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सीरिया: रोकना होगा जानमाल का नुक़सान और विशाल विस्थापन

सीरिाय के उत्तरी शहर इदलिब में विस्थापित लोगों के लिए बनाए गए एक शिविर में एक टैन्ट के सामने खेलते कुछ बच्चे. हिंसा में आई तेज़ी से लाखों लोग प्रभावित हैं.
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सीरिाय के उत्तरी शहर इदलिब में विस्थापित लोगों के लिए बनाए गए एक शिविर में एक टैन्ट के सामने खेलते कुछ बच्चे. हिंसा में आई तेज़ी से लाखों लोग प्रभावित हैं.

सीरिया: रोकना होगा जानमाल का नुक़सान और विशाल विस्थापन

शान्ति और सुरक्षा

सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गियर पीडरसैन ने कहा है कि सीरिया के पश्चिमोत्तर इलाक़े – इदलिब में हवाई और ज़मीनी हमलों में आई तेज़ी के कारण विस्थापित होने वाले लोगों की बाढ़ सी आ गई है और जान-माल का भी भारी नुक़सान हुआ है.

गियर पीडरसैन ने गुरूवार को सुरक्षा परिषद को ताज़ा स्थिति की जानकारी देते हुए कहा कि इन हालात से इंसानों को भारी तकलीफ़ हो रही है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता और ये तुरंत रुकनी होगी.

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कार्यों के प्रमुख मार्क लोकॉक (स्कीन पर बाएँ) और सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गियर पीडरसैन (स्क्रीन पर दाएँ) सुरक्षा परिषद को इदलिब की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए.
UN Photo/Eskinder Debebe
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कार्यों के प्रमुख मार्क लोकॉक (स्कीन पर बाएँ) और सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गियर पीडरसैन (स्क्रीन पर दाएँ) सुरक्षा परिषद को इदलिब की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए.

संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता मामलों के प्रमुख मार्क लोकॉक ने भी सीरिया में सैन्य गतिविधियों में आई तेज़ी से भीषण हुए हालात की जानकारी सुरक्षा परिषद के सामने रखी. उन्होंने इस स्थिति को ‘मानवीय त्रासदी’ क़रार दिया.

तीन करोड़ डॉलर की आपात राशि

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता विभाग के प्रमुख और मुख्य आपदा राहत संयोजक मार्क लोकॉक ने सीरिया के इदलिब इलाक़े में दिन ब दिन लगातार भीषण संकट का रूप लेती स्थिति का सामने करने वाले लोगों की मदद के लिए आपदा राहत कोष से तीन करोड़ डॉलर की राशि जारी करने की घोषणा की है.

मार्क लोकॉक ने कहा, “हमने शहर दर शहर में हर तरफ़ लोगों और वाहनों की क़तारें देखी हैं जहाँ लोग हवाई और ज़मीनी हमलों से बचने के लिए भागने की कोशिश कर रहे हैं. जो लोग वहाँ से बाहर निकल भी गए हैं, उन्हें अभी सुरक्षित ठिकाना नहीं मिला है.”

“लाखों लोग स्कूलों, मस्जिदों और अधूरी पड़ी इमारतों में पनाह लेने को मजबूर हैं. बहुत से लोगों ने कीचड़ में ही अपने टैन्ट लगाए हैं जिन्हें तेज़ और सर्द हवा, बारिश और कड़ाके की सर्दी का भी सामना करना है.”

संयुक्त राष्ट्र के आपदा राहत कोष से जारी राशि प्रभावित लोगों को इस सख़्त मौसम में ज़रूरी चीज़ें मुहैया कराने और ठहरने के लिए कुछ उपयुक्त ठिकाना उपलब्ध कराने के उपायों पर ख़र्च की जाएगी.

अंतरराष्ट्रीय सहयोग से हल

सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गियर पीडरसेन ने इदलिब क्षेत्र में ताज़ा सैन्य हमलों की स्थिति का ख़ाका पेश करते हुए बताया कि उसमें सीरिया सरकार द्वार किए जाने वाले हवाई और ज़मीनी हमले शामिल हैं.

सीरिया के पश्चिमोत्तर इलाक़े इदलिब के दक्षिणी हिस्से में विस्थापित लोगों लिए बनाए एक एक शिविर में सर्दी का मुक़ाबला करने की कोशिश करते कुछ बच्चे.
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सीरिया के पश्चिमोत्तर इलाक़े इदलिब के दक्षिणी हिस्से में विस्थापित लोगों लिए बनाए एक एक शिविर में सर्दी का मुक़ाबला करने की कोशिश करते कुछ बच्चे.

साथ ही सीरियाई और तुर्की सेनाओं के बीच झड़पें हो रही हैं और विपक्षी सशस्त्र संगठनों के अलावा आतंकवादी संगठन हयात तहरीर अल शाम द्वारा भी हमले किए जा रहे हैं.

विशेष दूत ने कहा कि लड़ाई बंद करने की संयुक्त राष्ट्र की अपील के बावजूद पिछले दो महीनों के दौरान सैकड़ों आम लोग मारे जा चुके हैं.

पाँच लाख से ज़्यादा विस्थापित हुए हैं और आम लोग ख़ुद को बेसहारा व निराश के गर्त में धकेल दिए जा चुके समझने को मजबूर हैं.

गियर पीडरसैन ने आगाह करते हुए कहा कि सीरिया की समस्या का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता, और ये संघर्ष तुर्की सीमा पर भी अब एक रक्तरंजित और लंबी अवधि तक चलने वाला संकट बन सकता है, स्वभाविक रूप से उसके आम आबादी के लिए बहुत भीषण परिणाम होंगे.

उन्होंने कहा कि अलबत्ता हिंसा और लड़ाई को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग के ज़रिए कामयाबी हासिल की जा सकती है.

साथ ही उन्होंने ये भी ज़ोर देकर कहा कि वो इस युद्ध में शामिल सभी पक्षों को एक अलग रास्ता अख़्तियार करने पर राज़ी करने के लिए अथक प्रयास करते रहेंगे.

उन्होंने सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों को याद दिलाया कि उन्हें सर्व-सम्मति से प्रस्ताव-2245 पारित किया था जिसमें सीरिया में एक राष्ट्रव्यापी युद्धविराम लागू किए जाने का आहवान किया गया है, साथ ही आतंकवाद का मुक़ाबला करने के लिए एक सहकारी रुख़ अपनाने पर भी ज़ोर दिया गया.

इस प्रस्ताव में सीरिया की संप्रभुता को पूर्ण सम्मान दिए जाने के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता के ज़रिए एक भरोसेमन्द और समावेशी राजनैतिक प्रक्रिया शुरू करने का भी प्रस्ताव किया गया है.