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इसराइल-फ़लस्तीन: ग़ाज़ा में गहराता मानवीय संकट, सुरक्षा परिषद की अहम बैठक

यूएन सुरक्षा परिषद के सदस्य, मध्य पूर्व में संकट के मुद्दे पर एक प्रस्ताव के मसौदे पर मतदान कर रहे हैं. (फ़ाइल फ़ोटो)
UN Photo/Manuel Elias
यूएन सुरक्षा परिषद के सदस्य, मध्य पूर्व में संकट के मुद्दे पर एक प्रस्ताव के मसौदे पर मतदान कर रहे हैं. (फ़ाइल फ़ोटो)

इसराइल-फ़लस्तीन: ग़ाज़ा में गहराता मानवीय संकट, सुरक्षा परिषद की अहम बैठक

शान्ति और सुरक्षा

इसराइल और फ़लस्तीन में उपजे हालात पर मंगलवार को सुरक्षा परिषद में एक अहम बैठक के दौरान, 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इसराइल पर किए गए हमलों, और उसके बाद ग़ाज़ा पट्टी में इसराइल की जवाबी कार्रवाई से गहराते मानवीय संकट पर चर्चा हुई.

इसराइल और ग़ाज़ा में गहन हिंसा की शुरुआत के बाद, 15 सदस्य देशों वाली सुरक्षा परिषद की यह चौथी बैठक है, जिसका दायित्व अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा सुनिश्चित करना है.  

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फ़िलहाल, इसराइल और ग़ाज़ा पर नियंत्रण करने वाले हमास चरमपंथियों के बीच टकराव में फँसे 20 लाख से अधिक फ़लस्तीनियों की पीड़ा को दूर करने के लिए किसी भी कार्रवाई पर कोई सहमति नहीं हुई है.

सुरक्षा परिषद में मौजूदा घटनाक्रम पर अब तक दो प्रस्ताव के मसौदे पेश किए गए हैं. रूसी महासंघ द्वारा लाए गए पहले प्रस्ताव में तत्काल युद्धविराम की बात कही गई थी, मगर उसे पर्याप्त वोट नहीं मिल पाए.

उसके बाद, ब्राज़ील द्वारा लाए गए प्रस्ताव को अमेरिका ने वीटो कर दिया. इस प्रस्ताव में राहत सामग्री की सुलभता के लिए मानवीय आधार पर लड़ाई में ठहराव की अपील की गई थी, लेकिन अमेरिका ने यह कह कर विरोध किया कि उसमें इसराइल की आत्मरक्षा के अधिकार का उल्लेख नहीं किया गया है.

हर पल बढ़ता संकट

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए सचेत किया कि मध्य पूर्व में हालात हर घंटा बीतने के साथ गम्भीर होते जा रहे हैं. 

“विभाजन, समाजों को छिन्न-भिन्न कर रहे हैं, और तनावों में उबाल आने का ख़तरा है.”

यूएन प्रमुख के अनुसार, यह समय सिद्धान्तों के प्रति स्पष्ट नज़रिया अपनाने का है, और आमजन की रक्षा सुनिश्चित करने के साथ इसकी शुरुआत की जानी होगी.

महासचिव गुटेरेश ने तत्काल, मानवीय आधार पर युद्धविराम की अहमियत को रेखांकित किया है, ताकि विशाल पीड़ा में कमी लाई जा सके, सहायता पहुँचाने का कार्य आसान व सुरक्षित हो, और बंधकों की जल्द रिहाई हो सके.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि हम वास्तविक शान्ति व स्थिरता के लिए एकमात्र यथार्थवादी बुनियाद को नज़रों से ओझल नहीं होने दे सकते हैं: दो-राष्ट्र समाधान. 

इसराइलियों की जायज़ सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा किया जाना होगा, और एक स्वतंत्र राष्ट्र के लिए, फ़लस्तीनियों की जायज़ आकाँक्षाओं को साकार करना होगा. 

महासचिव ने कहा कि इसराइल को अपनी सुरक्षा के लिए जायज़ आवश्यकताओं को पूरे होते हुए देखना होगा, और फ़लस्तीनियों की एक स्वतंत्र राष्ट्र की जायज़ ज़रूरत को पूरा करना होगा. 

यूएन प्रस्तावों, अन्तरराष्ट्रीय क़ानूनों और अतीत में हुए समझौतों के अनुरूप. 

‘बहुत कुछ दाँव पर लगा है’

मध्य पूर्व शान्ति प्रक्रिया के लिए यूएन के विशेष समन्वयक टॉर वैनेसलैंड ने अपने सम्बोधन में वृहद क्षेत्र में मौजूदा परिस्थितियों से पनप रहे जोखिम के प्रति आगाह किया.

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव आम लोगों की ज़िन्दगियों की रक्षा और कष्टों की रोकथाम के लिए हर अवसर का उपयोग करने के लिए प्रयासरत हैं.

“यह अहम है कि हम एक एकजुट अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के तौर पर, इस रक्तपात का अन्त करने और टकराव को और अधिक फैलने से रोकने के लिए अपने सामूहिक प्रयास करें.”

“बहुत कुछ दाँव पर लगा हुआ है, और मेरी सभी प्रासंगिक पक्षों से अपील है कि ज़िम्मेदारी के साथ क़दम उठाए जाएं.”

