डीआरसी: राजनैतिक तनाव, सशस्त्र हमले, विस्थापन और कोविड चुनौतियाँ दरपेश

काँगो लोकतान्त्रिक गणराज्य (डीआरसी) में यूएन मिशन की अध्यक्ष लैला ज़ैरूगुई ने सोमवार को सुरक्षा परिषद को बताया है कि देश में, अनेक तरह के ख़तरों और जोखिमों का सामना कर रहे नागरिकों को, सरकारी संस्थानों द्वारा, स्थिरता और सुरक्षा मुहैया कराए जाने की सख़्त ज़रूरत है.
काँगो लोकतान्त्रिक गणराज्य में यूएन स्थिरता मिशन (MONUSCO) की प्रमुख लैला ज़ैरूगुई ने देश में बढ़ते राजनैतिक तनावों के बारे में आगाह किया है, जिनमें सत्तारूढ़ गठबन्धन में दरारों के साथ-साथ, राष्ट्रपति की तरफ़ से राष्ट्रीय एसेम्बली को भंग किये जाने का ख़तरा भी शामिल है.
उन्होंने बताया कि पिछले महीने के दौरान, यूएन मिशन के नेतृत्व ने, देश में अनेक प्रतिनिधियों के साथ मुलाक़ातें की हैं जिनमें सिविल सोसायटी कार्यकर्ता भी शामिल हैं.
इन मुलाक़ातों में, देश की सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता के लिये और ज़्यादा ख़तरे पैदा करने वाली भड़काई कार्रवाइयों से बचने को कहा गया है.
सभी को अपने मतभेद, आपसी बातचीत के ज़रिये दूर करने के लिये भी प्रोत्साहित किया गया है.
उन्होंने भरोसा दिलाया कि एक त्वरित और शान्तिपूर्ण समाधान का रास्ता आसान बनाने के लिये, संयुक्त राष्ट्र अपना काम जारी रखेगा.
काँगो के लिये संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिनिधि ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि अत्याचार करने वालों की जवाबदेही त किया जाना भी बहुत ज़रूरी है.
इसी सन्दर्भ में, उन्होंने बलात्कार, यौन दासता और युद्धक गतिविधियों में इस्तेमाल करने के लिये बच्चों की भर्ती सहित युद्धापराधों के लिये न्ताबो नताबेरी शेका पर मुक़दमा चलाए जाने और अपराध साबित होने के मामले का भी ज़िक्र किया.
यूएन अधिकारी ने काँगो के पूर्वी इलाक़े में मौजूदा स्थिति पर चिन्ता व्यक्त की, जहाँ असुरक्षा, मानवाधिकारों के गम्भीर उल्लंघन और लोगों के विस्थापन के कारण, आम लोगों की ज़िन्दगी प्रभावित हो रही है, ख़ासतौर से महिलाओं और बच्चों की.
लैला ज़ैरूगुई ने बताया कि अनेक इलाक़ों में राष्ट्रीय और विदेशी सशस्त्र गुटों की हिंसा लगातार जारी है जिसके कारण, सरकारी भूमिका और प्राधिकार का दायरा बढाने और आम लोगों को हिंसा से बचाने के लिये, यूएन मिशन की भूमिका और भी ज़्यादा अहम हो जाती है.