हेती: महिलाओं व बच्चों के विरुद्ध ‘अकल्पनीय हिंसा’, यूनीसेफ़
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – (UNICEF) ने सोमवार को कहा है कि हेती में लगातार जारी हिंसा, सबसे निर्बल परिस्थितियों वाले नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण के लिए बहुत चिन्ता की बात है, जिनमें विशेष रूप से महिलाएँ और बच्चे हैं. संगठन ने, हेती में अपहरणों और अन्य अपराधों में चिन्ताजनक बढ़ोत्तरी की ख़बरों के मद्देनज़र ये बात कही है.
यूनीसेफ़ के अनुसार, वर्ष 2023 के पहले छह महीनों के दौरान, लगभग 300 पुष्ट मामले दर्ज किए गए, जोकि पूरे वर्ष 2022 के दौरान दर्ज किए गए, कुल मामलों के बराबर हैं. साथ ही, ये संख्या वर्ष 2021 में दर्ज हुए मामलों की लगभग तीन गुनी है.
लातिन अमेरिका और कैरीबियाई क्षेत्र के लिए यूनीसेफ़ के क्षेत्रीय निदेशक गैरी कॉनील ने एक प्रैस विज्ञप्ति में कहा है, “धरातल पर काम करने वाले यूनीसेफ़ स्टाफ़ और साझीदारों से जो दास्तानें सुनने को मिल रही हैं, वो दिल दहला देने वाली और अस्वीकार्य हैं.”
उन्होंने कहा, “अपहरणों का बढ़ता चलन, बेहद चिन्ताजनक है, जो हेती के लोगों, और उनकी मदद के लिए देश में पहुँचे लोगों को समान रूप से जोखिम में डाल रहा है.”
अधिकतर मामलों में, सशस्त्र गुट, बच्चों और महिलाओं को जबरन अपने क़ब्ज़े में ले लेते हैं और धन या रणनैतिक लाभों के लिए उनकी सौदेबाज़ी करते हैं.
जो पीड़ित जन, अपने घरों को वापिस लौट पाते हैं, वो गहरे शारीरिक और मनोवैज्ञानिक ज़ख़्मों से जूझते हैं, अक्सर अनेक वर्षों तक.
महिलाएँ और बच्चे, सौदेबाज़ी की चीज़ नहीं
यूनीसेफ़ के अनुसार, हेती में सम्पूर्ण स्थिति हृदयविदारक है. इस समय लगभग 52 लाख लोग, यानि देश की लगभग आधी आबादी को, मानवीय सहायता की आवश्यकता है, जिनमें क़रीब 30 लाख बच्चे हैं.
बच्चे अक्सर या तो विभिन्न गुटों के बीच होने वाली गोलीबारी की चपेट में आ जाते हैं, या उन्हें प्रत्यक्ष निशाना बनाया जाता है.
महिलाओं व लड़कियों को यौन हिंसा का निशाना बनाया जाता है क्योंकि सशस्त्र गुट, क्षेत्र और नियंत्रण के लिए अपनी लड़ाई में, आबादी को आतंकित करते हैं, मुख्य रूप से राजधानी पोर्ट ओ प्रिंस और अन्य क्षेत्रों में.
गैरी कॉनील ने तमाम अपहृत महिलाओं व लड़कियों की तत्काल रिहाई और सुरक्षित वापसी की पुकार लगाते हुए कहा है, “महिलाएँ और बच्चे कोई उपभोक्ता वस्तुएँ नहीं हैं. वो सौदेबाज़ी की चीज़ें भी नहीं हैं. और उन्हें कभी भी, इस तरह की अकल्पनीय हिंसा का निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए.”
स्वास्थ्य व्यवस्था विघटन के निकट
समाचारों से संकेत मिलता है कि अपराध और हिंसा वृद्धि के साथ-साथ, स्थानीय स्वास्थ्य व्यवस्थाएँ, विघटन के नज़दीक पहुँच गई हैं, और उन पर हैज़ा और अत्यन्त गम्भीर कुपोषण का भी भारी बोझ है.
यूनीसेफ़ का कहना है कि हिंसा, लूटपाट, सड़क व्यवधान, और हर जगह सशस्त्र गुटों की मौजूदगी, मानवीय सहायता के प्रयासों को बाधित करती है, जिससे प्रभावित समुदायों को बेहद ज़रूरी सहायता सामग्री पहुँचाना कठिन है.
वर्ष 2021 में हेती के राष्ट्रपति की हत्या किए जाने के बाद, देश एक गहन राजनैतिक संकट के गर्त में धँस गया, जिसमें सुरक्षा में अभूतपूर्व व्यवधान उत्पन्न होने के कारण, और भी बढ़ोत्तरी हुई है.