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भारत के पास टिकाऊ विकास व जलवायु न्याय के लिये, अगुवाई करने का ‘अभूतपूर्व अवसर’

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने आईआईटी मुम्बई में आयोजित एक कार्यक्रम में छात्रों को सम्बोधित किया.
UN Photo/Deepak Malik
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने आईआईटी मुम्बई में आयोजित एक कार्यक्रम में छात्रों को सम्बोधित किया.

भारत के पास टिकाऊ विकास व जलवायु न्याय के लिये, अगुवाई करने का ‘अभूतपूर्व अवसर’

एसडीजी

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि भारत के पास विकासशील देशों की आवाज़ उठाने और टिकाऊ विकास, जलवायु न्याय व सहनक्षमता निर्माण में उदाहरण पेश करते हुए अगुवाई करने का एक अहम अवसर है. यूएन प्रमुख ने अपनी भारत यात्रा के दौरान बुधवार को, मुम्बई में एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि 2030 एजेंडा के तहत अनेक टिकाऊ विकास लक्ष्यों की सफलता का पैमाना, भारत में कार्रवाई से ही तय होगा.

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यूएन प्रमुख ने भारत की स्वाधीनता की 75वीं वर्षगाँठ के अवसर पर भारत एवं यूएन के बीच साझेदारी और दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मज़बूत करने के विषय पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मुम्बई में सार्वजनिक व्याख्यान दिया.

उन्होंने कहा कि विशाल आबादी वाला देश भारत, युवजन की सबसे बड़ी पीढ़ी का घर है. टिकाऊ विकास एजेंडा में आधे से अधिक लक्ष्यों की सफलता या विफलता के बीच का अन्तर भारत में कार्रवाई की सफलता से ही तय होगा.

यूएन प्रमुख ने विश्व के ‘सबसे बड़े लोकतांत्रिक’ देश, भारत की स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे होने, उसकी उपलब्धियों और सबसे तेज़ी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था पर बधाई दी.

वैश्विक भूमिका

उन्होंने कहा कि भारत ने, पिछले दो वर्षों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक सदस्य के रूप में, बहुपक्षीय समाधानों को बढ़ावा देने और संकटों से निपटने में महत्वपूर्ण योगदान किया है.

महासचिव ने कहा कि भारत ने वैश्विक एकजुटता और दक्षिण-दक्षिण सहयोग के क्षेत्र में व्यावहारिक व उदार रुख़ का परिचय दिया है, और यूएन-भारत विकास ढाँचा साझेदारी के ज़रिये, एकल देश दक्षिण-दक्षिण सहयोग समर्थन फ़्रेमवर्क स्थापित करने वाला पहला देश था.

“चरम कोविड-19 महामारी के दौरान दवाओं, उपकरणों व टीकों के दान से लेकर, अफ़ग़ानिस्तान व श्रीलंका के लिये मानवीय सहायता और वित्त पोषण तक, आप अन्तरराष्ट्रीय मंच पर अपना असर बढ़ा रहे हैं.”

यूएन प्रमुख के अनुसार, आज भारत, संयुक्त राष्ट्र के लिये एक मज़बूत साझीदार है.

यूएन प्रमुख ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के शान्तिरक्षा अभियानों में सैन्य और पुलिसकर्मियों के योगदान के सम्बन्ध में भारत अग्रणी देशों में हैं. इनमें यूएन की ओर से पहला महिला पुलिस दस्ता भी है, जो शान्तिरक्षा मिशन के तहत भेजा गया था.

“मैं भारत से शान्ति के पक्ष में आवाज़ उठाना जारी रखने; अपने वैश्विक नेतृत्व में विस्तार करने, अपनी विदेश नीति व विकास को SDG व पेरिस समझौते के अनुरूप बनाने; और मौजूदा वैश्विक संकटों के नवाचारी समाधान ढूंढने का आग्रह करता हूँ.”

मौजूदा चुनौतियाँ

यूएन प्रमुख ने ध्यान दिलाया कि भारत, जी20 देशों के समूह का अगला अध्यक्ष देश है, जोकि विकासशील जगत के मूल्यों और दूरदृष्टि को वैश्विक अर्थव्यवस्था की शीर्ष मेज़ तक लाने का एक अहम अवसर होगा.

इस क्रम में, उन्होंने कहा कि वह क़र्ज़ राहत के मुद्दे पर जी20 देशों की एकजुटता के लिये भारत से समर्थन की अपेक्षा रखते हैं.

