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यूक्रेन के क़ाबिज़ इलाक़ों में चुनाव कराए जाने के लिए रूस की आलोचना

यूक्रेन के दोनेत्स्क और लूहांस्क प्रान्तों से निकलकर जाने वाली महिलाएँ, मानवीय सहायता हासिल करने के लिये, अपनी बारी का इन्तेज़ार करते हुए.
Photo courtesy of Ukrainian Women’s Fund
यूक्रेन के दोनेत्स्क और लूहांस्क प्रान्तों से निकलकर जाने वाली महिलाएँ, मानवीय सहायता हासिल करने के लिये, अपनी बारी का इन्तेज़ार करते हुए.

यूक्रेन के क़ाबिज़ इलाक़ों में चुनाव कराए जाने के लिए रूस की आलोचना

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र के राजनैतिक मामलों की शीर्षतम अधिकारी रोज़मैरी डीकार्लो ने यूक्रेन की ताज़ा स्थिति के बारे में सुरक्षा परिषद को अवगत कराया है और रूस के अवैध क़ब्ज़े वाले यूक्रेनी इलाक़ों में, रूसी चुनाव कराए जाने के लिए निन्दा की है.

संयुक्त राष्ट्र के राजनैतिक व शान्तिनिर्माण मामलों की अवर महासचिव रोज़मैरी डीकार्लो ने सुरक्षा परिषद में राजदूतों को सम्बोधित करते हुए कहा कि रूस के नियंत्रण वाले यूक्रनी इलाक़ो में, रूसी राष्ट्रपति पद के चुनाव आयोजित कराया जाना, अस्वीकार्य है. ये चुनाव 15 से 17 मार्च तक हो रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत, क़ाबिज़ शक्ति यानि रूस को, अपने नियंत्रण वाले इलाक़ों में, यूक्रेन के क़ानून बरक़रार रखने होंगे. 

अकथनीय पीड़ा और तबाही

रोज़मैरी डीकार्लो ने कहा कि 16 मार्च को, रूस द्वारा यूक्रेन के क्रीमिया और सेवस्तोपोल इलाक़ों पर ज़बरदस्ती क़ब्ज़ा किए जाने के, दस वर्ष पूरे हो गए हैं, जिसे तथाकथित जनमतसंग्रह का नाम दिया गया था. 

उसके बाद फ़रवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस का पूर्ण आक्रमण शुरू होने के बाद से यूक्रेन के, दोनेत्स्क, लूहांस्क, ख़ेरसॉन और ज़ैपोरिझझिया इलाक़ों को छीनने के प्रयास हुए हैं.

रोज़मैरी डीकार्लो ने यूएन महासभा के उन प्रस्तावों की तरफ़ ध्यान आकर्षित किया जिनमें ग़ैर-क़ानूनी कार्रवाइयों की निन्दा की गई है. 

साथ ही यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार निगरानी आयोग की रिपोर्ट को भी रेखांकित किया जिसमें तथाकथित जनमतसंग्रह और दमनात्मक परिस्थितियों में कराए गए स्थानीय चुनावों का भी ज़िक्र किया.

उन्होंने कहा कि किसी भी देश द्वारा, अन्य देश की किसी इलाक़े पर, धमकी या बल प्रयोग के ज़रिए क़ब्ज़ा करना, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन है. “फिर भी रूस ने यूक्रेन में इसी तरह का प्रयास किया है, जिसके कारण, अकथनीय पीड़ा और विनाश हुए हैं.”

बढ़ती मानवाधिकार चिन्ताएँ

रोज़मैरी डीकार्लो ने कहा कि यूक्रेन में रूसी सेनाओं द्वारा किए जा रहे हवाई हमलों के बीच, मानवाधिकार स्थिति अत्यन्त गम्भीर बनी हुई है.

उन्होंने बताया कि यूक्रेन पर जाँच आयोग की नई रिपोर्ट शुक्रवार को प्रकाशित हुई है जिसमें, रूस में और यूक्रेन में, रूसी अधिकारियों द्वारा, आम लोगों का उत्पीड़न किए जाने के बारे में, अतीत में सामने आई जानकारी की पुष्टि की गई है, और ये उत्पीड़न बहुत व्यापक पैमाने पर हुआ है.

यूएन पदाधिकारी ने कहा की पीड़ितों के बयानों से मालूम होता है कि बन्दीकरण के दौरान उनके साथ, अत्यन्त गम्भीर दर्दनाक और पीड़ाजनक कार्रवाई की गई, जोकि मानव गरिमा के अत्यन्त विरुद्ध है.

रोज़मैरी डीकार्लो ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र, इस चलन पर रोक लगाने के प्रयासों के तहत, ऐसे मामलों का आलेखन करता रहेगा, और रूस से ऐसे तमाम बन्दियों तक पहुँच की सुविधा देने के लिए कोशिशें करता रहेगा.