वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

विश्व स्वास्थ्य ऐसेम्बली: कोविड-19 पर जवाबी कार्रवाई के 'व्यापक मूल्याँकन' पर सहमति

काँगो गणराज्य में कोविड-19 से मुक़ाबले के प्रयासों के तहत यूएन एजेंसी ने अप्रैल 2020 में मेडिकल सामान भेजा था.
WHO
काँगो गणराज्य में कोविड-19 से मुक़ाबले के प्रयासों के तहत यूएन एजेंसी ने अप्रैल 2020 में मेडिकल सामान भेजा था.

विश्व स्वास्थ्य ऐसेम्बली: कोविड-19 पर जवाबी कार्रवाई के 'व्यापक मूल्याँकन' पर सहमति

स्वास्थ्य

मंगलवार को विश्व स्वास्थ्य ऐसेम्बली के वर्चुअल सत्र में वैश्विक महामारी कोविड-19 के ख़िलाफ़ जवाबी कार्रवाई की स्वतन्त्र रूप से समीक्षा कराए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया है. इस प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी – विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रदर्शन के मूल्याँकन की बात भी कही गई है.  विश्व स्वास्थ्य ऐसेम्बली यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के कामकाज के वार्षिक निरीक्षण से जुड़ा आयोजन है. 

संगठन के इतिहास में पहली बार 18-19 मई को ये ऐसेम्बली जिनीवा में टेलीकॉन्फ्रेन्सिन्ग के ज़रिये आयोजित की गई. 

इस ऐसेम्बली में दुनिया भर में अब तक 47 लाख लोगों को संक्रमित करने वाले और तीन लाख से ज़्यादा लोगों की जान लेने वाले कोरोनावायरस से प्रभावी ढंग से निपटने पर चर्चा हुई. 

Tweet URL

विश्व स्वास्थ्य ऐसेम्बली के 73वें सत्र के दौरान कार्यकारी बोर्ड में दस नए सदस्य देशों का चुनाव भी किया गया:  इनमें भारत, बोत्सवाना, कोलंबिया, घाना, गिनी बिसाउ, मैडागास्कर, ओमान, कोरिया गणराज्य, रूसी फ़ेडरेशन और युनाइटेड किन्गडम हैं.

संगठन के कार्यकारी बोर्ड में सदस्य देशों को तीन साल की अवधि के लिए चुना जाता है. बोर्ड में 34 सदस्य होते हैं जिसमें हर प्रतिनिधि की नियुक्ति सदस्य देश द्वारा की जाती है. 

दो दिवसीय वर्चुअल ऐसेम्बली के दौरान अमेरिकी नेतृत्व की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 के शुरुआती दिनों में उसके फैलाव को रोकने के लिए पर्याप्त गति से क़दम नहीं उठाए. 

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने सोमवार को ट्विटर के ज़रिये यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख को भेजे अपने एक पत्र में, स्वास्थ्य संगठन के समक्ष ठोस सुधार लागू करने के लिए 30 दिनों की समयसीमा निर्धारित की थी, और ऐसा ना किए जाने कि स्थिति में स्वास्थ्य एजेंसी को दी जाने वाली रक़म खोने के जोखिम की बात कही गई थी. 

वैक्सीन, उपचार और आकलन पर प्रस्ताव

इस प्रस्ताव को विश्व स्वास्थ्य संगठन के सभी 194 सदस्य देशों ने सर्वसम्मति से पारित किया है.

प्रस्ताव में कोविड-19 महामारी के उपचार और वैक्सीन को तेज़ी से विकसित करने और व्यापक स्तर पर उत्पादन और वितरण के उपायों व विकल्पों की शिनाख़्त करने का आहवान किया गया है. 

इस कार्य में अन्तरराष्ट्रीय संगठनों को साथ मिलकर काम करना होगा, वैक्सीन और उपचार की सुलभता के उपाय करने होंगे ताकि सुरक्षित, असरदार, गुणवत्तापरक और किफ़ायती दवाइयाँ और वैक्सीन सभी को मुहैया कराई जा सकें.  "हमारा ध्यान ज़िन्दगियाँ बचाने पर है."

डॉक्टर टैड्रॉस ने अपने समापन सम्बोधन में दोहराया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन का ध्यान वैश्विक महामारी से हरसम्भव औज़ारों के ज़रिये निपटने पर है.

“WHO हमेशा की तरह पारदर्शिता, जवाबदेही और लगातार बेहतरी के लिए पूर्ण रूप से समर्पित है. हम किसी अन्य से कहीं ज़्यादा जवाबदेही चाहते हैं.”

उन्होंने वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा और एजेंसी को मज़बूत बनाने के प्रयासों का स्वागत करते हुए यह आकलन जल्द से जल्द उपयुक्त समय पर शुरू करने का संकल्प लिया है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव और यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक ने अमेरिकी राष्ट्रपति के पत्र का मंगलवार को सीधे तौर पर जवाब नहीं दिया.

इससे पहले सोमवार को अपने सम्बोधन में यूएन महासचिव ने वैश्विक महामारी के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्य और मूल्य को रेखांकित किया था. 

डॉक्टर टैड्रॉस ने स्वास्थ्य एमरजेन्सी में यूएन एजेंसी के काम, विशेषकर कोविड-19 से निपटने की कार्रवाई की निरन्तर समीक्षा के लिए ‘स्वतन्त्र निरीक्षण सलाहकार समिति’ (Independent Oversight Advisory Committee) का शुक्रिया अदा किया है.

उन्होंने कहा कि जाँच करना और सबक़ सीखना उनके संगठन के डीएनए में शामिल है और ऐसेम्बली के दौरान जिस तरह देशों ने सर्वश्रेष्ठ उपाय साझा किये हैं वह देखना सुखद है.

‘हिम्मत नहीं हारेंगे’

उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन आगे भी वैश्विक स्तर पर समन्वित जवाबी कार्रवाई के लिए रणनीतिक नेतृत्व प्रदान करता रहेगा.

इस सम्बन्ध में महामारी से जुड़ी जानकारी व विश्लेषण उपलब्ध कराना और देशों को बचाव के तरीक़ों के बारे में लगातार अपडेट देना महत्वपूर्ण होगा. 

इसके समानान्तर, यूएन स्वास्थ्य संगठन ज़रूरतमन्द देशों में डायग्नोस्टिक टैस्ट, निजी बचाव सामग्री व उपकरण (पीपीई) और अन्य मेडिकल सामान भेजना, तकनीकी परामर्श के लिए विशेषज्ञों को एक साथ लाने और वैक्सीन व उपचार विकसित करने के लिए रीसर्च को आगे बढ़ाना जारी रखेगा. 

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने हमारे प्रियजन व लोगों की आजीविका के साधन छीन लिये हैं और दुनिया की नींव को हिला दिया है. 

लेकिन इस संकट ने साझा भविष्य के निर्माण के अवसर के प्रति भी ध्यान दिलाया है.

यूएन एजेन्सी प्रमुख ने भरोसा दिलाया कि उनका संगठन सबसे निर्बल देशों व जनसमूहों को सहारा देने के लिए अपना काम दिन-रात जारी रखेगा. 

“हम कभी भी हिम्मत नहीं हारेंगे. आइए, हम हमारे साझा ख़तरे से निपटने की औषधि - साझा मानवता को बनाएँ.”