हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका: सूखे से बर्बाद फ़सलें, मरते मवेशी, बढ़ती भूख की मार
विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने चेतावनी जारी की है कि 'हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका' क्षेत्र में एक करोड़ से अधिक लोगों को हर दिन गम्भीर भूख की मार झेलनी पड़ रही है. इथियोपिया, केनया और सोमालिया में लगातार कुछ वर्षों में पर्याप्त बारिश ना होने के कारण फ़सलें तबाह हो गई हैं और बड़ी संख्या में मवेशियों की मौतें हुई हैं.
क्षेत्र में भयंकर सूखे के बाद, वर्ष 1981 के बाद से पहली बार इतनी चिन्ताजनक परिस्थितियाँ उत्पन्न हुई हैं.
जल और चारागाहों की क़िल्लत होने के कारण, परिवारों को मजबूरी में अपना घर छोड़ना पड़ रहा है, जिससे समुदायों के बीच टकराव बढ़ रहा है.
“Harvests ruined, livestock dying and hunger is growing as recurrent droughts affect 13 million people in the Horn of Africa.” @micdunford, Regional Director for @WFP Regional Bureau for Eastern Africa. WFP calls for US$ 327m to respond to the crisis.👉https://t.co/EWnpqLeIKu pic.twitter.com/H0K6XuP40C
WFP_Africa
पूर्वी अफ़्रीका में यूएन एजेंसी के क्षेत्रीय निदेशक माइकल डनफ़र्ड ने कहा, “हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका में बार-बार सूखा पड़ने के कारण पैदावार बर्बाद हो गई है, मवेशी मर रहे हैं, और भूखे लोगों की संख्या बढ़ रही है.”
इस बीच, आने वाले दिनों में वर्षा के औसत से नीचे रहने का अनुमान जताया गया है, जिससे हालात के और गम्भीर होने की आशंका है.
सूखे के कारण दक्षिणी और दक्षिण-पूर्वी इथियोपिया, दक्षिणपूर्वी और उत्तरी केनया, और दक्षिण-मध्य सोमालिया में चारागाहों और किसान आबादी पर असर हुआ है.
मुख्य खाद्य वस्तुओं की क़ीमतों में तेज़ वृद्धि हुई है, महंगाई बढ़ी है, और कृषि श्रम के लिये माँग में कमी आई है, जिससे परिवारों के लिये भोजन की व्यवस्था कर पाना मुश्किल हो गया है.
तत्काल कार्रवाई के अभाव में क्षेत्र में कुपोषण की समस्या गहराने की आशंका व्यक्त की गई है.
विशाल ज़रूरतें
इथियोपिया में गम्भीर सूखे की वजह से 57 लाख लोगों के प्रभावित होने का अनुमान व्यक्त किया गया है, जिन्हें खाद्य सहायता की आवश्यकता है.
सोमाली क्षेत्र में, यूएन एजेंसी 29 लाख लोगों के लिये खाद्य समर्थन सुनिश्चित करने के लिये प्रयासों में तेज़ी ला रही है.
साढ़े पाँच लाख से अधिक कुपोषित बच्चों और माताओं को पोषण उपचार मुहैया कराया गया है, और 80 हज़ार घरों में माताओं व शिशुओं में कुपोषण की रोकथाम के लिये मदद प्रदान की जा रही है.
पिछले वर्ष सितम्बर में, केनया सरकार ने सूखे को राष्ट्रीय आपात स्थिति घोषित किया था, जहाँ 28 लाख लोगों को सहायता की दरकार है.
यूएन एजेंसी ने सर्वाधिक प्रभावित इलाक़ों में आठ लाख 90 हज़ार से अधिक लोगों तक तत्काल मदद पहुँचाने के लिये लक्षित प्रयास किये हैं.
महिलाओं व बच्चों में कुपोषण के उपचार व रोकथाम की सेवाओं को बढ़ाया जा रहा है और लघु किसानों को सूक्ष्म-बीमा समर्थन के दायरे में लाया जाएगा.
जीवनरक्षक सहायता
विश्व खाद्य कार्यक्रम ने इन तीन सूखा-प्रभावित देशों में ज़रूरतमन्द समुदायों तक भोजन व पोषण सहायता पहुँचाने का कार्य जारी रखा है.
इसके अलावा, परिवारों को नक़दी और बीमा योजनाएँ भी मुहैया कराई गई हैं, ताकि मवेशियों के लिये भोजन की व्यवस्था की जा सके.
वर्ष 2011 में सोमालिया में भुखमरी के कारण क़रीब ढाई लाख लोगों की मौत हो गई थी.
इस विशाल मानवीय आपदा जैसे हालात से बचने के लिये, हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका में एक क्षेत्रीय सूखा कार्रवाई योजना पेश की गई है.
इसके तहत, अगले छह महीनों में 45 लाख लोगों की तात्कालिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये 32 करोड़ डॉलर की रक़म की अपील की गई है.
इसके ज़रिये, समुदायों में चरम जलवायु व्यवधानों से निपटने के लिये सहनक्षमता विकसित करने पर ज़ोर दिया जाएगा.