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लोकतान्त्रिक फ़लस्तीन के निर्माण में चुनावों की अहम भूमिका - यूएन प्रमुख

ग़ाज़ा की एक मस्जिद में कोविड-19 से ऐहतियाती उपायों के तहत सफ़ाई की जा रही है.
UNDP PAPP/Abed Zagout
ग़ाज़ा की एक मस्जिद में कोविड-19 से ऐहतियाती उपायों के तहत सफ़ाई की जा रही है.

लोकतान्त्रिक फ़लस्तीन के निर्माण में चुनावों की अहम भूमिका - यूएन प्रमुख

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि इसराइल द्वारा क़ब्ज़ा किये हुए फ़लस्तीनी इलाक़ों में इस वर्ष होने वाले चुनाव, फ़लस्तीनी एकता की दिशा में अहम क़दम होंगे. फ़लस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने, इस वर्ष पश्चिमी तट, ग़ाज़ा और क़ाबिज़ पूर्वी येरुशलम में चुनाव कराए जाने की, हाल ही में घोषणा की है, और ये चुनाव, पिछले 15 वर्ष में पहली बार होंगे.  

 यूएन प्रमुख ने फ़लस्तीनी लोगों के अपरिहार्य अधिकारों पर यूएन समिति (Committee on the Exercise of the Inalienable Rights of the Palestinian People) को सम्बोधित करते हुए कहा कि मतदान से राष्ट्रीय संस्थाओं को नए सिरे से मान्यता मिलेगी और एक लोकतान्त्रिक संसद व सरकार चुनी जाएँगी. 

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“सर्वजन के लिये समान अधिकारों और क़ानून के राज की बुनियाद पर तैयार एक लोकतान्त्रिक फ़लस्तीनी राज्यसत्ता के निर्माण में चुनाव एक अहम घटक हैं.”

“इन प्रयासों में समिति का समर्थन बेहद महत्वपूर्ण है.”

संयुक्त राष्ट्र समिति की इस वर्ष होने वाली यह पहली बैठक है. 

फ़लस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने, कुछ सप्ताह पहले ही, पश्चिमी तट, ग़ाज़ा और क़ाबिज़ पूर्वी येरुशलम में, संसदीय और राष्ट्रीय पद के लिये चुनाव, इसी वर्ष कराए जाने की घोषणा की है, जोकि पिछले 15 वर्षों में पहले चुनाव होंगे.  

महासचिव ने कहा है कि वर्ष 2021, भारी परीक्षाओं और अवसरों का साल है. 

“यह हमारे लिये चुनौती है कि कोविड-19 महामारी का सामना करते हुए हम किस तरह शान्ति स्थापित करते हुए, उसे बनाए रखने के रास्ते तलाश करें.”

संयुक्त राष्ट्र और उसके साझीदार संगठन कोरोनावायरस के फैलाव पर क़ाबू पाने में फ़लस्तीनी सरकार के प्रयासों और टीकाकरण कार्यक्रम की तैयारियों को सहारा दे रहे हैं. 

महामारी का फ़लस्तीनियों पर गम्भीर असर हुआ है, विशेष रूप से ग़ाज़ा में जहाँ पिछले एक दशक से ज़्यादा समय से इसराइली नाकाबन्दी यानि प्रतिबन्ध लागू हैं. 

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि यूएन दूत मध्य पूर्व में शान्ति वार्ता को समर्थन देते हैं और इसराइल को, फ़लस्तीनियों की प्राथमिकता वाली ज़रूरतें पूरी करने के लिये प्रोत्साहित करते हैें.

साथ ही, इसराइल को, कोविड-19 महामारी की वैक्सीन की उपलब्धता, अन्तरराष्ट्रीय उत्तरदायित्वों के तहत, सुनिश्चित करानी अहम होगा.

महासचिव गुटेरेश ने लम्बे समय से चले आ रहे मतभेदों को सुलझाने और दो राष्ट्र का समाधान हासिल करने के लिये यूएन के संकल्प को फिर रेखांकित किया है. 

यूएन प्रमुख ने कहा कि वार्ता की मेज़ पर वापसी में मदद के लिये यूएन समिति की अहम भूमिका है. 

उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति अब्बास ने यूएन के तत्वाधान में अन्तराष्ट्रीय शान्ति सम्मेलन बुलाए जाने का आग्रह किया है, जोकि क्षेत्र में शान्ति को बढ़ावा देने का एक अवसर है.  

महासचिव ने दोनों पक्षों से ऐसी एकतरफ़ा कार्रवाई से बचने का आग्रह किया है जिससे शान्ति प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की सम्भावनाओं के लिये जोखिम उत्पन्न होता हो.