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यूएन प्रमुख ने दोहराई बहुपक्षीय सुधारों की पुकार, भावी क़दमों का ख़ाका पेश

यूएन महासभा के उच्च स्तरीय वार्षिक सत्र के दौरान एसडीजी मीडिया ज़ोन के पास एक प्रतिभागी.
UN Photo/Mark Garten
यूएन महासभा के उच्च स्तरीय वार्षिक सत्र के दौरान एसडीजी मीडिया ज़ोन के पास एक प्रतिभागी.

यूएन प्रमुख ने दोहराई बहुपक्षीय सुधारों की पुकार, भावी क़दमों का ख़ाका पेश

एसडीजी

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने ध्यान दिलाया है कि विश्व नेताओं ने यूएन महासभा के 78वें सत्र के उच्च स्तरीय खंड के दौरान बहुपक्षीय सहयोग में नए सिरे से ऊर्जा भरने और मौजूदा व्यवस्था में सुधार लागू किए जाने की पुकार लगाई.

यूएन प्रमुख ने बुधवार को न्यूयॉर्क में शीर्ष कूटनीतिज्ञों के साथ एक बैठक को सम्बोधित करते हुए यह बात कही. 

महासचिव गुटेरेश ने बताया कि महासभा की वार्षिक बहस के दौरान पर्यावरण की मौजूदा स्थिति, कृत्रिम बुद्धिमता व अन्य नई टैक्नॉलॉजी का ज़िम्मेदारी भरा इस्तेमाल समेत कई अन्य प्राथमिकताएँ उभरी हैं.

इस पृष्ठभूमि में, यूएन की ‘हमारा साझा एजेंडा’ रिपोर्ट में प्रस्तावों व विचारों को पेश किया गया है. 

महासचिव ने कहा कि इनके ज़रिये, मौजूदा दुनिया और हमारी आकाँक्षाओं के अनुरूप दुनिया के बीच की दूरी को पाटा जा सकता है.

यूएन प्रमुख ने बताया कि ‘भविष्य की शिखर बैठक’ की तैयारियों के सिलसिले में अगला वर्ष अहम होगा, और चार अहम क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित किया जाना होगा.

सामाजिक अनुबन्ध को फिर से जीवित करना

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि ‘हमारा साझा एजेंडा’ में टिकाऊ विकास के लिए 2030 एजेंडा और मानवाधिकारों पर आधारित सामाजिक अनुबन्ध में नए सिरे से प्राण भरने पर बल दिया गया है.

इसके तहत, सार्वजनिक सैक्टर को मज़बूती प्रदान करनी होगी, हरित व डिजिटल रोज़गार सृजित करने होंगे, महिलाओं के विरुद्ध हिंसा का अन्त करना होगा और मानवाधिकारों को बढ़ावा देना होगा.

“एसडीजी शिखर बैठक में प्रभावशाली पहलें तैयार की गई हैं, जिनसे हम अपनी गतिविधियों को बल देने में समर्थ होंगे.”

युवजन एवं भविष्य

रिपोर्ट में युवजन व भावी पीढ़ियों की भूमिका की अहमियत को समझा गया है. इस क्रम में, एक नए यूएन युवजन कार्यालय के ज़रिये उनकी ऊर्जा व सृजनात्मकता को संवारा जाना होगा. 

इसका लक्ष्य वैश्विक शासन व्यवस्था को आवश्यकता के अनुरूप अधिक उत्तरदायी व जवाबदेह बनाना और जलवायु व शिक्षा पर ध्यान केन्द्रित किया जाना होगा.

संयुक्त राष्ट्र महासभा हॉल का एक विहंगम दृश्य (यूएन फ़ोटो)
UN Photo/Amanda Voisard
संयुक्त राष्ट्र महासभा हॉल का एक विहंगम दृश्य (यूएन फ़ोटो)

वैश्विक शासन व्यवस्था में रूपान्तरकारी बदलाव

रिपोर्ट में अन्तर-सरकारी निर्णय-निर्धारण प्रक्रिया में मौजूदा विश्व की वास्तविकताओं के अनुरूप बदलाव लाने पर बल दिया गया है. 

इनमें स्वास्थ्य, पर्यावरण, और डिजिटल सहयोग पर वैश्विक शासन व्यवस्था को मज़बूती प्रदान करने के लिए विचार-विमर्श भी है. बताया गया है कि अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय तंत्र में गहरे सुधार लागू किए जाने के प्रस्ताव को विश्व भर में समर्थन मिल रहा है. 

दुबई में इस वर्ष कॉप28 जलवायु शिखर सम्मेलन, और अगले साल भविष्य की शिखर बैठक समेत अन्य आयोजनों में इसका ख़याल रखा जाएगा.

यूएन 2.0

यूएन प्रमुख ने उन क़दमों को भी साझा किया है, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में रूपान्तरकारी बदलाव लाने के लिए उठाया गया है, जैसेकि अहम क्षेत्रों में संस्कृति व कौशल में बदलाव.

इन पहलों में एक वैज्ञानिक परामर्शदाता बोर्ड का गठन, भविष्योन्मुखी यूएन लैब, और नागरिक समाज, सांसदों और निजी सैक्टर समेत अन्य हितधारकों के साथ सम्पर्क व बातचीत को प्रोत्साहन देना है. 

इसके अलावा, क्षेत्रीय सरकार और कृत्रिम बुद्धिमता पर परामर्शदाता निकाय भी स्थापित किए जाने की योजना है.

भावी क़दम

यूएन प्रमुख ने ‘हमारा साझा एजेंडा’ में सुझाए गए प्रस्तावों पर नीतिपत्रों, कारगर बहुपक्षवाद पर उच्च स्तरीय परामर्शदाता बोर्ड की रिपोर्ट, और उच्च स्तरीय सप्ताह के दौरान एसडीजी शिखर बैठक का उल्लेख किया.

उनके अनुसार, इनसे अगले वर्ष की शिखर बैठक के लिए एक सफल मॉडल का ख़ाका तैयार हुआ है. उन्होंने कहा कि एक समावेशी, कारगर, नैटवर्क-आधारित बहुपक्षवाद की दिशा में ठोस क़दम उठाए गए हैं, जिनकी मौजूदा दौर में ज़रूरत है. 

महासचिव गुटेरेश ने देशों से आग्रह किया है कि आगामी दिनों में निरन्तर सम्पर्क व बातचीत को आगे बढ़ाया जाना होगा.