दुनिया को ऐसी मज़बूत स्वास्थ्य व्यवस्थाएँ बनानी होंगी जो सभी की हिफ़ाज़त कर सकें

काँगो लोकतान्त्रिक गणराज्य के उत्तर कीवू प्रान्त में एक नर्स एक शिशु का नियमित टीकाकरण करते हुए.
© UNICEF/Thomas Nybo
काँगो लोकतान्त्रिक गणराज्य के उत्तर कीवू प्रान्त में एक नर्स एक शिशु का नियमित टीकाकरण करते हुए.

दुनिया को ऐसी मज़बूत स्वास्थ्य व्यवस्थाएँ बनानी होंगी जो सभी की हिफ़ाज़त कर सकें

स्वास्थ्य

संयक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने ज़ोर देकर कहा है कि कोविड-19 महामारी ने दिखा दिया है कि सभी देशों को ऐसी मज़बूत स्वास्थ्य प्रणालियाँ संचालित करने की ज़रूरत है जो सम्पूर्ण आबादी को, जब और जहाँ, ज़रूरत पड़ने पर गुणवत्ता वाली सेवाएँ मुहैया करा सकें.

यूएन प्रमुख ने 12 दिसम्बर को सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस पर दिये अपने सन्देश में कहा है, “आइये, इस दिवस पर हम इस संकट का ख़ात्मा करने और एक सुरक्षित व स्वस्थ भविष्य बनाने के लिये संकल्प लें, जिसमें ऐसी स्वास्थ्य प्रणालियों में निवेश हो जो सभी को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करें, और ये अभी करना होगा.”

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“इस वर्ष की महामारी ने हमें ये दिखा दिया है कि जब तक सभी इनसान सुरक्षित नहीं है, तब तक हममें से, कोई भी सुरक्षित नहीं है.”

एंतोनियो गुटेरेश ने अपने सन्देश में कहा है कि वर्ष 2020 के दौरान, दुनिया ने एक ऐसी आपदा देखी है जो, तब हमला करती है जब स्वास्थ्य प्रणालियाँ किसी नई, उच्च संक्रामक और अक्सर घातक बीमारी के कारण बहुत ज़्यादा दबाव में होती हैं.

कोविड-19 के कारण अत्यधिक दबाव

महासचिव का कहना है कि कोरोनावायरस महामारी ने बहुत तकलीफ़ भरे तरीक़े से ये भी उजागर कर दिया है कि जब एक आपदा से निपटने के प्रयासों के कारण स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर इतना अत्यधिक दबाव पड़ जाता है तो स्वास्थ्य प्रणालियाँ कैन्सर जाँच, नियमित टीकाकरण और जच्चा-बच्चा व शिशु देखभाल जैसी अन्य आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएँ मुहैया नहीं करा पाती हैं.

यूएन प्रमुख ने कहा, “अगर हमें, वर्ष 2030 तक, सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज का लक्ष्य हासिल करना है तो हमें बहुत ज़्यादा करने की ज़रूरत है.”

महासचिव का इस वक्तव्य से आशय उस समझौते की तरफ़ ध्यान दिलाना था जिस पर सदस्य देशों ने, कोरोनावायरस महामारी शुरू होने से भी पहले, सितम्बर 2019 में सहमति व्यक्त की थी.

उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य की प्राप्ति का मतलब केवल ये नहीं है कि स्वास्थ्य पर और ज़्यादा संसाधन ख़र्च किये जाएँ, बल्कि बेहतर तरीक़े से ख़र्च किये जाएँ, जिनमें स्वास्थ्यकर्मियों की हिफ़ाज़त सुनिश्चित करने के साथ-साथ, बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करना शामिल हो.

ऐसा करना बीमारियों की रोकथाम के साथ-साथ, समुदायों में, लोगों को उनके घरों के पास ही स्वास्थ्य सेवाएँ मुहैया कराना सम्भव हो सकेगा.

यूएन प्रमुख ने और ज़्यादा स्पष्ट करते कहा, “स्वास्थ्य प्रणालियों में निवेश करने से, भविष्य में होने वाली स्वास्थ्य आपदाओं से निपटने के लिये, देशों की तैयारी क्षमता बेहतर होती है.”

सर्वाधिक प्रभावित

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि हाशिये पर रहने वाले और बेहद कमज़ोर हालात का सामने करने वाली आबादियों पर स्वास्थ्य आपदाओं का असर विषम अनुपात में होता है. अब जबकि कोविड-19 की वैक्सीन, परीक्षण और उपचार उपलब्ध होने लगे हैं तो यो सुनिश्चित करना भी ज़रूरी है कि ये उन सभी लोगों तक पहुँच सकें जिन्हें इनकी ज़रूरत है.

उनका कहना है, “महामारी का मुक़ाबला करने के प्रयासों में, हमने स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, देखभाल के तरीक़े, और तैयारियों में सुधार के स्तरों में तेज़ी और बेहतरी देख है. हमें इन अनुभवों से सबक़ सीखना होगा.”

स्वास्थ्य का अधिकार

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने शुक्रवार को अपनी नियमित प्रेस वार्ता कहा कि मानवाधिकार दिवस ने, हमें बहुत कठिन वर्ष समाप्त होने के दौर में, ये याद दिलाया है कि हम इस संकट से उबरने के प्रयासों में, मानवाधिकारों को बुनियाद बनाएँ, जिनमें स्वास्थ्य का अधिकार भी शामिल है. 

महानिदेशक ने कहा, “वर्ष 2020 ने हमें याद दिलाया है कि स्वास्थ्य, इस पृथ्वी पर सबसे मूल्यवान चीज़ है. महामारी के दौर में, बहुत से देशों ने कोविड-19 की मुफ़्त जाँच-पड़ताल और इलाज मुहैया कराए हैं, और अपनी आबादियों को मुफ़्त वैक्सीन मुहैया कराने के भी वादे किये हैं.”

“इन देशों ने ये दिखाया है कि स्वास्थ्य सेवाओं के ख़र्च का भुगतान करने की क्षमता या योग्यता को, बीमारी व स्वास्थ्य और ज़िन्दगी और मौत के बीच के अन्तर का आधार नहीं बनाया जाना चाहिये.”

विश्व स्वास्थ्य संगठन सार्वजनिक स्वास्थ्य कवरेज हासिल करने में देशों की मदद करने के लिये दो पहल शुरू कर रहा है. 

महानिदेशक टैड्रॉस एडनेहॉम घेबरेयेसस ने बताया कि पहला एक वैश्विक कार्यक्रम है जिसमें प्राइमरी स्वास्थ्य देखभाल को मज़बूत करने, तमाम तरह की आपदाओं की रोकथाम और उनका मुक़ाबला करने के लिये ज़्यादा मज़बूत व तैयार रहना शामिल हैं.

इनमें दिल का दौरा पड़ने के व्यक्तिगत संकट से लेकर किसी नए और घातक वायरस के फैलने के संकट भी शामिल हैं.

दूसरी पहल एक ऐसी सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्रणाली है जिसके तहत देशों को अपने यहाँ ऐसे स्वास्थ्य पैकेज विकसित करने में मदद करना है जिनकी उन्हें अपनी आबादियों की स्वास्थ्य ज़रूरतें पूरी करने के लिये आवश्यकता है.