यमन: ‘ युद्ध के प्रबन्धन की नहीं, उसे ख़त्म करने की ज़रूरत’

यमन में सात साल के युद्ध के दौरान, बच्चों को भारी तकलीफ़ें उठानी पड़ी हैं.
©UNICEF/Owis Alhamdan
यमन में सात साल के युद्ध के दौरान, बच्चों को भारी तकलीफ़ें उठानी पड़ी हैं.

यमन: ‘ युद्ध के प्रबन्धन की नहीं, उसे ख़त्म करने की ज़रूरत’

शांति और सुरक्षा

यमन के लिये संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत हैंस ग्रण्डबर्ग ने सोमवार को कहा है कि शान्ति की दिशा में आवश्यक व निर्णायक क़दम उठाने में यमन की मदद करना, सुरक्षा परिषद की संयुक्त ज़िम्मेदारी है.

विशेष दूत हैंस ग्रण्डबर्ग ने सुरक्षा परिषद में राजदूतों को सम्बोधित करते हुए, मौजूदा युद्ध विराम को लागू करने, उसका विस्तार करने और उसका दायरा बढ़ाने में लगातार अन्तरराष्ट्रीय समर्थन की अहमियत को भी रेखांकित किया; और “युद्ध का केवल प्रबन्धन किये जाने की नहीं, बल्कि युद्ध को समाप्त करने की ज़रूरत” पर भी ज़ोर दिया.

एक दीर्घकालिक शान्ति

यूएन दूत ने मौजूदा युद्ध विराम 2 अक्टूबर तक बढ़ाने के लिये, सभी पक्षों की सराहना की. इस युद्ध विराम समझौते की बदौलत, सात साल से चले आ रहे इस युद्ध में, अभी तक सबसे लम्बा विराम सम्भव हो सका है.

ये युद्ध विराम समझौता, मानवीय सहायता और आर्थिक उपायों के अतिरिक्त, यमनी लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और युद्ध समाप्ति के लिये कुछ और क़दम उठाने की ख़ातिर, बातचीत करने के लिये दो महीने और मुहैया कराता है.

संयुक्त राष्ट्र के समर्थन से पहला युद्ध विराम समझौता 2 अप्रैल 2022 को लागू हुआ था, जिसे उसके बाद से दो-दो महीने के लिये बढ़ाया जाता रहा है.

युद्ध विराम की गतिविधियाँ

यमन की एक 12 वर्षीय लड़की, अपने छोटे भाई को गणित की पढ़ाई में मदद करती है.
© UNICEF/Areej Alghabri
यमन की एक 12 वर्षीय लड़की, अपने छोटे भाई को गणित की पढ़ाई में मदद करती है.

विशेष दूत ने बताया कि युद्ध विराम समझौता लागू होने के लगभग साढ़े चार महीनों के भीतर, सैन्य नज़रिये से, इस समझौते पर व्यापक रूप से पालन होता रहा है.

देश के भीतर ना तो किसी सैन्य अभियान और ना ही किसी हवाई हमले की पुष्टि हुई है, और ना ही यमन के भीतर से कोई सीमा पार हमले हुए हैं.

उन्होंने ध्यान दिलाया कि वैसे तो आम लोगों के हताहत होने की संख्या में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है, फिर भी चिन्ताजनक घटनाक्रम ये देखा गया है कि बाल हताहतों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखी गई है, जोकि अब हताहत होने वाले आम लोगों की कुल संख्या का लगभग 40 प्रतिशत हो चुकी है.

संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता मामलों की एजेंसी – OCHA में एक वरिष्ठ अधिकारी (सुश्री) ग़ादा मुदावी ने सुरक्षा परिषद को, यमन की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने, युद्ध विराम समझौते के पुष्टिकरण व निरीक्षण की प्रणाली और समुचित धन का प्रबन्ध करने के लिये ज़रूरी क़दमों के बारे में ताज़ा जानकारी मुहैया कराई.