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इदलिब में लाखों लोगों की आस मदद के लिए सुरक्षा परिषद पर

सीरिया से लेबनान जाने के लिए अपने परिवार के साथ सीमा पार करते समय अज्ञात विस्फोटकों से घायल हुआ नौ वर्षीय एक बच्चा. विस्फोटकों के निशान उसके चेहरे पर देखे जा सकते हैं.
©UNICEF/Kate Brooks
सीरिया से लेबनान जाने के लिए अपने परिवार के साथ सीमा पार करते समय अज्ञात विस्फोटकों से घायल हुआ नौ वर्षीय एक बच्चा. विस्फोटकों के निशान उसके चेहरे पर देखे जा सकते हैं.

इदलिब में लाखों लोगों की आस मदद के लिए सुरक्षा परिषद पर

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कार्यों के प्रमुख मार्क लोकॉक ने सुरक्षा परिषद को गुरूवार को बताया कि सीरिया के युद्धग्रस्त इलाक़े इदलिब में युद्धक गतिविधियाँ रोकने के लिए 2018 में लगभग एक साल पहले हुए समझौते के बावजूद बमबारी और लड़ाई अब भी जारी है, हर दिन ये सिलसिला देखा जा सकता है.

मार्क लोकॉक ने कहा कि वो इस मुद्दे पर सुरक्षा परिषद को पिछले कुछ महीनों के दौरान जानकारी दे चुके हैं कि कम से कम तीस लाख लोग ये हिंसा रुकवाने की उम्मीद सुरक्षा परिषद से लगाए हुए हैं. इनमें दो तिहाई महिलाएँ और बच्चे हैं. 

महासचिव की ताज़ा रिपोर्ट में अनुमान व्यक्त किया गया है कि सीरिया के पूर्वोत्तर इलाक़े में अप्रैल 2019 के बाद से 500 से भी ज़्यादा आम लोगों की मौत हो चुकी है और अन्य सैकड़ों घायल हुए हैं.

हाल के ही दिनों में 16 और 18 अगस्त के बीच हुए हवाई हमलों में 44 आम नागरिकों की मौत हो गई, 15 की मौत गत सोमवार को और 17 अन्य नागरिक तो कल ही यानी बुधवार को मारे गए.

मार्क लोकॉक का कहना था, "5 अगस्त को सशर्त युद्धविराम समाप्त हो जाने के बाद पिछले तीन सप्ताहों के दौरान दक्षिणी इदलिब के हमान्द इलाक़े से बहुत से समुदायों को वहाँ से निकाल दिया गया है."

"सेटेलाइट तस्वीरों में नज़र आता है कि पूरे के पूरे गाँवों और क़स्बों का नामो-निशान तक मिटा दिया गया है." इनमें से बहुत से लोग तुर्की की सीमा के निकटवर्ती इलाक़ों की तरफ़ चले गए हैं. जो लोग उन गाँवों और क़स्बों में बचे हैं, वो या तो तहख़ानों में पनाह लिए हुए हैं या उनके घरों के जो भी हिस्से बचे हैं, उनमें छुपे हुए हैं.

मार्क लोकॉक ने कहा कि मानवीय सहायता समुदाय इदलिब में और उसके आसपास के इलाक़ों में भारी चुनौतियों के बावजूद लोगों की मदद के लिए हर संभव मदद करने की कोशिश कर रहा है. लगभग 15 हज़ार सहायताकर्मी इस काम में लगे हुए हैं. इसमें लोगों के लिए रहने के स्थान बनाने, खाद्य और चिकित्सा सहायता व सामग्री मुहैया कराना शामिल है.

हर महीने लगभग दस लाख लोगों को सहायता मुहैया कराई जाती है जो अन्य देशों की सीमाओं से चलाए जाते हैं क्योंकि सीरिया के भीतर सहायता अभियान चलाना संभव नहीं है.

मार्क लोकॉक ने बताया कि अल होल में भी फिलहाल लगभग 68 हज़ार लोग शिविरों में बहुत दयनीय हालात में रहने को मजबूर हैं. इनमें से बहुत से लोगों ने आइसिल के हाथों हिंसा और प्रताड़ना झेली है.

उन्होंने बताया कि अमरीका और तुर्की देश के पूर्वोत्तर इलाक़े में एक सुरक्षित क्षेत्र बनाने में तालमेल कर रहे हैं. इसमें संयुक्त राष्ट्र कोई पक्ष नहीं है. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस प्रयास होने चाहिए और इसमें ज़रूरतमंद लोगों तक मानवीय सहायता सामग्री व अन्य मदद की गारंटी होना भी शामिल है.

हिंसा का भीषण स्तर

सीरिया के लिए विशेष दूत गियर पेडर्सन ने भी देश में हिंसा व अस्थिरता का स्तर अत्यंत चिंताजनक है. सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आम नागरिकों की मौतों की संख्या बढ़ रही है, लाखों लोग विस्थापित हो रहे हैं, हज़ारों लोगों को अज्ञात रूप में या तो बंदी बनाकर रखा गया है या ये लोग लापता हैं.

अनेक इलाक़े अलग-अलग पक्षों के क़ब्ज़े में हैं और आइसिल के लड़ाकों ने छापे वाले हमले बढ़ा दिए हैं. उन्होंने कहा कि इस सबके बावजूद अब भी एक वास्तविक राजनैतिक प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है.

उन्होंने कहा कि इस स्थिति को बदला जा सकता है और बदला ही जाना चाहिए.