शिशु विकास के लिए माता-पिता की देखभाल ज़रूरी
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने दुनिया भर के नेताओं का आहवान किया है कि वो पारिवारिक जीवन को आसान और बेहतर बनाने वाली नीतियाँ बनाएँ ताकि माता-पिता और अभिभावकों को अपने बच्चों को जीवन की अच्छी शुरूआत देने में मदद मिल सके. इस बारे में और ज़्यादा जागरूकता बढ़ाने के लिए यूनीसेफ़ ने जून महीने को माता-पिता व अभिभावक महीना घोषित किया है.
यूनीसेफ़ का कहना है कि जून महीने के दौरान इस बारे में और ज़्यादा जागरूकता बढ़ने का प्रयास किया जा रहा है कि बच्चों के प्रारंभिक जीवन में समुचित सुरक्षा का माहौल, कुपोषण और प्रोत्साहन मासूम बच्चों के दिमाग़ों पर किस तरह से प्रभाव डालते हैं. इस अभियान के अंतर्गत तमाम देशें की सरकारों और व्यावसायिक संगठनों पर पारिवारिक जीवन को समर्थन और सहायता देने वाली नीतियाँ बनाने के लिए दबाव डाला जाएगा, विशेष रूप से कामकाजी माता-पिता और अभिभावकों को नज़र में रखते हुए.
इस अभियान के तहत इंटरनेट के ज़रिए माता-पिता और अभिभावकों के ऐसे समुदाय भी गठित करने पर ज़ोर दिया जा रहा है जिनके माध्यम से वो अपनी आवश्कताओं को पूरा करने के लिए भरोसेमंद सामग्री और मदद हासिल कर सकें.
A special message from our Goodwill Ambassador, David Beckham, on Global Day of Parents. https://t.co/acFJPUUbNE #EarlyMomentsMatter pic.twitter.com/tizZDHXDgo
UNICEF
इस अवसर पर एक जून को विश्व माता-पिता दिवस में भी मनाया गया. इस दिवस को दुनिया भर में तमाम माता-पिताओं के अपनी संतानों के लिए निस्वार्थ प्रतिबद्धता और इस रिश्ते को जीवन भर बलिदान भावना के साथ सींचने की सराहना करने के एक मौक़े के तौर पर भी इस्तेमाल किया गया.
यूनीसेफ़ के सदभावना दूत डेविड बैकहम ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से माता-पिता की ज़िम्मेदारी की महत्ता के बारे में काफ़ी भावनात्मक शब्दों में बात रखी...
“जब आपके बच्चे होते हैं, तो आप उन्हें पूरी सुरक्षा का वातावरण देना चाहते हैं, साथ ही आप उन्हें जीवन के गुर सिखाना चाहते हैं. मैं अपने बच्चों से सदैव ये कहता हूँ कि वो सभी के लिए सम्मान दिखाएँ, विनम्र रहें, और अन्य लोगों के साथ वैसा ही बर्ताव करें जैसाकि वो स्वयं अपने लिए चाहते हैं.”
यूनीसेफ़ ने ज़ोर देकर कहा है, “माता-पिता की भूमिका दुनिया भर में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है. माता-पिता और बच्चों की देखभाल करने वाले अन्य लोग बच्चों को वो पोषण, प्रोत्साहन और सुरक्षा का माहौल देने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जिनके माध्यम से बच्चों के मस्तिष्क का स्वस्थ विकास होता है.”
यूनीसेफ़ के अनुसार “जीवन के प्रथम कुछ वर्षों के दौरान बच्चे का दिमाग़ बहुत तेज़ी से विकसित होता है, इस बचपन काल में हर क्षण दस लाख से भी ज़्यादा नए दिमाग़ी तार जुड़ते हैं."
