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विश्व महासागर दिवस: संरक्षण उपाय तुरन्त लागू करने का आहवान

मालदीव के कोकोआ द्वीप पर समुद्री जीवविज्ञानी एक प्रवाल भित्ति नर्सरी की देखरेख कर रहे हैं.
© Henley Spiers
मालदीव के कोकोआ द्वीप पर समुद्री जीवविज्ञानी एक प्रवाल भित्ति नर्सरी की देखरेख कर रहे हैं.

विश्व महासागर दिवस: संरक्षण उपाय तुरन्त लागू करने का आहवान

जलवायु और पर्यावरण

न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में ‘विश्व महासागर दिवस’ के अवसर पर शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम में विश्व भर में समुद्री जीवन के संरक्षण पर बल दिया गया. यह दिवस, हर वर्ष 8 जून को मनाया जाता है. 

इस कार्यक्रम में नई गहराइयों को जगाने की थीम पर केन्द्रित एक वीडियो दिखाया गया, जिसमें महासागर की संरक्षण ज़रूरतों की तात्कालिक अहमियत पर बल दिया गया. साथ ही आगाह किया गया कि यह समय, इत्मीनान से बैठने और मौजूदा चुनौतियों से आँख फेर लेने का नहीं है.

यूएन के शीर्षतम अधिकारी एंतोनियो गुटेरेश ने इस दिवस के लिए अपने सन्देश में कहा कि महासागर, पृथ्वी पर जीवन को पोषित करते हैं और मानव गतिविधियों से उनके लिए समस्याएँ उपजी हैं.

“जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्री जलस्तर बढ़ रहा है और लघु द्वीपीय विकासशील देशों व तटीय आबादियों के अस्तित्व पर ही ख़तरा पैदा हो रहा है.” 

महासचिव गुटेरेश ने ध्यान दिलाया कि महासागरों के अम्लीकरण से प्रवाल भित्तियाँ (coral reefs) नष्ट हो रही हैं, समुद्री तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच रहा है और चरम मौसम घटनाओं को बढ़ावा मिल रहा है. 

अत्यधिक मात्रा में मछली पकड़े जाने और अन्य कारकों से विश्व भर में समुद्री पारिस्थितिकी तंत्रों का विध्वंस हो रहा है.

संसाधनों का सतत प्रबन्धन

संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ़्राँसिस ने शुक्रवार को आयोजित इस कार्यक्रम के लिए अपने सम्बोधन में महासागरों पर मंडरा रहे संकट पर चिन्ता जताई. 

उन्होंने कहा कि अभी महासागरों के बारे में बहुत कुछ सीखा जाना बाक़ी है और मूल्यवान, जीवन का आधार बनने वाले संसाधनों को पहुँच रही क्षति को रोकने की भी.

महासभा प्रमुख के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध लड़ाई में महासागर हमारे सबसे अच्छे साझीदार हैं और इसलिए यह हमारा साझा दायित्व है कि जिस रास्ते पर दुनिया फ़िलहाल चल रही है उसे बदला जाए. 

इसके बजाय, महासागर के मूल्यवान संसाधनों के बेहतर, सतत प्रबन्धन के लिए संकल्प लिया जाना होगा, ताकि भावी पीढ़ियों के लिए भी उन्हें सुनिश्चित किया जा सके.

यूएन के शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि इस वर्ष सितम्बर में आयोजित होने वाली भविष्य की शिखर वार्ता, और अगले वर्ष महासागर सम्मेलन के दौरान, उनके संरक्षण व बहाली के उपायों पर चर्चा होगी.

महासागर की मौजूदा स्थिति

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एंव सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने इस सप्ताह अपनी एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें नीति निर्धारकों से यह सोचने का आग्रह किया गया है कि भविष्य की आकाँक्षाओं के आधार पर किस तरह के महासागर की आवश्यकता है.

रिपोर्ट में महासागरों के लिए उपजे ख़तरों पर विस्तार से चर्चा की गई है और उन रुझान भी साझा किए गए हैं, जिनसे इन बदलावों के मुख्य कारकों की पहचान की जा सकती है.

रिपोर्ट में सचेत किया गया है कि महासागरों का तापमान बढ़ने की दर पिछले दो दशकों में दोगुनी हो चुकी है और तटीय इलाक़ों में प्रजातियाँ, महासागरों में ऑक्सीजन का स्तर घटने की वजह से घुट रही हैं.

इसके मद्देनज़र, रिपोर्ट में महासागर के लिए जागरूकता प्रसार पर बल दिया गया है. संसाधनों के बेहतर ढंग से इस्तेमाल, व्यवहार में बदलाव लाने की गति तेज़ करने, और संरक्षण कार्यक्रम को लागू करने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने में शोध को अहम माना गया है.