वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

के द्वारा छनित:

अफ़ग़ानिस्तान

अफ़ग़ानिस्तान की एक महिला माहपेकई सिद्दीक़ी, एक बारूदी सुरंग की चपेट में आने के कारण, अपने दोनों पैर गँवा चुकी थीं, मगर उन्होंने हिम्म्त नहीं हारी.
UN News

अफ़ग़ानिस्तान में युद्ध के बारूदी निशान

अफ़ग़ानिस्तान में दशकों तक चले युद्ध के कारण, अब भी जगह-जगह गोला-बारूद बिखरे पड़े हैं, जिससे कभी भी दुर्घटना होने का डर बना रहता है. अनफटी बारूदी सामग्री की चपेट में आकर अपने पैर खो दोने वाली एक महिला की आपबीती, जिसने कामयाबी का नया रास्ता बनाया. (वीडियो)

अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल के बाहरी इलाक़े में, खेतों पर काम करते हुए महिलाएँ. (फ़ाइल)
UNAMA/Fardin Waezi

#CSW68 'अफ़ग़ान महिलाओं पर पाबन्दी, इस्लामी सिद्धान्तों के ख़िलाफ़'

अफ़ग़ानिस्तान की कई पूर्व महिला हस्तियों ने, देश में महिलाओं की स्थिति पर रोष व्यक्त किया. उन्होंने यूएन मुख्यालय में, महिलाओं की स्थिति पर आयोग के 68वें सत्र के बीच कहा कि तालेबान "इस्लाम के नाम पर" युवा महिलाओं को शिक्षा के अधिकार से वंचित कर रहा है, जबकि वास्तव में, यह “इस्लामी सिद्धांतों के विपरीत है.” (वीडियो)