कोविड-19: सांस्कृतिक दुनिया भी प्रभावित, अनेक संग्रहालयों के दरवाज़े बन्द

न्यूयॉर्क सिटी स्थित मैट्रोपोलिटन कला संग्रहालय का एक दृश्य जिसे कोविड-19 महामारी के कारण बन्द कर दिया गया है. दुनिया भर में बड़ी संख्या में संग्रहालय इस महामारी से प्रभावित हुए हैं.
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न्यूयॉर्क सिटी स्थित मैट्रोपोलिटन कला संग्रहालय का एक दृश्य जिसे कोविड-19 महामारी के कारण बन्द कर दिया गया है. दुनिया भर में बड़ी संख्या में संग्रहालय इस महामारी से प्रभावित हुए हैं.

कोविड-19: सांस्कृतिक दुनिया भी प्रभावित, अनेक संग्रहालयों के दरवाज़े बन्द

संस्कृति और शिक्षा

दुनिया भर में कोविड-19 की तबाही के माहौल में संग्रहालय भी अछूते नहीं बचे हैं. संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक संस्था – यूनेस्को ने सोमवार को अन्तरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के मौक़े पर बताया कि 90 प्रतिशत सांस्कृतिक धरोहर संस्थानों को अपने दरवाज़े बन्द करने पड़े हैं, जबकि लगभग 13 फ़ीसदी तो अपने दरवाज़े फिर कभी नहीं खोल पाने के जोखिम का सामना कर रहे हैं. 

विश्व भर में संग्रहालयों पर कोविड-19 की तबाही का अन्दाज़ा लगाने के लिए यूनेस्को और अन्तरराष्ट्रीय संग्रहालय परिषद ने अलग-अलग अध्ययन किए हैं जिनमें पुष्टि की गई है कि 85 हज़ार से ज़्यादा संस्थान बन्द हो गए हैं.

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यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे अज़ूले ने बताया, “समाजों की सहनशीलता व लचीलेपन में संग्रहालय बुनियादी भूमिका निभाते हैं. हमें इस संकट से उबरने में उनकी मदद करनी होगी और उनके क़द्रदानों के साथ उनका रिश्ता बनाए रखना होगा.”

उपाय

इन अध्ययनों में ये पता लगाने की भी कोशिश की गई कि सांस्कृतिक दुनिया को महामारी का सामना करने में क्या बदलाव करने पड़ रहे हैं और ये भी कि महामारी समाप्त होने के बाद किस तरह से सहायता की जा सकती है.

यूनेस्को ने कला के वास्ते सहनशीलता की पुष्टि के लिए अप्रैल में रेज़िलीआर्ट (ResiliArt) नामक एक आन्दोलन शुरू किया था, जिसमें, अन्य चीज़ों के अलावा, अन्तरराष्ट्रीय पेशेवर लोगों के बीच उच्चस्तरीय वर्चुअल आदान-प्रदान आयोजित होता है, साथ ही इस संकट के माहौल में सांस्कृतिक दुनिया के लिए समर्थन भी जुटाया जाता है.

यूनेस्को ने इसी ढाँचे के तहत संग्रहालयों को समर्पित वाद-विवाद की एक श्रृंखला मई के मध्य में शुरू की है. 

टिकाऊ संग्रहालय पहल  (Ibermuseums) के साथ साझेदारी में पहली तीन कड़ियों में आईबेरो-अमेरिकन क्षेत्र में संग्रहालयों व पेशेवर लोगों के लिए समर्थन की रणनीतियों पर ग़ौर किया जाएगा.

यूनेस्को के मुताबिक संग्रहालयों के स्टाफ़ की सामाजिक संरक्षा, डिजिटलीकरण और तमाम धरोहरों व संग्रहों की लिस्ट तैयार करना और ऑनलाइन सामग्री तैयार करना, कुछ शीर्ष प्राथमिकताएँ हैं जिन पर काम किया जाना है और इन सभी के लिए वित्तीय संसाधनों की ज़रूरत है.

यूनेस्को ने ये भी ध्यान दिलाया है कि 2012 के बाद से दुनिया भर में संग्रहालयों की संख्या में लगभग 60 प्रतिशत का इज़ाफ़ा हुआ है, जिससे नज़र आता है कि पिछले दशक के दौरान उन्हें राष्ट्रीय सांस्कृतिक नीतियों में कितनी अहमियत मिली है.

संग्रहालय विषमताएँ

अध्ययन में क्षेत्रीय स्तर पर मौजूद व्यापक विषमताएँ भी सामने आई हैं.अफ्रीका व लघु द्वीपीय विकासशील देशों (SIDS) में दुनिया भर में मौजूद कुल संग्रहालयों का केवल 1.5 प्रतिशत हिस्सा है. 

इससे भी आगे, अफ्रीका और लघु द्वीपीय विकासशील देशों में केवल मौजूद संग्रहालयों में से केवल 5 प्रतिशत ही ऐसे थे जो अपने क़द्रदानों को ऑनलाइन सामग्री पेश कर सकते हैं.

यूनेस्को प्रमुख का कहना था, “ये स्वास्थ्य महामारी हमें ये भी याद दिलाती है कि इंसानों की लगभग आधी आबादी के पास डिजिटल टैक्नॉलॉजी उपलब्ध नहीं है."

"हमें संस्कृति तक हर किसी की पहुँच आसान बनाने के लिए काम करना होगा, ख़ासतौर पर कमज़ोर और हाशिए पर जीने वाले लोगों के लिए.”

यूनेस्को और आईसीओएम जल्द ही इन दोनों अध्ययनों की विस्तृत रिपोर्टें प्रकाशित करेंगे.

ये दोनों संगठन दुनिया भर में संग्रहालयों की मदद करने के क्षेत्र में निकट सहयोग के साथ काम कर रहे हैं.