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हेपेटाइटिस से हर दिन हज़ारों लोगों की मौत, WHO रिपोर्ट

शैशवावस्था में टीकाकरण के ज़रिए, हेपेटाइटिस बी संक्रमण को रोकने से गम्भीर संक्रमण और वयस्कता में यकृत कैंसर व सिरोसिस के मामलों में कमी आती है.
© WHO/Sri Lanka
शैशवावस्था में टीकाकरण के ज़रिए, हेपेटाइटिस बी संक्रमण को रोकने से गम्भीर संक्रमण और वयस्कता में यकृत कैंसर व सिरोसिस के मामलों में कमी आती है.

हेपेटाइटिस से हर दिन हज़ारों लोगों की मौत, WHO रिपोर्ट

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक नई रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि वायरल हेपेटाइटिस संक्रमण के कारण होने वाली मौतों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. यूएन एजेंसी के अनुसार, इस संक्रमण से हर दिन साढ़े तीन हज़ार लोग अपनी जान गँवा रहे हैं.  

'विश्व हेपेटाइटिस रिपोर्ट 2024' में आगाह किया गया है कि यह बीमारी, विश्व स्तर पर संक्रामक बीमारियों से होने वाली मौतों का दूसरा प्रमुख कारण है. 

प्रति वर्ष 13 लाख मौतों के लिए ज़िम्मेदार यह बीमारी, तपेदिक जैसी बीमारियों की श्रेणी में आती है, जिसे ज़्यादातर संक्रामक मौतों का एक अन्य बड़ा कारण माना जाता है.

स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा, "यह रिपोर्ट एक चिन्ताजनक तस्वीर पेश करती है. हेपेटाइटिस संक्रमण रोकने में विश्व स्तर पर प्रगति होने के बावजूद, मौतों की संख्या बढ़ रही हैं." 

"इसकी बड़ी वजह यह है कि बहुत कम हेपेटाइटिस पीड़ितों के रोग का निदान व इलाज हो पा रहा है."

विश्व हेपेटाइटिस शिखर सम्मेलन के दौरान जारी की गई इस रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि हालाँकि अब निदान एवं उपचार के लिए बेहतर उपकरण उपलब्ध हैं और उनकी क़ीमतें भी घट रही हैं, लेकिन परीक्षण तथा उपचार कवरेज दरें नहीं बढ़ पाई हैं.

लेकिन एजेंसी ने ये भी कही कि अगर तात्कालिक रूप से तेज़ कार्रवाई की जाए तो 2030 तक डब्ल्यूएचओ उन्मूलन लक्ष्य तक पहुँचना सम्भव हो सकता है.

संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख ने कहा, "WHO सभी देशों को हर सम्भव मदद देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे वो हर मौजूदा उपाय आज़मा सकें – वो भी पहुँच मूल्य पर – जिससे जिन्दगियाँ बचाई जा सकें और इस रूझान को उलटा जा सके. 

रवांडा के एक स्वास्थ्य क्लिनिक में प्रतीक्षा क्षेत्र. हेपेटाइटिस बी की जन्म के समय दी जाने वाली ख़ुराक के लिए टीकाकरण कवरेज, वैश्विक स्तर पर केवल 45 प्रतिशत है, और यह डब्ल्यूएचओ के अफ़्रीकी क्षेत्र में 20 प्रतिशत से भी कम है.
© WHO/Isaac Rudakubana

मौतौं में वृद्धि

रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में प्रत्येक दिन 6000 लोग हेपेटाइटिस से संक्रमित हो रहे हैं.  

187 देशों से हासिल किए गए आँकड़ों से पता चलता है कि वायरल हेपेटाइटिस से होने वाली मौतों की अनुमानित संख्या 2019 में 11 लाख से बढ़कर 2022 में 13 लाख हो गई है. इनमें से 83 प्रतिशत मौतें, हेपेटाइटिस बी के कारण और 17 प्रतिशत मौतें हेपेटाइटिस सी के कारण हुईं.

डब्ल्यूएचओ के नवीनतम अनुमान से संकेत मिलता है कि 2022 में 25.4 करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी और 5 करोड़ लोग हेपेटाइटिस सी के साथ जी रहे थे. गम्भीर हेपेटाइटिस बी और सी से आधे से ज़्यादा संक्रमित लोग, 30 और 54 आयु वर्ग से है, जिनमें 12 प्रतिशत बच्चे हैं. सभी मामलों में 58 प्रतिशत पीड़ित पुरुष हैं.

