वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

महात्मा गांधी का पथप्रदर्शक संदेश आज भी प्रकाशमान है - उपमहासचिव

संयुक्त राष्ट्र उप महासचिव आमिना जे मोहम्मद ने नई दिल्ली में महात्मा गाँधी स्मृति स्थल का दौरा करके पुष्प अर्पित किए और शांति घड़ियाल पर भी दस्तक दी. (8 सितंबर 2019)
UN India
संयुक्त राष्ट्र उप महासचिव आमिना जे मोहम्मद ने नई दिल्ली में महात्मा गाँधी स्मृति स्थल का दौरा करके पुष्प अर्पित किए और शांति घड़ियाल पर भी दस्तक दी. (8 सितंबर 2019)

महात्मा गांधी का पथप्रदर्शक संदेश आज भी प्रकाशमान है - उपमहासचिव

एसडीजी

"एक शांतिपूर्ण और टिकाऊ विश्व के लिए महात्मा गाँधी का चिरमय व पथप्रदर्शक संदेश आज भी प्रकाशमान है. उनका जीवन अहिंसक और सामाजिक सौहार्द्र के समय में नैतिक साहस की प्रेरणा देता है और हमें याद दिलाता है कि प्रभावशाली लोगों की गतिविधियाँ और आंदोलन किस तरह सामाजिक बदलावों के लिए प्रेरणास्रोत हो सकते हैं."

संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव आमिना जे मोहम्मद ने रविवार को नई दिल्ली में महात्मा गाँधी की समाधि के दर्शन करने के दौरान ये बात कही.

आमिना मोहम्मद मरुस्थलीकरण पर नई दिल्ली में हो रहे 14वें सम्मेलन में शिरकत करने के लिए रविवार को दिल्ली पहुँचीं.

गाँधी स्मृति 30 जनवरी मार्ग पर स्थित है. ये वही स्थान है जहाँ 30 जनवरी 1948 को महात्मा गाँधी की हत्या हुई थी जिसके बाद इस स्थान को 30 जनवरी नाम दे दिया गया था. 

महात्मा गाँधी को शांति, अहिंसा और टिकाऊ विकास के विश्व पैरोकारों में गिना जाता है.  

गाँधी स्मृति की यात्रा के दौरान आमिना जे मोहम्मद ने शांति घड़ियाल पर दस्तक दी और गांधी स्मृति पर पुष्प भी अर्पित किए.

उप महासचिव आमिना जे मोहम्मद ने गांधी स्मृति की अपनी यात्रा के समापन अवसर पर उन्होंने आगंतुक पुस्तिका में अपनी टिप्णी कुछ इस तरह लिखी –

"एक शांतिपूर्ण और टिकाऊ विश्व के लिए महात्मा गाँधी का चिरमय व पथप्रदर्शक संदेश आज भी प्रकाशमान है.

... उनका जीवन अहिंसक और सामाजिक सौहार्द्र के समय में नैतिक साहस की प्रेरणा देता है और हमें याद दिलाता है कि प्रभावशाली लोगों की गतिविधियाँ और आंदोलन किस तरह सामाजिक बदलावों के लिए प्रेरणास्रोत हो सकते हैं."

...उनके लिए, जै सा कि 21वीं सदी में हम सभी के लिए भी प्रासंगिक है, सामाजिक और पर्यावरण संबंधी आवश्यकताएँ भविष्य की एक समावेशी परिकल्पना का हिस्सा थीं, भारत को जलवायु कार्रवाई और एजेंडा 2030 पर एक महत्वपूर्ण नेतृत्व भूमिका निभानी है. 

... मेरा वास्तविक रूप में मानना है कि सर्वोदय यानी सभी का उत्थान और किसी को भी पीछे ना छोड़ देना और वैश्विक सत्याग्रह – यानी सत्य की क्षमता जैसे अभियान के ज़रिए ही विश्व में बदलाव लाया जा सकता है.”