अनेक विकासशील देशों पर क़र्ज़ का भीषण दबाव है और उन्हें जी20 कर्ज़ सेवा निलम्बन पहल में विस्तार व उसकी अवधि बढ़ाने के साथ-साथ बहुपक्षीय स्तर पर सहायता की ज़रूरत है.

उन्होंने बताया कि मौजूदा वैश्विक वित्तीय तंत्र का पलड़ा धनी देशों के पक्ष में झुका है, और इसमें सुधार लाने की प्रक्रिया में भारत को भूमिका निभानी होगी.

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने भारत से नवीकरणीय प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैश्विक महाशक्ति बनने का आग्रह किया, और एक विनिर्माण केन्द्र (हब) भी, तकि दुनिया भर में इस क्रान्ति को ऊर्जा प्रदान की जा सके.

यूएन प्रमुख ने कहा कि जलवायु संकट से निपटने के लिये यह अहम है कि नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाए.

“न्यायोचित ढंग से ऊर्जा बदलाव की ओर बढ़ने से उन लाखों-करोड़ों भारतीयों व अन्य लोगों को लाभ पहुँचेगा, जिन्हें प्रदूषण, ऊर्जा निर्धनता व जलवायु संकट के तिहरे असर से जूझना पड़ रहा है.”

यूएन प्रमुख ने भारत एवं यूएन के बीच साझेदारी और दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मज़बूती प्रदान करने के विषय पर आईआईटी मुम्बई में सार्वजनिक व्याख्यान दिया.
UN Photo/Deepak Malik
यूएन प्रमुख ने भारत एवं यूएन के बीच साझेदारी और दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मज़बूती प्रदान करने के विषय पर आईआईटी मुम्बई में सार्वजनिक व्याख्यान दिया.

यूएन चार्टर और भारत

महासचिव ने ध्यान दिलाया कि भारत, संयुक्त राष्ट्र के संस्थापक सदस्यों में से है, और यूएन चार्टर का मसौदा तैयार करते समय, शान्ति, अहिंसा व सहिष्णुता पर महात्मा गांधी के सन्देश से प्रेरणा ली गई थी.

“यह एक भारतीय महिला हंसा मेहता का ही योगदान है कि मानवाधिकारों पर सार्वभौमिक घोषणापत्र के अनुच्छेद 1 में, महिलाओं व पुरुषों की समानता को रेखांकित किया गया है.”

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि देश के भीतर मानवाधिकारों के लिये सम्मान और समावेश के लिये मज़बूत प्रतिबद्धता के ज़रिये, वैश्विक मंच पर भारत की साख़ और विश्वनीयता और बढ़ेगी.

“मानवाधिकार परिषद के एक निर्वाचित सदस्य के तौर पर, भारत का यह दायित्व है कि वैश्विक मानवाधिकारों पर अमल हो, और अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों समेत सभी व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा व उन्हें बढ़ावा दिया जाए.”

साझा प्रयासों का आहवान

यूएन प्रमुख ने अगले 75 वर्षों में साथ मिलकर प्रयास करने का आहवान किया है, ताकि सर्वजन के लिये एक अधिक शान्तिपूर्ण, न्यायसंगत, सतत और समावेशी विश्व को आकार दिया जा सके.

“और मुझे भरोसा है कि भारत इसे सम्भव बनाने में मूलभूत योगदान करेगा.”

यूएन प्रमुख ने मुम्बई में ताज महल पैलेस होटल में 26 नवम्बर 2008 को हुए आतंकवादी हमले के पीड़ितों को श्रृद्धा सुमन अर्पित किये.
UN Photo/Vinay Panjwani
यूएन प्रमुख ने मुम्बई में ताज महल पैलेस होटल में 26 नवम्बर 2008 को हुए आतंकवादी हमले के पीड़ितों को श्रृद्धा सुमन अर्पित किये.

इससे पहले, यूएन महासचिव ने अपने दिन की शुरुआत मुम्बई में ताज पैलेस होटल में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करने के साथ की, जहाँ उन्होंने 26 नवम्बर 2008 को हुए आतंकवादी हमले के पीड़ितों को श्रृद्धांजलि अर्पित की.

यूएन प्रमुख आईआईटी मुम्बई में अपने व्याख्यान के बाद गुजरात के केवडिया के लिये रवाना हुए, जहाँ उन्होंने पर्यावरण के लिये जीवनशैली (Lifestyle for Environment/LiFE) मिशन की की शुरुआत पर आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत की.