निदान व उपचार की कमी

सभी क्षेत्रों में, तीव्र हेपेटाइटिस बी संक्रमण से पीड़ित केवल 13 प्रतिशत लोगों को उचित निदान प्राप्त हुआ और केवल तीन प्रतिशत, यानि 70 लाख लोगों को 2022 के अन्त में एंटीवायरल थेरेपी प्राप्त हुई थी, जो 2030 तक क्रोनिक हेपेटाइटिस बी व हेपेटाइटिस सी से पीड़ित 80 प्रतिशत लोगों के इलाज के वैश्विक लक्ष्य से काफी कम है. 

क्षेत्र के आधार पर भी वायरल हेपेटाइटिस का बोझ अलग-अलग देखने को मिलता है. डब्ल्यूएचओ के अफ़्रीकी क्षेत्र में लगभग 63 प्रतिशत नए हेपेटाइटिस बी संक्रमण सामने आते हैं, फिर भी इस क्षेत्र में केवल 18 प्रतिशत नवजात शिशुओं को ही जन्म के समय हेपेटाइटिस बी टीकाकरण प्राप्त होता है.

पश्चिमी प्रशान्त क्षेत्र में, जहाँ हेपेटाइटिस बी से 47 प्रतिशत मौतें होती हैं, निदान किए गए लोगों के बीच उपचार कवरेज 23 प्रतिशत है, जो मृत्यु दर घटाने के लिए पर्याप्त नहीं है.इसके अलावा, सस्ती जेनेरिक वायरल हेपेटाइटिस दवाओं की उपलब्धता के बावजूद, कई देश उन्हें कम क़ीमतों पर नहीं ख़रीद पाते हैं.

चिली में, नए हेपेटाइटिस उपचार से लगभग 98 प्रतिशत मरीज़ पूरी तरह स्वस्थ हो जाते हैं.
© PAHO

महामारी का नाश

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में, वायरल हेपेटाइटिस से निपटने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य दृष्टिकोण बढ़ाने हेतु कार्रवाई की रूपरेखा दी गई है, जिससे 2030 तक महामारी को ख़त्म करने की दिशा में तेज़ी लाई जा सके.इसके तहत, परीक्षण व निदान तक लोगों की पहुँच बढ़ाना, प्राथमिक देखभाल रोकथाम प्रयासों को मज़बूत करना और समानता युक्त उपचार के लिए नीतियों को लागू करना शामिल है.

हालाँकि एजेंसी ने बताया कि इसके लिए वित्त-पोषण एक बड़ी चुनौती है, और मौजूदा फण्डिंग ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है.

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इसके लिए कई मिले-जुले कारक ज़िम्मेदार हैं, जिनमें किफ़ायती हस्तक्षेपों और उपकरणों के बारे में सीमित जागरूकता तथा प्रतिस्पर्धी स्वास्थ्य प्राथमिकताएँ शामिल हैं.नई रिपोर्ट में, देशों के लिए इन असमानताओं को दूर करने और सबसे किफ़ायती दरों पर उपकरण उपलब्ध करवाने की रणनीतियों पर भी प्रकाश डाला गया है.

एसडीजी 3
United Nations
एसडीजी 3

एसडीजी 3: स्वस्थ वैश्विक आबादी 

  • मानसिक स्वास्थ्य एवं कल्याण को बढ़ावा देना और मादक द्रव्यों के सेवन की रोकथाम व उपचार में मज़बूती लाना
  • प्रदूषण, संदूषण और तम्बाकू से होने वाली मौतों और बीमारियों की संख्या घटाना• सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज हासिल करना, और किफ़ायती, आवश्यक टीकों एवं दवाओं तक पहुँच प्रदान करना
  • वैश्विक मातृ मृत्यु दर को घटाकर, प्रति 100,000 जीवित जन्मों पर 70 तक पहुँचाना, और पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर को घटाकर प्रति 1,000 जीवित जन्मों पर कम से कम 25 तक कम करना 
  • एड्स, तपेदिक और मलेरिया की महामारी को समाप्त करना व हेपेटाइटिस तथा अन्य संचारी रोगों से निपटने के प्रयास करना

 सतत विकास, स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करने व सभी उम्र के  लोगों में कल्याण को बढ़ावा देने पर निर्भर करता है.