वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

योरोप: 14 लाख ज़िन्दगियों की रक्षा करने में, कोविड-19 टीकों से मिली मदद

पुर्तगाल के लिस्बन में एक बुज़ुर्ग महिला को वैक्सीन की तीसरी बूस्टर ख़ुराक लगाई जा रही है.
© WHO/Khaled Mostafa
पुर्तगाल के लिस्बन में एक बुज़ुर्ग महिला को वैक्सीन की तीसरी बूस्टर ख़ुराक लगाई जा रही है.

योरोप: 14 लाख ज़िन्दगियों की रक्षा करने में, कोविड-19 टीकों से मिली मदद

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि कोविड-19 वैक्सीन के ज़रिये योरोपीय क्षेत्र में 14 लाख लोगों की जान बचाने में मदद मिली है, और यह टीकाकरण का एक ऐसा सबूत है जिसे ख़ारिज नहीं किया जा सकता है.

योरोपीय क्षेत्र के लिए WHO निदेशक डॉक्टर हैंस क्लूगे ने ज़ोर देकर कहा कि टीकों के बिना, योरोपीय महाद्वीप पर मृतक संख्या क़रीब 40 लाख, या उससे ज़्यादा हो सकती थी. 

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के योरोपीय क्षेत्र में 53 देश हैं, जहाँ कोविड-19 से 25 लाख से अधिक मौतें हुई, और 27 करोड़ से अधिक संक्रमण मामलों की पुष्टि हुई.

Tweet URL

34 देशों का विश्लेषण दर्शाता है कि वैक्सीन से जिन लोगों की जीवन रक्षा में मदद मिली, उनमें लगभग 90 फ़ीसदी की आयु 60 वर्ष से अधिक थी. 

दिसम्बर 2020 में संक्रमण से बचाव के लिए टीके लगाए जाने की शुरुआत की गई थी और मार्च 2023 तक मौतों में 57 प्रतिशत की कमी लाने में मदद मिली.

वैक्सीन की पहली अतिरिक्त ख़ुराक, बूस्टर डोज़ से सात लाख ज़िन्दगियों की रक्षा कर पाना सम्भव हो पाया. 

डॉक्टर क्लूगे ने कोपेनहागन से जानकारी देते हुए बताया कि योरोपीय क्षेत्र में 14 लाख लोग, जिनमें से अधिकाँश वृद्धजन हैं, वे अपने प्रियजनों के साथ हैं और इसकी वजह कोविड-19 से बचाव के लिए टीकाकरण का उनका अहम निर्णय है.

“यह टीकों की शक्ति है. इस साक्ष्य को ख़ारिज नहीं किय जा सकता है.”

टीकाकरण जारी रखने पर बल

योरोपीय देशों में कोविड-19 की दर अब भी ऊँची है मगर उसमें गिरावट आ रही है. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने बीमारी का सर्वाधिक जोखिम झेल रहे लोगों को हर छह से 12 महीनों के बाद वैक्सीन की नई ख़ुराक लेने के लिए कहा है.

इनमें वृद्धजन, अग्रिम मोर्चे पर डटे स्वास्थ्यकर्मी, गर्भवती महिलाएँ, कमज़ोर प्रतिरक्षण तंत्र से जूझ रहे या लम्बे समय से बीमारी का सामना कर रहे लोग हैं.

यूएन एजेंसी ने बताया है कि श्वसन तंत्र से जुड़े विषाणुओं जैसेकि इन्फ़लुएंज़ा, ख़सरे और RSV वायरस के मामलों में उछाल देखा गया है. 

फ़्लू के कारण पिछले दो हफ़्तों में अस्पतालों में भर्ती होने के मामलों में 60 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है जबकि गहन चिकित्सा कक्ष में रखे गए मरीज़ों में 21 प्रतिशत का उछाल आया है. 

फ़्लू के मामलों में नवम्बर और दिसम्बर महीनों के दौरान चार गुना वृद्धि देखी गई, और 38 देशों ने मौसमी इन्फ़्लुएंज़ा बीमारी की शुरुआत होने की जानकारी दी. 

इससे 65 वर्ष से अधिक आयु के लोग और छोटे बच्चे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं.  

सतर्कता ज़रूरी

डॉक्टर क्लूगे ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण की दर में कमी नज़र आ रही है, मगर नए वैरीएंट, JN.1 के कारण हालात तेज़ी से बदल सकते हैं. वायरस के इस प्रकार के मामले विश्व भर में दर्ज किए गए हैं.  

उन्होंने कहा कि यह मानने का फ़िलहाल कोई आधार नहीं है कि JN.1 ज़्यादा गम्भीर वैरीएंट है, मगर इस वायरस के स्वभाव का अनुमान लगा पाना कठिन है और इसलिए यह ज़रूरी है कि सभी देश नए रूप व प्रकारों की निगरानी जारी रखें.

अनेक देशों ने कोविड-19 से जुड़े डेटा को यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के साथ साझा करना बन्द कर दिया है या उसका स्तर घटाया है. 

डॉक्टर क्लूगे ने ध्यान दिलाया कि निगरानी बनाए रखनी होगी, क्योंकि यह बीमारी अब जीवन का हिस्सा बन गई है.