हिंसा और अस्थिरता से जूझते अफ़ग़ानिस्तान की आज़ादी के 100 वर्ष
अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन (UNAMA) के प्रमुख तादामीची यामामोतो ने कहा है कि स्वाधीनता के 100 वर्ष पूरे कर रहे अफ़ग़ानिस्तान के लिए यह एक अहम क्षण है और आने वाले दिनों में चुनावों से शांति स्थापना की दिशा में प्रगति होने की आशा है. लेकिन देश पर हिंसा और अस्थिरता का संकट अब भी मंडरा रहा है और हाल के दिनों में अफ़ग़ानिस्तान में आतंकी हमलों में आम लोगों को निशाना बनाया गया है जिसकी संयुक्त राष्ट्र ने कड़े शब्दों में निंदा की है.
रअफ़ग़ानिस्तान में यूएन सहायता मिशन के प्रमुख तादामीची यामामोतो ने सोमवार को एक बयान में कहा कि दशकों से चले आ रहे हिंसक संघर्ष के बावजूद अफ़ग़ान नागरिक एक स्थिर, शांतिपूर्ण और समृद्ध राष्ट्र के लिए संकल्पित हैं जहां महिलाओं और पुरुषों के मानवाधिकारों का समान रूप से सम्मान हो.
“संयुक्त राष्ट्र को एहसास है कि अफ़ग़ानिस्तान की स्वाधीनता के 100 वर्ष पूरे होने का अवसर अफ़ग़ानिस्तान के लिए इतिहास में एक अहम क्षण है.”
“सितंबर में होने वाले चुनावों के लिए तैयारियां अंतिम चरण में हैं जिनके ज़रिए लोगों की आवाज़ को सुने जाने और कई वर्षों के युद्ध के बाद शांति की दिशा में प्रगति की संभावना है. “
उनका संकेत तालेबान नेताओं और अमेरिका के बीच चल रही वार्ता की ओर था जिससे उम्मीद की जा रही है कि अफ़ग़ान सरकार के साथ बातचीत के ज़रिए एक स्थाई युद्धविराम की ओर बढ़ा जा सकेगा.”
लेकिन अफ़ग़ानिस्तान में हिंसा और हमले अब भी चुनौती बने हुए हैं.
हाल के दिनों में आम नागरिकों को निशाना बनाकर कई आतंकी हमले हुए हैं.
इनमें शनिवार को काबुल में एक विवाह समारोह के दौरान हुआ आत्मघाती बम हमला भी शामिल है जिसमें 63 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई और 180 से अधिक घायल हुए हैं.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने रविवार को अपने वक्तव्य में इस भयावह हमले की कड़ी निंदा करते हुए पीड़ितों के परिजनों, सरकार और अफ़ग़ान नागरिकों के प्रति गहरी संवेदना जताई है.
यह हमला 17 अगस्त की शाम को काबुल के पश्चिमी इलाक़े शहर-ए-दुबई में एक विवाह कार्यक्रम के दौरान किया गया.
शिया समुदाय के उस शादी समारोह में लगभग एक हज़ार लोग एकत्र थे. मिशन की एक मानवाधिकार टीम घटना के बारे में ज़्यादा जानकारी हासिल करने के तहत तथ्य एकत्र कर रही है.
न्यूज़ रिपोर्टों के अनुसार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के स्थानीय गुट ने इस आत्मघाती हमले की ज़िम्मेदारी ली है.
“एक हमले में जानबूझकर आम नागरिकों को निशाना बनाया जाना क्षुब्ध और व्यथित कर देने वाला है – इसे सिर्फ़ कायराना आतंकी कृत्य ही कहा जा सकता है. मैं आम नागरिकों पर जानबूझकर किए गए हमलों की निंदा करता हूं – इन हमलों का मक़सद पहले से ही पीड़ा सह चुके आम लोगों में भय फैलाना है.”
जिस विवाह इमारत में ये हमला हुआ वो काबुल के एक शिया मुसलमानों की घनी आबादी वाले इलाक़े में स्थित है.
संयुक्त राष्ट्र के अफ़ग़ान मिशन ने पहले भी हुए ऐसे हमलों का लेखा-जोखा तैयार किया है जिनमें जानबूझकर शिया मुसलमानों को निशाना बनाया गया.
संयुक्त राष्ट्र के अफ़ग़ान सहायता मिशन के मुखिया तादामीची यामामोतो ने कहा कि इन हमलों की भीषणता दिखाती है कि सुरक्षा के तरीक़ों और इंतज़ाम को और ज़्यादा मज़बूत करने की ज़रूरत है.
साथ ही जो लोग इस तरह के हमले करते हैं उन्हें न्याय के कटघरे में ज़रूर लाया जाए और उनके कृत्यों की जवाबदेही तय की जाए.
उन्होंने ये भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र तमाम अफ़ग़ान नागरिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है और अफ़ग़ानिस्तान के नेतृत्व वाली एक ऐसी शांति प्रक्रिया का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है जिससे युद्ध ख़त्म होकर टिकाऊ शांति क़ायम हो सके.