंगिक मुद्दों व संरक्षण के विभिन्न आयामों पर केन्द्रित व्यापक पाठ्यक्रम को तैयार किया और फिर प्रशिक्षण प्रदान किया.

उनके प्रयासों के फलस्वरूप मिशन को लैंगिक और बाल संरक्षण के मुद्दों पर सम्पर्क बिन्दुओं के नैटवर्क को बढ़ाने में सफलता मिली है.

"यह अवार्ड MINUSCA सैन्य दल और असैनिक अंगों के सामूहिक कार्यों की पहचान है. मिशन और मेरे लिए यह देखना सुखद है कि हमारी पहलों के अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं."

'जैन्डर एडवोकेट ऑफ़ द ईयर" सम्मान

इस पुरस्कार की शुरुआत 2016 में हुई जिसका उद्देश्य सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव संख्या 1325 के सिद्धांतों के प्रचार-प्रसार में शांतिरक्षकों के समर्पण और प्रयासों को पहचान और सम्मान दिया जाता है. 

यह प्रस्ताव मुख्य रूप से महिलाओं, शांति और सुरक्षा पर केंद्रित है जिसमें तीन प्रमुख बिंदुओं पर बल दिया गया है: हिन्सक संघर्ष की रोकथाम; महिलाओं और उनके अधिकारों का संघर्ष के दौरान और उसके बाद संरक्षण; और संघर्ष को सुलझाने के लिए सभी प्रक्रियाओं में महिलाओं की हिस्सेदारी को बढ़ाना.

महासचिव गुटेरेश ने कमान्डर मोन्तिएरो डे कास्त्रो अराउजो और मेजर गवानी को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है.

"ये शान्तिरक्षक सशक्त रोल मॉडल हैं. अपने काम के ज़रिये उन्होंने नए परिप्रेक्ष्यों को सामने रखा और उन समुदायों में विश्वास और भरोसे का निर्माण किया जिनकी लिए वे सेवारत थीं."

"अपने संकल्प और अभिनव तरीक़ों से उन्होंने उत्कृष्टता के मानकों को अपनाया जो सभी शान्तिरक्षकों के लिए एक प्रेरणा है."

यह लगातार दूसरा साल है जब ब्राज़ील की महिला शान्तिरक्षक ने इस प्रतिष्ठित अवार्ड को हासिल किया है जबकि यह सम्मान  पहली बार  किसी भारतीय महिला शान्तिरक्षक को दिया गया है.

इससे पहले मध्य अफ़्रीका गणराज्य में लैंगिक मुद्दों पर सलाहकारों और संपर्क बिंदुओं के नेटवर्क को तैयार करने में अहम भूमिका निभाने वालीं ब्राज़ील की एक यूएन शान्तिरक्षक लेफ़्टिनेंट कमांडर मार्सिया अंड्राजे ब्रागा को इस पुरस्कार के लिए चुना गया था.