काँगो में सशस्त्र गुटों के हमले में ईबोला स्वास्थ्यकर्मियों की मौत

कॉंगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) में हथियारबंद गुटों ने घातक ईबोला बीमारी पर क़ाबू पाने के प्रयासों में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों को निशाना बनाकर हमला किया है जिसमें चार की मौत हुई है और पांच अन्य घायल हुए हैं. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के मुताबिक़ ये हमले ऐसे समय हुए हैं जब ईबोला के मामलों में कमी देखने को मिली है लेकिन ऐसी घटनाओं से बीमारी से निपटने की कोशिशों को धक्का लग सकता है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के बयान के अनुसार ये हमले बियाकाटो माइन्स कैंप और ईबोला से निपटने के लिए स्थापित एक समन्वयन कार्यालय पर हुआ.
#Ebola in #DRC was retreating. The two attacks that happened last night will give the outbreak force again. It is tragic that there will be more unnecessary suffering in communities that have already suffered so much. https://t.co/4SHJ11rZ97
DrTedros
यूएन एजेंसी के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने ट्विटर पर अपने संदेश में कहा, “डीआरसी के बियाकाओ माइन्स और मन्गीना में हथियारबंद गुटों के हमलों में ईबोला स्वास्थ्यकर्मी हताहत हुए हैं. अनिष्ट का भय सच साबित होने से हमारा दिल दहल गया है. हमारा ध्यान घायलों की देखभाल करने में और अन्य स्थानों पर स्टाफ़ की सुरक्षा सुनिश्चित करने में लगा है.”
यूएन एजेंसी के मुताबिक़ इन हमलों का शिकार लोगों में टीकाकरण टीम का एक सदस्य, दो ड्राइवर और एक पुलिस अधिकारी है. मृतकों में यूएन एजेंसी का कोई कर्मचारी नहीं है लेकिन एक कर्मचारी ज़ख़्मी हुआ है जबकि अन्य स्वास्थ्य विभाग से हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन स्वास्थ्यकर्मियों पर हमलों को लगातार रोकने की अपील जारी करता रहा है. इन हमलों से अब तक ईबोला बीमारी पर नियंत्रण में हुई प्रगति को झटका लगने का जोखिम बढ़ गया है. हाल के हफ़्तों में नए संक्रमणों की संख्या में एक बड़ी कमी देखने को मिली है.
हाल के समय में स्वास्थ्यकर्मियों, उपचार केंद्रों और समुदायों पर इतुरी और उत्तर किवू प्रांत में अक्सर हमले हुए हैं.
डीआरसी के इन्हीं दो प्रांतों में व्यापक रूप से ईबोला के मामले सामने आते रहे हैं और अगस्त 2018 में नए सिरे से बीमारी का फैलना शुरू हुआ था.
पूर्वी डीआरसी में सक्रिय हथियारबंद गुट स्थानीय लोगों को निशाना बनाते रहे हैं और बुधवार को बेनी के पास एक गांव में 19 लोगों की हत्या कर दी.
देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि आम लोगों के मारे जाने के बाद बेनी और बुतेम्बो में विरोध प्रदर्शन हुए हैं जिससे स्वास्थ्य गतिविधियां प्रभावित हुई हैं.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने बताया कि मंगलवार को कुछ स्वास्थ्यकर्मियों को अस्थाई रूप से बेनी से हटा लिया गया था लेकिन अधिकांश अब भी वहां मौजूद हैं और काम जारी रखे हुए हैं.
इसी महीने के आरंभ में इतुरी प्रांत के ल्वेम्बा क़स्बे में हमलावरों ने एक सामुदायिक स्वास्थ्यकर्मी को जान से मार दिया और उसका घर जला दिया.
इस घटना में स्वास्थ्यकर्मी की पत्नी भी गंभीर रूप से घायल हुई थी. मृतक एक सामुदायिक रेडियो स्टेशन में रिपोर्टर के रूप में भी काम करते थे और ईबोला बीमारी के प्रति जागरूकता का प्रसार कर रहे थे.
इस वर्ष की शुरुआत से अब तक ऐसे 300 हमले हो चुके हैं जिनमें छह लोगों की मौत हुई है 70 घायल हुए हैं.
डीआरसी में असुरक्षा व्याप्त है और पूर्वी डीआरसी में कई हथियारबंद गुट सक्रिय हैं जिनकी संख्या लगभग 100 है.
यूएन एजेंसी के मुताबिक़ बिगड़े सुरक्षा हालात के कारण ईबोला बीमारी से निपटने के प्रयास जटिल हो गए हैं.