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कोरोनावायरस: अंतरराष्ट्रीय चिंता वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य एमरजेंसी घोषित

चीन के शेनज़ेन में सबवे से सफ़र के दौरान लोग मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं.
UN News/Jing Zhang
चीन के शेनज़ेन में सबवे से सफ़र के दौरान लोग मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं.

कोरोनावायरस: अंतरराष्ट्रीय चिंता वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य एमरजेंसी घोषित

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रोस एडेहेनॉम घेबरेयेसस ने चीन सहित अन्य देशों में नॉवल कोरोनावायरस के मामले लगातार सामने आने के मद्देनज़र उसे अंतरराष्ट्रीय चिंता वाली सार्वजनिक आपात स्थिति घोषित कर दिया है. यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा कि चीन में हालात की वजह से नहीं बल्कि अन्य देशों में परिस्थितियों को देखते हुए यह घोषणा की जा रही है.

कोरोनावायरस से संक्रमण के अब तक 7,834 मामलों की पुष्टि हो चुकी है जिनमें 7,736 चीन में हैं. इस वायरस के संक्रमण से अब तक 170 लोगों की मौत हो चुकी है और 12 हज़ार से ज़्यादा मामले संदेह के दायरे में रखे गए हैं.

चीन से बाहर जिन 18 देशों में कोरोनावायरस के संक्रमण के 98 मामले अब तक सामने आए हैं उनमें अमेरिका, जर्मनी, कम्बोडिया, दक्षिण कोरिया, भारत, संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका, फ़िनलैंड, जापान, मलेशिया सहित अन्य देश शामिल हैं.

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अधिकतर मामलों में वायरस संक्रमण से पीड़ित लोगों ने चीन की यात्रा की थी या फिर वे चीन की यात्रा से लौटने वाले व्यक्ति के संपर्क में थे.

एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण के मामले चीन के अलावा तीन अन्य देशों में पता चले हैं.

यूएन स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक घेबरेयेसस ने गुरूवार को स्वास्थ्य विशेषज्ञों की आपात समिति की एक बैठक के बाद कहा, “यह समय तथ्यों का है, डर का नहीं. यह समय विज्ञान का है, अफ़वाहों का नहीं. यह समय एकजुटता का है, कलंक का नहीं.”

सार्वजनिक स्वास्थ्य एमरजेंसी क्या है?

अंतरराष्ट्रीय चिंता वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य एमरजेंसी की घोषणा के तहत यूएन स्वास्थ्य एजेंसी कुछ अस्थाई सिफ़ारिशें जारी करती है.

ये अनुशंसाएं बाध्यकारी नहीं होती हैं लेकिन व्यावहारिक व राजनैतिक रूप से ऐसे उपायों के रूप में होती हैं जिनसे यात्रा, व्यापार, मरीज़ को अलग रखे जाने, स्क्रीनिंग व उपचार पर असर पड़ता है.

साथ ही यूएन एजेंसी इस संबंध में वैश्विक मानक स्थापित कर सकती है. 

संगठन के महानिदेशक ने चिंता जताई है कि इस वायरस के उन देशों में फैलने की आशंका है जहां स्वास्थ्य प्रणाली अपेक्षाकृत कमज़ोर हैं और ऐसी आपदा से निपटने के लिए तैयार नहीं हैं.

उन्होंने कहा कि हमें देशों को राज़ी करना होगा ताकि वे इस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हो सकें.

असरदार उपाय

एजेंसी के महानिदेशक ने कहा कि वैक्सीन, थेरेपी व निदान जल्द से जल्द विकसित किए जाने की आवश्यकता है. साथ ही अफ़वाहों व ग़लत सूचनाओं के प्रवाह को रोकना होगा, तैयारियों का जायज़ा लेते हुए कमियों को दूर करना होगा, मरीज़ों को अलग करके उनके इलाज के अलावा संक्रमण के अन्य मामलों की रोकथाम करनी होगी.

उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे क़दम उठाए जाने की ज़रूरत नहीं है जिनसे अंतरराष्ट्रीय यात्रा व व्यापार में अनावश्यक हस्तक्षेप हो.

उन्होंने सभी देशों से तथ्यों पर आधारित और सुसंगत निर्णय लागू करने की अपील की है.

समिति के मुताबिक इस संक्रमण से मुक़ाबले के लिए दुनिया के अन्य क्षेत्रों में असरदार ढंग से तैयारी करने और समन्वित प्रयासों की ज़रूरत है.

यूएन एजेंसी के मुताबिक इस संक्रमण से जुड़े हर पहलू पर अब भी जानकारी उपलब्ध नहीं है लेकिन कड़े क़दम उठाकर इस संक्रमण पर क़ाबू पाया जा सकता है.

इसके लिए बीमारी का जल्द पता लगाना, मरीज़ों को अलग करना, उनसे संपर्क में रहे लोगों का पता लगाना और प्रभावितों का इलाज करना ज़रूरी है.

कोरोनावायरस उस वायरस समहू का एक हिस्सा है जिससे सामान्य सर्दी-खाँसी से लेकर घातक बीमारियां तक हो सकते हैं. 

इसके लक्षणों में बुख़ार, खाँसी, साँस फूलना और साँस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण शामिल हैं.  

ये संक्रमण हालत बिगड़ने पर न्यूमोनिया की वजह बन सकता है जिससे किडनी ख़राब होने के अलावा मौत तक हो सकती है.

आपात समिति ने कोरोनावायरस की चुनौती से निपटने के लिए चीन सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की है. इस कड़ी में चीन सरकार यूएन एजेंसी के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए है और अन्य देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है.

इससे पहले भी आपात समिति की बैठक हुई थी लेकिन सार्वजनिक स्वास्थ्य एमरजेंसी घोषित करने पर सहमति नहीं बन पाई थी, हालांकि चीन में स्थिति की गंभीरता को स्वीकार किया गया था.