विशेष समन्वयक ने कहा कि कोई भी ग़लत अनुमान लगाने से ऐसे नतीजे सामने आ सकते हैं, जिन्हें आंका नहीं जा सकता है. 

टॉर वैनेसलैंड के अनुसार, मौजूदा घटनाक्रम को क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़े, इसराइल और क्षेत्र में वृहद हालात व सन्दर्भ से दूर करके नहीं देखा जा सकता है.

फ़लस्तीन

फ़लस्तीन के विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकी ने कहा कि सुरक्षा परिषद और अन्तरराष्ट्रीय का कर्तव्य और दायित्व, ज़िन्दगियों की रक्षा करना है.

उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में सुरक्षा परिषद का लगातार विफल रहना अक्षम्य है.

फ़लस्तीनी विदेश मंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि केवल अन्तरराष्ट्रीय क़ानून और शान्ति के लिए ही देशों द्वारा बिना किसी शर्त के समर्थन दिया जा सकता है. और अन्याय ढहाने या और लोगों को मारने से, इसराइल सुरक्षित नहीं हो जाएगा.

रियाद अल-मलिकी ने कहा कि किसी भी मात्रा में हथियारों, किसी भी गठबंधन से सुरक्षा नहीं मिलेगी. यह केवल शान्ति से हासिल होगी, फ़लस्तीन और उसकी जनता के साथ शान्ति से.

उन्होंने कहा कि फ़लस्तीनी लोगों का भाग्य, विस्थापन, अधिकारों को नकारना, मौतें, वंचना से जारी नहीं रह सकता है. “हमारी स्वतंत्रता, साझा शान्ति व सुरक्षा के लिए शर्त है.” 

फ़लस्तीनी विदेश मंत्री ने बड़े पैमाने पर मानवीय विनाश को टालने, और मौजूदा संकट के वृहद क्षेत्र में फैलने से रोकने पर बल दिया, जिसे उनके अनुसार, इसराइल द्वारा फ़लस्तीनी लोगों के विरुद्ध शुरू किए गए युद्ध पर विराम लगाकर और रक्तपात रोक करके ही हासिल किया जा सकता है.

फ़लस्तीन के विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकी ने मंगलवार को मध्य पूर्व में हालात पर सुरक्षा परिषद को सम्बोधित किया.
UN Photo/Eskinder Debebe
फ़लस्तीन के विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकी ने मंगलवार को मध्य पूर्व में हालात पर सुरक्षा परिषद को सम्बोधित किया.

इसराइल

इसराइल के विदेश मामलों के मंत्री ऐली कोहेन ने हमास द्वारा अगवा किए गए लोगों की तस्वीरों को सुरक्षा परिषद में लहराते हुए कहा कि बंधकों के लिए हालात, एक जीता जागता दुस्वप्न है. 

उन्होंने 7 अक्टूबर को इसराइल में हुए हमलों को ध्यान दिलाते हुए कहा कि यह इतिहास में एक क्रूर जनसंहार के रूप में याद रखा जाएगा, और चरमपंथ व आतंकवाद के विरुद्ध नीन्द से जगा देने वाली घंटी के तौर पर भी.

“हमास, नए नाज़ी हैं.” उन्होंने बंधकों तक पहुँचने के लिए तत्काल रास्ता देने और उनकी बिना शर्त रिहाई की अपील की है.

इसराइली विदेश मंत्री ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्यों के तौर पर, उन्हें क़तर से ऐसा करने की मांग करनी चाहिए. “यह बैठक एक स्पष्ट सन्देश के साथ समाप्त होनी चाहिए: उन्हें घर वापिस लाइए.” “यह बैठक एक स्पष्ट सन्देश के साथ समाप्त होनी चाहिए: उन्हें घर वापिस लाइए.”

विदेश मंत्री कोहेन ने कहा कि स्व-रक्षा इसराइल का अधिकार और कर्तव्य है. उनके अनुसार यह केवल इसराइल का युद्ध नहीं है. यह स्वतंत्र दुनिया की लड़ाई है.

उनके अनुसार, 7 अक्टूबर को हुए संहार के बाद आनुपातिक जवाबी कार्रवाई, जीवित बचे रहने से जुड़ा विषय है. उन्होंने इसराइल का समर्थन करने वाले देशों का आभार प्रकट किया है. 

“हम जीतने जा रहे हैं, चूँकि यह युद्ध, जीवन के लिए है, यह युद्ध, आपका युद्ध भी होना चाहिए.” “फ़िलहाल, दुनिया के सामने, एक नैतिक स्पष्टता का स्पष्ट चयन है.” 

विदेश मंत्री कोहेन ने कहा कि यदि सभी देश निर्णायक ढंग से इसराइल के मिशन के साथ खड़े नहीं हुए तो यह यूएन के लिए सबसे स्याह समय होगा,

इसराइल के विदेश मंत्री ऐली कोहेन ने सुरक्षा परिषद में मध्य पूर्व में हालात पर आयोजित बैठक को सम्बोधित किया.
UN Photo/Manuel Elias
इसराइल के विदेश मंत्री ऐली कोहेन ने सुरक्षा परिषद में मध्य पूर्व में हालात पर आयोजित बैठक को सम्बोधित किया.