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भावी महामारियों के रोकथाम प्रयास एक अहम पड़ाव पर, 'ऐतिहासिक घोषणा-पत्र' पारित

फ़िलिपींस के एक सामुदायिक अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मी निजी बचाव के लिये पोशाक पहन कर मरीज़ों की जाँच करते हैं.
UN Women/Louie Pacardo
फ़िलिपींस के एक सामुदायिक अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मी निजी बचाव के लिये पोशाक पहन कर मरीज़ों की जाँच करते हैं.

भावी महामारियों के रोकथाम प्रयास एक अहम पड़ाव पर, 'ऐतिहासिक घोषणा-पत्र' पारित

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने विश्व नेताओं के उस ऐतिहासिक संकल्प का स्वागत किया है, जोकि कोविड-19 जैसी स्वास्थ्य चुनौतियों के विनाशकारी स्वास्थ्य व सामाजिक-आर्थिक नतीजों की रोकथाम करने और भावी महामारियों से आम लोगों की रक्षा करने पर लक्षित है. इस क्रम में, अन्तरराष्ट्रीय सहयोग और निवेश बढ़ाने पर बल दिया गया है.

सदस्य देशों ने बुधवार को एक अति महत्वपूर्ण राजनैतिक घोषणापत्र पारित किया है, जोकि वैश्विक महामारी की रोकथाम व जवाबी कार्रवाई पर केन्द्रित है. साथ ही, टिकाऊ विकास लक्ष्यों को साकार करने के मार्ग पर वापसी करने की प्रतिबद्धता को दोहराया गया है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा कि दुनिया के सभी लोगों की रक्षा के लिए ज़रूरी प्रयासों में यह एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है. 

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उनके अनुसार, इसकी मदद से वैश्विक महामारी के विनाशकारी नतीजों से बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है.  

महानिदेशक घेबरेयेसस ने राजनैतिक समर्थन और दिशा प्रदान करने के लिए विश्व नेताओं के संकल्प का स्वागत किया है.

उन्होंने कहा कि इससे लोगों की स्वास्थ्य रक्षा के लिए स्थानीय क्षमताओं में निवेश करने, समता सुनिश्चित करने और वैश्विक आपात स्वास्थ्य स्थिति को समर्थन प्रदान करने में मदद मिलेगी. 

यह घोषणापत्र अनेक महीनों तक चली गहन वार्ताओं के बाद सम्भव हो पाया, जिसके तरत राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तरों पर कार्रवाई के लिए सहमति बनाई गई. 

अब इस घोषणापत्र को औपचारिक अनुमोदन के लिए यूएन महासभा में प्रस्तुत किया जाएगा.  

मुख्य तथ्य

इस राजनैतिक घोषणापत्र में वैश्विक महामारी की रोकथाम, तैयारी व जवाबी कार्रवाई पर औपचारिक समझौते पर वार्ताओं का दौर पूरा करने की बात कही गई है. 

इसे वैश्विक महामारी पर केन्द्रित समझौते के रूप में जाना जाता है. इसके साथ ही, अगले वर्ष मई तक अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियामन में भी लक्षित संशोधन किए जाने पर ज़ोर होगा.

घोषणापत्र में सदस्य देशों से स्वास्थ्य-सम्बन्धी ग़लत जानकारी, दुस्सूचना, हेट स्पीच, और कथित रूप से कंलकित किए जाने से शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर होने वाले नकारात्मक असर से निपटे जाने की बात कही गई है. 

इसके मद्देनज़र, सार्वजनिक सूचना मुहिम को विज्ञान व तथ्यों पर आधारित होने की अहमियत को रेखांकित किया गया है.

सदस्य देशों ने स्वास्थ्य कार्यबलों को मज़बूती प्रदान करने, क्षमता निर्माण करने, निगरानी प्रयासों, स्थानीय स्तर पर विनिर्माण सामर्थ्य बढ़ाने के लिए संकल्प व्यक्त किया गया है. 

इससे देशों को वैश्विक महामारियों की रोकथाम करने, उनके लिए तैयार होने और उनसे निपटने में मदद मिलेगी.

ग़लतियों से सबक़

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बैठक के दौरान प्रतिनिधियों को ध्यान दिलाया कि कोविड-19 से निपटने की कार्रवाई, मानव चतुराई और समाजों में व्याप्त ख़ामियों, दोनों की ओर इशारा करती है. 

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने कहा कि त्वरित परीक्षण और वैक्सीन का विकसित होना, बड़ी उपलब्धियाँ हैं, मगर तैयारी का अभाव भी रहा. इसके अलावा, विश्व के निर्धनतम समुदायों पर महामारी का विषमतापूर्ण असर हुआ, जबकि सम्पन्न देशों ने वैक्सीन की जमाखोरी की.

उन्होंने कहा कि अगली महामारी के प्रकोप के दौरान, अतीत की ग़लतियों को दोहराने से रोकना होगा, चूँकि अन्य स्वास्थ्य ख़तरों के उभरने होने की आशंका है.

महासचिव ने इस घोषणापत्र की अहमियत को दोहराते हुए, सदस्य देशों से विश्व स्वास्थ्य संगठन के लिए वित्तीय योगदान समेत समर्थन बढ़ाने का आग्रह किया.