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कांगो में ऐतिहासिक चुनाव प्रक्रिया के लिए 'नाज़ुक हैं अगले कुछ दिन'

कांगो में संयुक्त राष्ट्र की वरिष्ठ अधिकारी लेला ज़ेरोगी सुरक्षा परिषद को जानकारी देते हुए.
UN Photo/Eskinder Debebe
कांगो में संयुक्त राष्ट्र की वरिष्ठ अधिकारी लेला ज़ेरोगी सुरक्षा परिषद को जानकारी देते हुए.

कांगो में ऐतिहासिक चुनाव प्रक्रिया के लिए 'नाज़ुक हैं अगले कुछ दिन'

शान्ति और सुरक्षा

कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में संयुक्त राष्ट्र की वरिष्ठ अधिकारी ने सुरक्षा परिषद को चुनाव के बाद की स्थिति पर जानकारी देते हुए कहा है कि  ऐतिहासिक चुनावों में हिस्सा लेकर लाखों लोगों ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अपनी आस्था प्रदर्शित की है लेकिन अगले कुछ दिन देश के लिए नाज़ुक हैं. 

कांगो में संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिनिधि और स्थायित्व मिशन (MONUSCO) की प्रमुख लेला ज़ेरोगी ने कहा कि कांगो के मतदाताओं ने परिपक्वता और संयम का परिचय दिया है. तयशुदा कार्यक्रम मेंं दो साल की देरी के बाद राष्ट्रपति चुनावों के लिए मतदान 30 दिसंबर को हुआ था.

वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, "एक ऐसे समय जब चुनाव प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है और कांगो के इतिहास में पहली बार शांतिपूर्ण ढंग से सत्ता का हस्तांतरण होने की तैयारी चल रही है हमें लोगों के साथ मज़बूती से खड़ा होना चाहिए." 

चुनाव नतीजों में फ़ेलिक्स त्शिसेकेदी को विजयी घोषित किया गया था लेकिन एक अन्य विपक्षी उम्मीदवार मार्टिन फ़यालु ने नतीजों को ठुकराते हुए अदालत में चुनौती दी है. फ़यालु ने चुनाव अधिकारियों पर धांधली का आरोप लगाया है. यूएन अधिकारी ज़ेरोगी का मानना है कि चुनाव परिणाम के ख़िलाफ असंतोष से देश में अस्थिरता फैल सकती है. 

ज़ेरोगी के अनुसार कांगो में स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय चुनाव पर्यवेक्षकों की रिपोर्टें बताती हैं कि तकनीक, इंतज़ाम और सुरक्षा से जुड़ी कुछ मुश्किलों को छोड़ दें तो आम तौर पर लोगों को वोट देने से नहीं रोका गया और चुनाव नतीजों में देरी के बावजूद क़ानून व्यवस्था भंग नहीं हुई.

विजयी उम्मीदवार त्शिसेकेदी के उस बयान का ज़ेरोगी ने स्वागत किया है जिसमें उन्होंने कांगो के सभी लोगों का प्रतिनिधित्व करने की बात कही है.

कुछ इलाक़ों से हिंसक घटनाओं की ख़बरें आ रही हैं. क्विलू प्रांत में हिंसक प्रदर्शन हुए हैं जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई है. यूएन मिशन की टीम को वहां तथ्य जुटाने और तनाव कम करने के इरादे से भेजा गया है. 

देश के तीसरे सबसे बड़े शहर किसनगनी से लोगों को गिरफ़्तार किए जाने और घायल होने की अपुष्ट रिपोर्टें भी मिली हैं. राजधानी किन्शासा के कुछ हिस्सों में भी तनाव पसरा है. 

ज़ेरोगी ने कहा कि हिंसक घटनाओं की वह निंदा करती हैं और कांगो की जनता और सुरक्षा बलों से अपील करती हैं कि वे इस मुश्किल समय में शांति और संयम का पालन करें. अंतिम नतीजों की घोषणा अगले एक हफ़्ते में हो सकती है और इस दौरान वह सभी पक्षों से बात कर प्रयास जारी रखेंगी ताकि न्यायिक व्यवस्था के अनुरूप ज़िम्मेदारी से काम हो सके."