"दिमाग़ी विकास की इतनी बड़ी रफ़्तार पूरे जीवन में फिर कभी नहीं होती. इसलिए ये बचपन काल बच्चों का भविष्य संवारने और उसे एक स्वस्थ आकार देने का बेहतरीन मौक़ा होता है. इसमें बच्चे सीखने और शिक्षा हासिल करने, स्वस्थ तरीक़े से विकसित होने और फिर समाज में पूरी क्षमताओं के साथ योगदान करने के योग्य बनने की क्षमता विकसित करते हैं.”
निसंदेह हर माता-पिता अपने बच्चों के लिए सर्वश्रेष्ठ अवसर और वातावरण उपलब्ध कराना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए बहुत से माता-पिताओं और अभिभावकों आजीविका के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, दिन भर में लंबे घंटों तक कामकाज करना पड़ता है, और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए अक्सर घरों से दूर रहना पड़ता है.
इस वर्ष के मुख्य संदेश में समय की उपलब्धता पर विशेष बल दिया गया है जिसमें कहा गया है कि हर मात-पिता और अभिभावकों को अपने बच्चों की खाने-पीने, खालने और प्रेम पाने की आवश्यकताएँ पूरी करने के लिए समुचित समय की दरकार होती है ताकि उनके बच्चे अपने जीवन की स्वस्थ शुरूआत कर सकें.
यूनीसेफ़ का ये भी कहना है कि स्वस्थ परिवारों के आवश्यक नीतियों में कुछ ऐसी नीतियाँ शामिल हैं... ‘बच्चों की देखभाल के लिए माता-पिता और अभिभावकों को वेतन के साथ अवकाश मिलें, माताओं को अपने बच्चों को अपना दूध पिलाने के लिए समुचित समर्थन और अवकाश मिलें, बच्चों की देखभाल और बच्चों के नाम पर परिवार को अनुदान मिले, और इन सबके साथ हर माता-पिता और अभिभावक को समुचित समय और अवसर मिलें जिनके ज़रिए वो अपने बच्चों को मस्तिष्क के स्वस्थ विकास की बुनियाद रख सकें.’
यूनीसेफ़ का का कहना है कि सरकारों और कारोबारी संगठनों की ये संयुक्त ज़िम्मेदारी है कि “वो परिवार के अनुकूल वातावरण बनाने के लिए नीतियाँ लागू करें और ज़्यादा धन निवेश करें जिससे बेहतर, समृद्ध और समान समाजों का निर्माण हो सकेगा.”
शिशु विकास पर यूनीसेफ़ का छह बिंदू आहवान:
- ऐसी सेवाओं में तुरंत ज़्यादा धन और प्रयास निवेश किए जाएँ जिनसे बच्चों के प्रारंभिक जीवन में सर्वश्रेष्ठ शुरूआत करने का अवसर मिले, विशेषकर वंचित पृष्ठभूमि वाले बच्चों को.
- शिशुओं के विकास के लिए अहम सेवाओं को घरों, स्कूलों, सामुदायिक केंद्रों और स्वास्थ्य क्लीनिकों में उपलब्ध कराया जाए.
- शिशुओं के विकास और स्वस्थ परिवार के लिए अनुकूल वातावरण वाली नीतियों को राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाया जाए, साथ ही निजी क्षेत्र के लिए भी इन नीतियों को लागू करना अनिवार्य बनाया जाए.
- शिशु को के विकास को चिन्हित करने वाले आँकड़े एकत्र किए जाएँ और सबसे वंचित वातावरण में जीवन की शुरूआत करने वाले बच्चों की स्वास्थ्य प्रगति की रफ़्तार दर्ज की जाए.
- शिशु के विकास कार्यक्रमों को लागू करने के लिए सक्षम नेतृत्व उपलब्ध कराया जाए और सभी क्षेत्रों में इस दिशा में किए जा रहे तमाम प्रयासों का प्रभावशाली तालमेल सुनिश्चित किया जाए.
- शिशुओं के आरंभिक जीवन में उनका चौतरफ़ा विकास सुनिश्चित करने वाली सेवाओं में गुणवत्ता की माँग को प्रोत्साहित किया जाए.