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ग़ाज़ा में स्वास्थ्य व्यवस्था, ‘उखड़ी साँसों के साथ’ प्रयासरत

ग़ाज़ा में भोजन की भारी क़िल्लत है और लाखों लोगों तक नहीं के बराबर भोजन सामग्री पहुँच पा रही है.
© UNRWA
ग़ाज़ा में भोजन की भारी क़िल्लत है और लाखों लोगों तक नहीं के बराबर भोजन सामग्री पहुँच पा रही है.

ग़ाज़ा में स्वास्थ्य व्यवस्था, ‘उखड़ी साँसों के साथ’ प्रयासरत

मानवीय सहायता

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने गुरूवार को कहा है कि ग़ाज़ा में, लगभग पाँच महीने की इसराइली सघन बमबारी के बाद, स्वास्थ्य व्यवस्था, उखड़ी साँसों के साथ, सेवाएँ देने की कोशिश कर रही है. संयुक्त राष्ट्र की आपदा राहत समन्वय एजेंसी – OCHA ने ग़ाज़ा में मानवीय सहायता की आपूर्ति पर लगी पाबन्दियों को तुरन्त ख़त्म किए जाने की पुकार दोहराई है.

डॉक्टर टैड्रॉस ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि ग़ाज़ा पट्टी में स्थित 36 अस्पतालों में से केवल लगभग 10 अस्पतालों में काम हो रहा है, वो भी आंशिक रूप से.

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उन्होंने ध्यान दिलाया कि दक्षिणी इलाक़े ख़ान यूनिस में स्थित अल-अमाल अस्पताल भी मंगलवार को बन्द हो गया. उससे पहले मीडिया ख़बरों में संकेत दिया गया था कि इसराइली सैनिकों ने, चिकित्सा टीमों और मरीज़ों को, उस अस्पताल से निकल जाने के लिए मजबूर कर दिया था.

ये घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है जब यूएन आपदा राहत समन्वय एजेंसी – OCHA ने, ध्यान दिलाते हुए कहा कि पूरे ग़ाज़ा क्षेत्र में, मानवीय सहायता आपूर्ति को रोकने के लिए, बाधाएँ जारी हैं.

इस बीच संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवाधिकार अधिकारी वोल्कर टर्क ने कहा है कि “ऐसे मानने के पर्याप्त कारण हैं” कि इसराइल, ग़ाज़ा पट्टी में, भुखमरी को, युद्ध के एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है.

मानवीय सहायता पर घातक बाधाएँ

OCHA ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में, ग़ाज़ा में जीवनरक्षक मानवीय सहायता सामग्री की आपूर्ति को “घातक बाधक कार्रवाई” के समतुल्य क़रार दिया है और इसराइल से, आपूर्ति पर से पाबन्दियाँ हटाने की पुकार लगाई है.

ग़ाज़ा में लगभग 11 लाख लोग, “खाद्य असुरक्षा के अत्यन्त गम्भीर स्तर “का सामना कर रहे हैं और लोगों तक सहायता पहुँचाने के लिए ज़मीनी रास्ते का कोई विकल्प नहीं है. ख़ासतौर पर, ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े में, लाखों लोग, व्यापक स्तर पर अकाल के जोखिम का सामना कर रहे हैं और उन तक सहायता नहीं पहुँच पा रही है.

फ़लस्तीनी जन के लिए यूएन सहायता एजेंसी – UNRWA ने एक ट्वीट सन्देश में कहा है कि “ग़ाज़ा में अकाल की तरफ़ समय तेज़ी से बढ़ रहा है, और हालाँकि ये एजेंसी, फ़लस्तीनी क्षेत्र में मानवीय सहायता अभियान की रीढ़ की हड्डी है, मगर फिर भी इसके भोजन क़ाफ़िलों को, उत्तरी इलाक़ों में पहुँचने से रोका गया है, जहाँ अकाल आसन्न है.”

UNRWA के वरिष्ठ संचार अधिकारी जोनाथन फॉवलर ने उत्तरी इलाक़े में हालात को धुरी क़रार दिया है: “हमें वहाँ खाद्य आपूर्ति करने के लिए, पहुँच की ज़रूरत है.”

लेबनान में मृतक संख्या बढ़ी

इसराइल और लेबनान की सीमा पर, बुधवार को लेबनान के दक्षिणी इलाक़े में इसराइल के हवाई हमलों और हिज़बुल्लाह लड़ाकों के रॉकेट हमलों में अनेक लोग हताहत हुए हैं और इस टकराव को, कई महीनों के तनाव के दौरान सबसे घातक बताया गया है. इन टकराव को ग़ाज़ा युद्ध से सम्बन्धित बताया गया है.

लेबनान में संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता समन्वयक इमरान रिज़ा ने गुरूवार को एक वक्तव्य में कहा है कि दक्षिणी इलाक़े में “पिछले 36 घंटों की दुखद घटनाओं में, दक्षिणी इलाक़े में ख़ासी संख्या में लोग हताहत हुए हैं”.

उन्होंने बताया कि एक ही दिन में लगभग 11 लोग मारे गए जिनमें 10 चिकित्साकर्मी थे. उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं और स्वास्थ्यकर्मियों पर लगातार हो रहे हमलों पर गहरी चिन्ता व्यक्त की, जो अपनी जान जोखिम में डालकर, अपने स्थानीय समुदायों को आपात चिकित्सा सहायता मुहैया करा रहे हैं.

बुधवार को हिज़बुल्लाह द्वारा कि गए एक रॉकेट हमले में, एक इसराइली व्यक्ति की मौत हो गई. 7 अक्टूबर के हमास हमलों के बाद, सीमा के दोनों तरफ़ लाखों आम लोगों को विस्थापित होना पड़ा है.

इमरान रिज़ा ने यादा दिलाया कि स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं पर हमले “अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून का उल्लंघन करते हैं और अस्वीकार्य हैं.”