ख़तरनाक योरोपीय प्रवासन मार्गों पर जान गँवाने वालों की संख्या बढ़ी
ख़तरनाक समुद्री मार्गों से होकर योरोप तक पहुँचने की कोशिश में अपनी जान गँवाने वाले प्रवासियों की संख्या में, वर्ष 2021 के पहले छह महीनों में वृद्धि हुई है. संयुक्त राष्ट्र की प्रवासन एजेंसी के मुताबिक़ इस वर्ष जनवरी से जून महीने तक, नौकाओं में बैठकर जोखिमपूर्ण यात्राएँ करने वाले एक हज़ार 146 लोगों की मौत हुई है.
यह आँकड़ा पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान दर्ज की गई मृतक संख्या के दोगुने से भी अधिक है, जो दर्शाता है कि अफ़्रीका से योरोप तक पहुँचने का यह समुद्री सफ़र कितनी तरह के जोखिमों से भरा है.
“IOM reiterates the call on States to take urgent and proactive steps to reduce loss of life on maritime migration routes to Europe and uphold their obligations under international law” -@IOMchiefNew analysis out now ➡️ https://t.co/Su3j3ZqMKW pic.twitter.com/ZmngSD3xrh
MissingMigrants
अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन एजेंसी (IOM) के महानिदेशक एन्तोनियो वितोरीनो ने सभी देशों के नाम एक अपील जारी करते हुए अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानूनों व दायित्वों का सम्मान करने का अनुरोध किया है.
साथ ही ज़िन्दगियों की रक्षा करने के लिये तत्काल, सक्रिय उपाय किये जाने का आहवान किया है.
उन्होंने कहा कि इस क्रम में, तलाश एवं बचाव प्रयासों का दायरा बढ़ाना, तट पर उतरने के लिये पूर्वानुमेय (predictable) प्रक्रिया को स्थापित करना, और सुरक्षित व क़ानूनी प्रवासन के रास्तों की सुलभता सुनिश्चित किया जाना अहम होगा.
यूएन प्रवासन एजेंसी की - लापता प्रवासियों के लिये परियोजना (Missing Migrants Project) के आँकड़े दर्शाते हैं कि मृतक संख्या में बढ़ोत्तरी की एक वजह, अपर्याप्त तलाश एवं बचाव अभियान हैं.
भूमध्यसागर और अटलाण्टिक मार्ग से कैनेरी द्वीपों की ओर – दोनों रास्तों पर इन प्रयासों में कमी आई है.
केन्द्रीय भूमध्यसागर के मार्ग पर कम से कम 741 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 149 लोगों ने पश्चिमी भूमध्यसागर से होकर गुज़रते समय अपने प्राण गँवाए हैं.
छह लोगों की मौत पूर्वी भूमध्यसागर के रास्ते, तुर्की से ग्रीस जाते समय हुई है.
इसी अवधि में, लगभग 250 लोगों की मौत पश्चिम अफ्रीका/अटलाण्टिक मार्ग पर स्पेन के कैनेरी द्वीपों तक पहुँचने के प्रयासों के दौरान हुई.
यूएन एजेंसी ने आशंका जताई है कि मृतकों की वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है.
वास्तविक संख्या अधिक
ग़ैरसरकारी संगठनों ने जहाज़ क्षतिग्रस्त होने व डूबने के ऐसे सैकड़ों मामलों के बारे में जानकारी दी है, जिनके बारे में उन पर सवार लोगों के परिजनों से बातचीत के बाद मालूम हुआ है.
ताज़ा आँकड़े दर्शाते हैं कि लगातार दूसरे वर्ष, मुख्य मार्ग पर उत्तर अफ़्रीकी देशों के समुद्री अभियानों में तेज़ी आई है.
उत्तर अफ़्रीकी प्रशासनिक एजेंसियों को वर्ष 2021 की पहली छमाही में, 31 हज़ार से अधिक लोगों तक पहुँचने और उन्हें बचाने में सफलता मिली. वर्ष 2020 के पहले छह महीनों में यह संख्या 23 हज़ार 117 थी.
इस वर्ष की पहली छमाही में, ट्यूनीशिया के तट पर इन बचाव अभियानों में 90 फ़ीसदी की वृद्धि हुई है.
इसके अलावा, 15 हज़ार से 300 से अधिक लोगों को लीबिया वापिस भेज दिया गया, जोकि 2020 में इसी अवधि की तीन गुना संख्या है.
यूएन एजेंसी ने इन हालात को चिन्ताजनक बताया है कि चूँकि लीबिया लौटने वाले अधिकतर प्रवासियों को मनमाने ढंग से हिरासत में लिये जाने, फ़िरौती की रक़म वसूले जाने, गुमशुदगी और उत्पीड़न किये जाने के जोखिम का सामना करना पड़ता है.
यूएन एजेंसी की रिपोर्ट में सचेत किया गया है कि अनियमित ढंग से समुद्री मार्गों के ज़रिये योरोपीय देशों में प्रवासन के लिये पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है.
प्रवासन संगठन ने इसके मद्देनज़र, सभी देशों से तत्काल, सक्रिय प्रयास किये जाने का आग्रह किया है ताकि ख़तरनाक समुद्री मार्गों से यात्रा करने वाले प्रवासियों के जीवन की रक्षा सुनिश्चित की जा सके.