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UNGA78: 'विश्व को ज़रूरत है कार्रवाई की' - यूएन प्रमुख

दक्षिण सूडान में, चरम मौसम के कारण उत्पन्न घटनाओं का एक दृश्य. ऐसी घटनाओं से दुनिया भर में एक बड़ी आबादी प्रभावित होती है.
© UNICEF/Sebastian Rich
दक्षिण सूडान में, चरम मौसम के कारण उत्पन्न घटनाओं का एक दृश्य. ऐसी घटनाओं से दुनिया भर में एक बड़ी आबादी प्रभावित होती है.

UNGA78: 'विश्व को ज़रूरत है कार्रवाई की' - यूएन प्रमुख

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने, अगले सप्ताह यूएन महासभा शिखर सम्मेलन के लिए, न्यूयॉर्क पहुँचने वाले विश्व नेताओं को एक स्पष्ट सन्देश प्रस्तुत किया है: ये समय तेवर दिखाने का या स्थिति निर्धारण का नहीं बल्कि विश्व को कार्रवाई की दरकार है.

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यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने, यूएन महासभा के उच्च स्तरीय सप्ताह के दौरान दुनिया के 193 सदस्य देशों की पंचायत को, विश्व की मौजूदा स्थिति का आकलन करने के साथ-साथ, सामान्य भलाई के लिए कार्रवाई करने का एक अदभुत क्षण क़रार दिया.

उन्होंने यूएन मुख्यालय में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा, “ये समय बेपरवाही दिखाने या अनिर्णय का नहीं है. ये समय ठोस और वास्तविक समाधानों के लिए एक साथ आने का है.”

‘एक बेहतर कल के लिए समायोजन करें’

यूएन प्रमुख ने कहा, “ये समय, एक बेहतर कल के लिए समझौता करने का है. राजनीति एक समझौता है. राजनय एक समझौता है. प्रभावशाली नेतृत्व एक समझौता है.”

एंतोनियो गुटेरेश ने प्रैस को अपना सम्बोधन, हाल के दिनों में मोरक्को व लीबिया में हज़ारों लोगों की मौत पर अपनी शोक संवेदना के साथ शुरू किया.

महासचिव ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र, राहत प्रयासों में मदद करने के लिए अपने संसाधन सक्रिय कर रहा है. हम ज़रूरतमन्द लोगों तक आपात सहायता पहुँचाने में मदद करने के लिए, साझीदारों के साथ मिलकर, हर सम्भव कार्रवाई करेंगे.”

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश हाल ही में, नैरोबी, जकार्ता और नई दिल्ली में हुए महत्वपूर्ण अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन में शिरकत करने, के अलावा हवाना में जी77 समूह व चीन के नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक में गुरूवार को शिरकत करने के बाद लौटें हैं.

इस पृष्ठभूमि में उन्होंने कहा कि यूएन महासभा का 78वाँ सत्र, उच्च स्तरीय बैठकों के लिए, विशाल चुनौतियों के बीच, आयोजित हो रहा है. 

एंतोनियो गुटेरेश ने इस सन्दर्भ में गहराती जलवायु आपदा, नए टकराव, रहन-सहन की क़ीमत, और बढ़ती असमानता का ज़िक्र किया.

इस झंझट से बाहर निकले

यूएन प्रमुख ने कहा, “लोग इस झंझट से बाहर निकालने के एक रास्ते के लिए, अपने नेतागण की तरफ़ देख रहे हैं. फिर भी इस सब और उसे भी ज़्यादा के मद्देनज़र, भूराजनैतिक विभाजन, हमारी कार्रवाई करने की क्षमता को कमज़ोर कर रहे हैं.”

“एक बहुध्रुवीय विश्व उभर रहा है. बहुध्रुवीय विश्व, सन्तुलन का एक कारक हो सकता है, मगर इसके परिणाम, तनाव वृद्धि, बिखराव और उससे भी कहीं बदतर हो सकते हैं.”

इस नई और जटिल विश्व व्यवस्था को मज़बूत करने के लिए, मज़बूत और परिष्कृत संस्थानों की आवश्यकता होगी जो यूएन चार्टर और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून पर आधारित हों.

उन्होंने कहा, “मैं जानता हूँ कि सुधार, बुनियादी रूप से शक्ति के बारे में है – और लगातार बहुध्रुवीय होते हमारे विश्व में, अनेक प्रतिस्पर्धी हित और एजेंडे मौजूद हैं.”

शून्य-योग परिणाम

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि मगर एक ऐसे समय में जबकि हमारी चुनौतियाँ, अभूतपूर्व रूप से आपस में जुड़ी हुई हैं, तो शून्य-योग खेल का परिणाम भी, हर किसी के लिए शून्य ही होता है.

यूएन प्रमुख ने इस प्रैस वार्ता में, अगले सप्ताह होने वाले प्रमुख सम्मेलनों का ज़िक्र किया जो जलवायु, विकास के लिए निवेश, स्वास्थ्य चुनौतियाँ और विशिष्ट क्षेत्रीय संकटों पर आयोजित होंगे.

विशेष ज़िम्मेदारी

यूएन महासचिव ने अपनी समापन टिप्पणी में, न्यूयॉर्क सिटी की अपनी मंज़िल पर निकल चुके राष्ट्राध्यक्षों और सरकार अध्यक्षों से अपनी अपील दोहराई: 

“अगर हम समानता व एकजुटता पर आधारित, शान्ति व समृद्धि वाला एक भविष्य चाहते हैं तो, नेताओं के कन्धों पर, हमारी साझा भलाई के लिए एक साझे भविष्य को आकार देने में, समायोजन करने की ज़िम्मेदारी है.”

“न्यूयॉर्क में, अगले सप्ताह, शुरुआत करने के लिए सही अवसर होगा.”