कोरोनावायरस: चीन से बाहर संक्रमित लोगों की संख्या 'आशंका से कहीं कम'

चीन में कोरोनोवायरस (COVID-19) संक्रमण के मामलों की बढ़ती संख्या के बीच यूएन विशेषज्ञ ने कहा है कि चीन से बाहर संक्रमण फैलने के मामले उतनी बड़ी संख्या में नहीं हैं जिनकी पहले आशंका जताई गई थी. विश्व स्वास्थ्य संगठन में स्वास्थ्य एमरजेंसी कार्यक्रम के प्रमुख डॉक्टर माइकल रायन ने स्पष्ट किया है कि भले ही वायरस संक्रमण की 'हिमशिला' फ़िलहाल उतनी विशाल ना हो, लेकिन जल्दबाज़ी में निष्कर्ष निकालने से बचना होगा.
गुरुवार को स्विट्ज़रलैंड के जिनीवा समय दोपहर 4 बजे तक COVID-19 संक्रमण के 46,550 मामलों की लैब में पुष्टि हुई है जिनमें अधिकांश चीन में हैं. अब तक 1,369 लोगों की मौत हो चुकी है.
लैब में परीक्षण के अलावा अब हुबेई प्रांत में सीटी स्कैन के ज़रिए भी संक्रमण का पता लगाने की कोशिशें हो रही हैं. जांच के इस नए तरीक़े से 13,332 मामलों का पता चला है.
चीन के बाहर 24 अन्य देशों में कुल 447 मामले सामने आए हैं और दो मरीज़ों की मौत हुई है. इनमें एक मौत फ़िलिपींस में और दूसरी जापान में हुई है.
I'm really grateful to all the laboratory #healthworkers around the world, including those in 🇰🇭 in this photo, who are conducting #COVID19 tests with such great care. Their expertise & humanity are fundamental to stop #coronavirus from spreading further. 📷: @PasteurCambodia pic.twitter.com/EGxubIadZN
DrTedros
डॉक्टर रायन ने बताया कि, “हम चीन के बाहर संक्रमण के मामलों में भारी बढ़ोत्तरी नहीं देख रहे हैं.”
चीन से बाहर संक्रमण के सबसे ज़्यादा मामले डायमंड प्रिन्सेस क्रूज़ जहाज़ पर पता चले हैं जिसे जापान के योकोहामा बंदरगाह पर अलग किया हुआ है.
अब तक 218 यात्रियों को COVID-19 संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है. दक्षिण चीन सागर में अन्य क्रूज़ जहाज़ों में सवार यात्रियों के संक्रमित होने की आशंका व्यक्त की गई है.
पत्रकारों से बात करते हुए डॉक्टर रायन ने बताया कि चीन, सिंगापुर और हॉंगकॉंग के अस्पतालों में छाती संबंधी बीमारियों के मरीज़ों की नियमित जांच में COVID-19 संक्रमण नहीं देखा गया है.
“आपात कक्षों में और सर्दियों में श्वसन तंत्र संबंधी बीमारियों की सामान्य निगरानी प्रक्रिया के तहत, उन हज़ारों नमूनों का परीक्षण किया जा रहा है जो COVID-19 के संदिग्ध मामले नहीं हैं.”
“इस समय हम उन नमूनों में COVID की उपस्थिति नहीं देख रहे हैं और इससे हमें संकेत मिलता है कि हिमशिला उतनी बड़ी नहीं है, लेकिन इसकी कोई गारंटी भी नहीं है.”
संक्रमण की व्यापकता या सभी मामलों का पता ना चल पाने की आशंका के मद्देनज़र चिंता अब भी कायम है.
उन्होंने बताया कि आमतौर पर दी जाने वाली एंटीवायरल दवाईयों के अलावा मरीज़ों के लिए अभी कोई उपचार नहीं है. इन्हीं दवाईयों को वर्ष 2003 में सार्स (SARS) महामारी के दौरान दिया गया था.
वैक्सीन व नई दवाईयों को विकसित करने में लंबा समय लग सकता है और उसके लिए करोड़ों डॉलर के निवेश की आवश्यकता होगी.
डॉक्टर रायन के मुताबिक नए आंकड़ों में संक्रमण के मामलों में उछाल देखा गया है जो इन मामलों को पता लगाने की प्रक्रिया में बदलाव को दर्शाता है.
अब से हुबेई प्रांत में, सिर्फ़ प्रशिक्षण प्राप्त मेडिकल कर्मचारियों लैब से पुष्टि के बजाए COVID-19 के संदिग्ध मामले की छाती के परीक्षण के ज़रिए भी पुष्टि कर पाएंगे. इससे मामलों का जल्द पता लगाने और मरीज़ों को जल्द इलाज मुहैया कराने में आसानी हो सकेगी.
“इससे क्लिनीक में मामलों के बारे में जल्द से जल्द जानकारी देने में मदद मिलेगी, और लैब से पुष्टि का इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा. इसका सीधा मतलब है कि लोगों की जल्द देखभाल की जा सकेगी.”
यूएन एजेंसी प्रमुख टैड्रोस एडेहनॉम घेबरेयेसस ने कंबोडिया प्रशासन के उस निर्णय की प्रशंसा की है जिसमें 'वैस्टरडैम' क्रूज़ जहाज़ को लगंर डालने की अनुमति दी गई है.
जहाज़ को कहीं भी प्रवेश की अनुमति नहीं मिल पा रही थी क्योंकि उस पर सवार यात्रियों के वायरस से संक्रमित होने की आशंका थी.
यूएन एजेंसी प्रमुख ने अपने ट्वीट में कहा कि, “जिन लोगों में सांस लेने या जठरांत्र (gastrointestinal) संबंधी सामान्य लक्षण दिखाई दिए हैं उनका उपचार किया जा रहा है. उनमें से 20 का COVID-19 वायरस के लिए परीक्षण किया गया है.”
उन्होंने बताया कि नमूनों को हैलीकॉप्टर के ज़रिए लैब में जांच के लिए भेजा गया है और जहाज़ पर सवार सभी यात्रियों व चालक दल के सदस्यों को अलग रखा गया है.
तीन क्रूज़ जहाज़ों को बंदरगाहों पर प्रवेश की अनुमति मिलने में या तो देरी का अनुभव हुआ है या फिर उन्हें इजाज़त नहीं मिल पाई है. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी प्रमुख के मुताबिक अक्सर ऐसा तथ्यों पर आधारित मूल्यांकन के बग़ैर किया गया.
“विश्व स्वास्थ्य संगठन सरकार को किसी भी प्रकार का अतिरिक्त समर्थन मुहैया कराने के लिए तैयार है, विशेषकर COVID-19 से निपटने के लिए तैयारियों की क्षमता के संबंध में.”