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इसराइल-फ़लस्तीन: ईंधन क़िल्लत से दरकता ग़ाज़ा, स्वास्थ्य देखभाल पर संकट

ग़ाज़ा में हिंसक टकराव के कारण बड़ी संख्या में लोग, उत्तर से दक्षिणी हिस्से की ओर चले गए हैं.
© UNICEF/Eyad El Baba
ग़ाज़ा में हिंसक टकराव के कारण बड़ी संख्या में लोग, उत्तर से दक्षिणी हिस्से की ओर चले गए हैं.

इसराइल-फ़लस्तीन: ईंधन क़िल्लत से दरकता ग़ाज़ा, स्वास्थ्य देखभाल पर संकट

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र मानवीय राहतकर्मियों ने ग़ाज़ा-इसराइल संकट के 17वें दिन, बेहद आवश्यक ईंधन और अन्य ज़रूरी राहत सामग्री की आपूर्ति की गुहार लगाई है, ताकि ग़ाज़ा पट्टी में पहले से ही ख़राब स्थिति को और बिगड़ने से रोका जा सके. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपने एक अपडेट में बताया कि मौजूदा हालात में, लोगों को बेहोश किए बिना और सर्जरी के लिए ज़रूरी बुनियादी औज़ारों के बिना, डॉक्टर ऑपरेशन करने के लिए मजबूर हैं.  

यूएन एजेंसी के अनुसार, ईंधन, ग़ाज़ा में सबसे अहम सामान बन गया है. 

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) की प्रवक्ता तमारा अलरिफ़ाई ने बताया कि ईंधन के बिना, ट्रक काम नहीं कर सकते, जनरेटर से अस्पतालों, बेकरी और जल शोधन संयंत्रों के लिए बिजली पैदा नहीं हो सकती. 

अब तक, ग़ाज़ा में सहायता क़ाफ़िलों के ज़रिये जो राहत सामग्री रवाना की गई है, उसमें ईंधन को भेजे जाने की अनुमति नहीं दी गई.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी में पूर्वी भूमध्यसागर क्षेत्र में आपात मामलों के निदेशक डॉक्टर रिक ब्रेनेन ने कहा कि मानवीय राहत का दायरा व स्तर बढ़ाने की मांग करते हुए हम घुटनों तक आ चुके हैं.

उन्होंने काहिरा से पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि जो कोई भी निर्णय लेने की स्थिति में है, या निर्णय-निर्धारकों को प्रभावित कर सकता है, हमें इस मानवीय विनाश से निपटने के लिए जगह दें.

सहायता व्यवस्था में सतर्कता

पिछले शनिवार से अब तक, मिस्र से ग़ाज़ा में 54 ट्रकों ने प्रवेश किया है, जिनमें भोजन, चिकित्सा आपूर्ति और अन्य ग़ैर-खाद्य सामग्री लदी हैं. 

UNRWA प्रवक्ता तमारा अलरिफ़ाई ने बताया कि हिंसक टकराव के शुरू होने से पहले, ग़ाज़ा में हर दिन 500 ट्रक प्रवेश करते थे, जिनमें वाणिज्यिक ट्रक, और कम से कम 100 सहायता सामग्री से लदे ट्रक हैं. इनमें से 45 ईंधन आपूर्ति के काम में जुटे थे.

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उनके अनुसार, हाल के दिनों में रवाना किए गए तीनों क़ाफ़िलों का संचालन व समन्वय, परिवहन और राहत सामग्री का भंडारण, ग़ाज़ा पट्टी में यूएन एजेंसी द्वारा किया गया है.

उनसे जब ईंधन के ग़लत हाथों में पड़ने के जोखिम के बारे में पूछा गया तो यूएन एजेंसी प्रवक्ता ने बताया कि अन्य सामग्री व उपकरणों की तरह, ईंधन आपूर्ति को प्राप्त करना और फिर उसे सम्भालना, UNRWA की ज़िम्मेदारी होगी.

इसके बाद उसे अस्पतालों और जल शोधन संयंत्रों के लिए भेजा जाएगा.

तमारा अलरिफ़ाई के अनुसार, राहत सामग्री प्रबन्धन के लिए समुचित व्यवस्था लागू है, ताकि उसे केवल मानवतावादी उद्देश्यों के लिए ही इस्तेमाल में लाया जाए.

बीमारियाँ फैलने की आशंका

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के डॉक्टर ब्रेनेन ने बताया कि स्वच्छ पेयजल के अभाव के गम्भीर दुष्परिणाम हो सकते हैं, जोकि भीड़भाड़ वाले माहौल के कारण जटिल रूप धारण कर सकता है.

उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति के लिए प्रति दिन 15 लीटर की न्यूनतम आवश्यकता होती है, लेकिन ग़ाज़ा में फ़िलहाल प्रति व्यक्ति, प्रति दिन एक से तीन लीटर जल ही उपलब्ध है.

इन हालात में लोगों को दूषित जल पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है और संक्रामक बीमारियों के फैलने का ख़तरा बढ़ रहा है, जिनमें श्वसन तंत्र संक्रमण, दस्त के अलावा, चिकन पॉक्स समेत अन्य रोग हैं.

डॉक्टर ब्रेनेन के अनुसार, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी बीमारियों की निगरानी, उनकी दैनिक जानकारी प्रदान करने के इरादे से एक प्रणाली को स्थापित करने के लिए UNRWA के साथ मिलकर प्रयास कर रहा है.