यूएन महासागर सम्मेलन: समुद्रों की रक्षा के लिये चार अहम अनुशंसाएँ
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में दूसरे ‘यूएन महासागर सम्मेलन’ को सम्बोधित करते हुए, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से समुद्रों की रक्षा व संरक्षण के लिये एकजुट होकर प्रतिबद्धता जताने का आहवान किया है.
यूएन प्रमुख ने सोमवार को सम्मेलन के उच्चस्तरीय सत्र के उदघाटन पर अपने सम्बोधन में, चुनौतियों के इस तेज़ प्रवाह को पलटने के लिये अपनी चार अनुशंसाओं का ख़ाका प्रस्तुत किया है.
इस क्रम में, उन्होंने उन अर्थव्यवस्थाओं में सतत निवेश की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया है, जोकि समुद्र पर निर्भर हैं.
I thank the Governments of Portugal and Kenya for organizing the UN Ocean Conference and for their commitment to its preparation.I appeal to all countries to help ensure that this Conference is a moment of unity around the protection and preservation of the Ocean. #SaveOurOcean pic.twitter.com/GVdq9miavA
antonioguterres
पुर्तगाल और केनया द्वारा सह - आयोजित इस सम्मेलन के दौरान, विश्व के महासागरों, समुद्रों और समुद्री संसाधनों के समक्ष मौजूद चुनौतियों से निपटने के उपायों पर चर्चा होगी.
महासचिव गुटेरेश ने पुर्तगाल के कवि फ़र्नान्डो पेसोओ को उद्धत करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह सम्मेलन, सभी सदस्य देशों के लिये एकजुट होने का क्षण है.
यूएन प्रमुख ने ध्यान दिलाया कि महासागर हम सभी को आपस में जोड़ते हैं, लेकिन चूँकि हमने उनका ख़याल नहीं रखा, इसलिये हम एक आपात स्थिति का सामना कर रहे हैं, और इस बहाव को पलटा जाना होगा.
“महासागरों की देखरेख करने में हमारी विफलता के प्रभाव पूरे 2030 एजेण्डा पर महसूस किये जाएंगे.”
साझा भविष्य के लिये स्वस्थ सागर
पहला यूएन महासागर सम्मेलन पाँच वर्ष पहले 2017 में न्यूयॉर्क में आयोजित हुआ था, जहाँ प्रतिनिधियों ने महासागर के स्वास्थ्य में आई गिरावट को दूर करने की पुकार लगाई थी.
यूएन प्रमुख ने कहा कि उसके बाद से अब तक कुछ प्रगति दर्ज की गई है और महासागरों का दम घोंटने वाले वैश्विक प्लास्टिक कचरा संकट से मुक़ाबले के लिये नई सन्धियों पर बातचीत जारी है.
साथ ही, टिकाऊ विकास के लिये महासागर विज्ञान के यूएन दशक (2021-2030) के तहत, विज्ञान आधारित उपाय आगे बढ़ाए जा रहे हैं.
“लेकिन, हमें कोई भ्रम नहीं होना चाहिये. हम सभी को एक साथ मिलकर बहुत कुछ करने की ज़रूरत है.”
इसके मद्देनज़र, उन्होंने अपनी चार महत्वपूर्ण सिफ़ारिशें साझा की हैं:
1) सतत महासागर अर्थव्यवस्थाओं में निवेश
यूएन प्रमुख ने हितधारकों से, दीर्घकालीन वित्त पोषण के ज़रिये भोजन, नवीकरणीय ऊर्जा और आजीविका के लिये सतत महासागर अर्थव्यवस्थाओं में निवेश की पुकार लगाई है.
उन्होंने ध्यान दिलाया है कि सभी 17 टिकाऊ विकास लक्ष्यों में, 14वें लक्ष्य को सबसे कम समर्थन प्राप्त हुआ है, जोकि टिकाऊ विकास के लिये महासागरों, समुद्रों और समुद्री संसाधनों के संरक्षण व सतत उपयोग पर आधारित है.
महासचिव के अनुसार सतत महासागर प्रबन्धन के ज़रिये, वर्तमान समय की तुलना में, महासागर छह गुना अधिक भोजन और 40 गुना अधिक नवीकरणीय ऊर्जा उत्पन्न कर सकते हैं.

2) महासागरों की सफलता को दोहराना
यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने कहा कि वैश्विक साझा संसाधनों के प्रबन्धन के विषय में, जनकल्याण के लिये महासागरों को एक मानक के रूप में स्थापित करना होगा.
इसका अर्थ है भूमि और समुद्र-आधारित स्रोतों, दोनों से, सभी प्रकार के समुद्री प्रदूषण की रोकथाम और उसमें कमी लाना.
इसके लिये, क्षेत्र-आधारित कारगर संरक्षण उपायों व एकीकृत तटीय क्षेत्र प्रबन्धन का दायरा व स्तर बढ़ाना होगा.
3) लोगों की रक्षा
यूएन प्रमुख ने महासागरों और अपने जीवन व आजीविका के लिये उन पर निर्भर लोगों का और अधिक संरक्षण किये जाने की पुकार लगाई है.
इसके लिये, जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने और जलवायु सहनसक्षम तटीय ढाँचे में निवेश किया जाना अहम होगा.
महासचिव गुटेरेश ने सभी सदस्य देशों से हाल ही में शुरू की गई एक पहल में शामिल होने का आग्रह किया, जिसका उद्देश्य अगले पाँच वर्षों में सभी देशों को समय पूर्च चेतावनी प्रणाली की कवरेज में लाना है, ताकि तटीय समुदायों में रहने वालों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके.
4) अधिक विज्ञान व नवाचार
यूएन प्रमुख ने वैश्विक महासागर कार्रवाई में एक नया अध्याय लिखने के लिये अधिकाधिक विज्ञान व नवाचारी उपायों की आवश्यकता को रेखांकित किया है.
उन्होंने निजी सैक्टर से महासागर शोध व टिकाऊ प्रबन्धन के लिये साझीदारियों में शामिल होने का आहवान किया, और महासागरों के स्वास्थ्य में बेहतरी लाने के लिये, देशों की सरकारों से महत्वाकांक्षा का स्तर बढ़ाने का आग्रह किया है.

‘मानव अस्तित्व’ के लिये अहम
यूएन महासभा के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने लिस्बन में सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए ध्यान दिलाया कि महासागर, हम सभी को आपस में जोड़ते हैं, और कि यह सम्मेलन वैश्विक संकल्प दर्शाने का एक अवसर है.
उन्होंने कहा कि वो मालदीव से हैं और भली-भान्ति समझते हैं कि सम्पूर्ण मानवता, साँस लेने के लिये, ऑक्सीजन की 50 फ़ीसदी मात्रा के लिये महासागरों पर निर्भर है.
यूएन महासभा प्रमुख के अनुसार, इसलिये दुनिया इस सप्ताह सम्मेलन में एकत्र हुई है ताकि मानव अस्तित्व के लिये इस बेहद आवश्यक संसाधन को समर्थन दिया जा सके.
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने फ़िल्म अभिनेता और महासागर कार्यकर्ता जेसन मोमोआ को ‘जल के भीतर जीवन’ के लिये अपना नया पैरोकार नियुक्त किये जाने की घोषणा की है.