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कश्मीर में घटनाक्रम से 'मानवाधिकारों की स्थिति बदतर होगी'

श्रीनगर में तैनात सुरक्षाकर्मी (फ़ाइल).
Nimisha Jaiswal/IRIN
श्रीनगर में तैनात सुरक्षाकर्मी (फ़ाइल).

कश्मीर में घटनाक्रम से 'मानवाधिकारों की स्थिति बदतर होगी'

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) ने कहा है कि भारत प्रशासित कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संवैधानिक प्रावधान, अनुच्छेद 370, को ख़त्म किए जाने से वहां लोगों की बुनियादी लोकतांत्रिक आज़ादी पर जोखिम और ज़्यादा बढ़ जाएगा. यूएन मानवाधिकार एजेंसी ने क्षेत्र में संचार माध्यमों पर लगी पाबंदियों और सूचना पर पूरी तरह रोक लगाए जाने पर भी  गंभीर चिंता जताई है.

यूएन मानवाधिकार एजेंसी के प्रवक्ता रूपर्ट कोलविल ने मंगलवार को जिनीवा में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि ताज़ा घटनाक्रम से कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति और ज़्यादा बिगड़ने का ख़तरा है. 

प्रवक्ता ने कहा, “हमें गहरी चिंता है कि भारत प्रशासित कश्मीर में ताज़ा पाबंदियों से क्षेत्र में मानवाधिकारों की स्थिति और बदतर होगी. हम देख रहे हैं कि संचार माध्यमों पर फिर से पूर्ण रूप से पाबंदी लगाई गई है, शायद अभूतपूर्व तरीक़े से ज़्यादा सख़्त."

"राजनैतिक नेताओं को मनमाने ढंग से हिरासत में लिए जाने की ख़बरें हैं और शांतिपूर्ण ढंग से एकत्र होने पर पाबंदियाँ लाई गई हैं. ये पाबंदियाँ स्थानीय लोगों और उनके चुने हुए प्रतिनिधियों को भारत प्रशासित कश्मीर के भविष्य में दर्जे के बारे में होने वाली लोकतांत्रिक परिचर्चा में पूर्ण रूप से शामिल होने से रोकेंगी.”

यूएन मानवाधिकार प्रवक्ता ने ध्यान दिलाया कि भारत ने ‘इंटरनेशनल कॉवेनेन्ट ऑन सिविल एंड पॉलिटिकल राइट्स’ संधि पर हस्ताक्षर किए हैं जिसमें विचारों और अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार में सूचना चाहने, पाने और सूचना बाँटने का अधिकार भी शामिल है.

“कॉविनेन्ट के अनुच्छेद 19/3 में सदस्य देशों को सार्वजनिक व्यवस्था क़ायम रखने के लिए कुछ मामलों में पाबंदियां लगाने की अनुमति दी गई है. लेकिन इस कॉविनेन्ट की निगरानी करने वाली मानवाधिकार समिति ने चेतावनी दी है कि इस तरह की पाबंदियां सिर्फ़ बहुत आवश्यक हालात में और संतुलित होनी चाहिए और इन पाबंदियों से नागिरक अधिकारों पर असर नहीं पड़ना चाहिए. भारत प्रशासित कश्मीर से मौजूदा हालात में किसी भी तरह की सूचना का बाहर ना आना अपने आप में बेहद चिंताजनक है.”

प्रवक्ता कोलविल ने कश्मीर में हालात पर एजेंसी की 8 जुलाई को जारी की गई रिपोर्ट का भी ज़िक्र किया जिसमें आरोप लगाए गए हैं कि भारत सरकार ने बार-बार संचार नेटवर्कों पर पाबंदी लगाई, मनमाने ढंग से लोगों को हिरासत में लिया और विरोधियों को सज़ा दी.

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत भारत प्रशासित कश्मीर को व्यापक स्वायत्तता दी गई थी.   

भारत सरकार द्वारा इस घोषणा के बाद कश्मीर में हालात तनावपूर्ण हो गए हैं और पाकिस्तान से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हलचल बढ़ी है. 

सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के प्रवक्ता ने एक सवाल के जवाब में कहा कि संयुक्त राष्ट्र क्षेत्र में हालात पर चिंता भरी नज़र रखे हुए है और सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की गई है.