वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

ग़ाज़ा युद्धविराम, 'सभी के हित में', यूएन मानवीय समन्वयक

ग़ाज़ा पट्टी के रफ़ाह सिटी में, लोग मिसाइल हमले से बचने के लिए भागते हुए.
© UNICEF/Eyad El Baba
ग़ाज़ा पट्टी के रफ़ाह सिटी में, लोग मिसाइल हमले से बचने के लिए भागते हुए.

ग़ाज़ा युद्धविराम, 'सभी के हित में', यूएन मानवीय समन्वयक

शान्ति और सुरक्षा

इसराइल द्वारा क़ाबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र की एक शीर्ष मानवीय सहायता पदाधिकारी लिन हेस्टिंग्स ने बुधवार को कहा है कि ग़ाज़ा में युद्धविराम लागू होना ही आगे बढ़ने का एक मात्र रास्ता है और यह सभी के हित में भी है. क्योंकि वहाँ युद्ध ने फ़लस्तीनियों और इसराइलियों दोनों के लिए ही, आने वाले वर्षों बल्कि दशकों में, शान्ति व सुरक्षा को जोखिम में डाल दिया है.

Tweet URL

लिन हेंस्टिंग्स ने येरूशेलम से जिनीवा में पत्रकारों से बातचीत में, ज़ोर देकर कहा है कि भीषण युद्ध ने, ग़ाज़ा पट्टी की लगभग आधी आबादी यानि क़रीब 10 लाख लोगों को, दक्षिणी इलाक़े में रफ़ाह में धकेल दिया है, जहाँ बेहद गम्भीर स्वास्थ्य और भुखमरी का संकट उत्पन्न हो गया है.

उन्होंने कहा, "ग़ाज़ा जिस कारण से सुरक्षित नहीं वो केवल हवाई हमले नहीं बल्कि विशाल पैमाने पर जनसंख्या का विस्थापन होने और बहुत छोटे इलाक़ों में आबादी की भीड़ होना भी एक कारण है."

उन्होंने बताया कि इस स्थिति ने, ग़ाज़ा में मानवीय सहायता अभियानों को भी बाधित कर दिया है.

बन्धकों व बन्दियों तक पहुँच की पुकार

लिन हेस्टिंग्स ने ज़ोर देकर यह भी कहा कि युद्धविराम, हमास द्वारा बन्धक बनाकर रखे गए लोगों की रिहाई के लिए भी अनुकूल साबित हो सकता है, और उन्होंने बन्धकों की रिहाई की पुकार भी दोहराई.

उन्होंने साथ ही ये भी आहवान किया कि इसराइली बलों ने जिन चिकित्सा कर्मियों को बन्दी बनाकर रखा है, उन तक मानवीय एजेंसियों - अन्तरराष्ट्रीय रैडक्रॉस कमेटी (ICRC) को पहुँच की अनुमति दी जाए. 

इसराइली बलों द्वारा बन्दी बनाए गए चिकित्सा कर्मियों में अल-शिफ़ा अस्पताल के निदेशक भी शामिल हैं, जिन्हें नवम्बर में एक सैन्य छापे में पकड़ा गया था.

लिन हेस्टिंग्स की ये टिप्पणियाँ, मंगलवार को यूएन महासभा के एक विशेष आपात सत्र में पारित उस प्रस्ताव के एक दिन बाद आई हैं, जिसमें तत्काल एक मानवीय युद्धविराम लागू किए जाने, सभी बन्धकों को तत्काल रिहा किए जाने और मानवीय सहायता की पहुँच सुनिश्चित किए जाने  का आहवान किया गया है.

अधिकांश ग़ाज़ावासियों के पास भोजन की कमी

संयुक्त राष्ट्र अधिकारी लिन हेस्टिंग्स ने ज़ोर देकर कहा कि ग़ाज़ा में संक्रामक रोग फैल रहे हैं, सभी अस्पतालों में से, केवल एक तिहाई से भी कम अस्पताल, न्यूनतम आंशिक क्षमता के साथ काम कर रहे हैं, आश्रय स्थल बहुत पहले ही अपनी क्षमता से अधिक भर चुके हैं और अधिकांश लोगों के पास पर्याप्त भोजन या पानी नहीं है.

संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के हालिया आकलन के अनुसार, ग़ाज़ा के उत्तर में लगभग आधी आबादी और दक्षिणी इलाक़े में क़रीब एक तिहाई आबादी "गम्भीर स्तर के भोजन अभाव" का सामना कर रही है.

लिन हेस्टिंग्स ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इसराइल पर क़ब्ज़ा शक्ति के रूप में इसराइल, ग़ाज़ा पट्टी में फ़लस्तीनी आबादी की सुरक्षा, उनकी बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने और निर्बाध सहायता तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिए ज़िम्मेदार है. 

उन्होंने कहा कि इसका मतलब न केवल सहायता ट्रकों को ग़ाज़ा में प्रवेश की अनुमति दी जाए, बल्कि मानवीय सहायता एजेंसियों को, सभी ज़रूरतमन्द लोगों तक सहायता प्रदान पहुँचाने में सक्षम बनाया जाए.

ग़ाज़ा में अस्थाई युद्ध-ठहराव के दौरान, संयुक्त राष्ट्र सहायता एजेंसियों के ट्रकों का क़ाफ़िला, सामग्री पहुँचाते हुए.
© WFP/Ali Jadallah

बाज़ार खुलने चाहिए

संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता समन्वयक लिन हेस्टिंग्स ने इस बात पर ज़ोर दिया कि ग़ाज़ा की आबादी को उचित समर्थन देने के लिए सहायता क्षेत्र को, सार्वजनिक क्षेत्र और वाणिज्यिक क्षेत्र के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर काम करने की ज़रूरत है "जैसा कि हम दुनिया में हर जगह करते हैं".

उन्होंने कहा, "हमें ज़रूरत है कि बाज़ार खुले रहें और वाणिज्यिक सामान आएँ, ताकि कुपोषण के संकट से बचा जा सके."

लिन हेस्टिंग्स ने मौजूदा टकराव भड़कने और बढ़ने के बाद पहली बार मंगलवार को, इसराइल-नियंत्रित केरेम शालोम सीमा चौकी पर, संयुक्त राष्ट्र सहायता ट्रकों की जाँच-पड़ताल का स्वागत किया. 

उन्होंने कहा कि ग़ाज़ा पट्टी में प्रवेश करने के लिए रफ़ाह में भेजे जाने से पहले, लगभग 80 ट्रकों की जाँच की गई और उन्हें मंज़ूरी दे दी गई.

उन्होंने मानवीय और वाणिज्यिक यातायात दोनों के लिए, केरेम शालोम सीमा चौकी को पूरी तरह से फिर से खोलने का आहवान दोहराया, जो 7 अक्टूबर से पहले, ग़ाज़ा पट्टी में, सामान की आवाजाही के लिए, मुख्य पहुँच बिन्दु था, और रेखांकित किया कि रफ़ाह सीमा चौकी, सैकड़ों सहायता ट्रक के गुज़रने के लिए, संरचनात्मक रूप से मज़बूत चौकी नहीं है.

लिन हेस्टिंग्स ने, मानवीय सहायता अभियान की अखंडता पर ज़ोर देते हुए कहा कि ग़ाज़ा में अपने ट्रकों से सहायता सामान के भटकाव के बारे में, इसराइली अधिकारियों से, संयुक्त राष्ट्र को कोई चिंता व्यक्त नहीं की गई है.