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यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल और बांग्लादेश के एक वन्यजीव अभयारण्य, सुंदरबन में, पारम्परिक शहद संग्रहकर्ता, शहद निकालने के लिए छत्ते तोड़ते हुए.

मैन्ग्रोव के सौन्दर्य एवं लाभों पर एक पैनी नज़र

Mangrove Photo Awards/Muhammad Mostafigur Rahman
यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल और बांग्लादेश के एक वन्यजीव अभयारण्य, सुंदरबन में, पारम्परिक शहद संग्रहकर्ता, शहद निकालने के लिए छत्ते तोड़ते हुए.

मैन्ग्रोव के सौन्दर्य एवं लाभों पर एक पैनी नज़र

जलवायु और पर्यावरण

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूनेप) ने, विश्व मैन्ग्रोव दिवस के अवसर परपारिस्थितिक तंत्र बहाली पर संयुक्त राष्ट्र दशक और महासागर विज्ञान पर संयुक्त राष्ट्र दशक के साथ साझेदारी में, वार्षिक मैन्ग्रोव फ़ोटोग्राफ़ी प्रतियोगिता आयोजित की. इस मैन्ग्रोव फ़ोटोग्राफ़ी पुरस्कारों की विजेता तस्वीरों के साथ, मैन्ग्रोव की अहमियत पर प्रकाश डालते मैन्ग्रोव पारिस्थितिक तंत्र के पाँच प्रमुख लाभों को संकलित किया गया है.

मैन्ग्रोव के बारे में अक्सर भ्रान्तियाँ प्रचलित होती है और पारिस्थितिकी तंत्र में उनके महत्व को कम करके आँका जाता है. इन तटीय वनों को कभी-कभी "गन्दे" या "मृत क्षेत्र" मानकर, उनका तिरस्कार कर दिया जाता है.

मैन्ग्रोव के बारे में ये मिथक, सच्चाई से बहुत दूर हैं. दरअसल यह एकमात्र ऐसे पेड़ हैं, जो खारे पानी में पनपते हैं और पोषक तत्वों व तलछट को छानकर पानी की गुणवत्ता में सुधारकरते हैं.

उनके भीतर भरपूर जीवन भी पनपता है:डेढ़ हज़ार से अधिक पौधों और जानवरों की प्रजातियाँ मैन्ग्रोव पर निर्भर हैं. इनमें वो मछलियाँ और पक्षी शामिल हैं जो मैन्ग्रोव पेड़ों के नीचे के उथले पानी को नर्सरी के रूप में इस्तेमाल करते हैं. शोधों से पता चलता है कि मैन्ग्रोव बड़े स्तनधारियों, जैसे बन्दरों, स्लॉथ, बाघ, लकड़बग्घा और अफ़्रीकी जंगली कुत्तों के लिए भी बहुत अहम होते हैं.

मैन्ग्रोव की रक्षा करने और क्षतिग्रस्त मैन्ग्रोव बहाल करने से, कार्बन पृथक्करण के ज़रिए, जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी मदद मिलती है. यह ग्रह पर सबसे अधिक कार्बन समृद्ध पारिस्थितिक तंत्रों में से एक हैं, जो प्रति हैक्टेयर बायोमास और मिट्टी में, औसतन एक हज़ार टन कार्बन जमा करने की क्षमता रखते हैं.

लेकिन आज मैन्ग्रोव ख़तरे में है. दुनिया भर में, उनका पाँचवाँ हिस्सा ग़ायब हो चुका है. मैन्ग्रोव को हुए इस नुक़सान का मुख्य कारण तटीय विकास है, जिसके तहत इमारतों और मछली या झींगा फार्मों के लिए रास्ता बनाने के लिए मैन्ग्रोव के जंगलों को काट दिया जाता है.

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) में समुद्री और मीठे पानी की प्रमुखलेटिसिया कार्वाल्हो कहती हैं, “मैन्ग्रोव बेहद विविध और महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र है, जो समुद्री घास के मैदानों और मूंगा चट्टानों सहित अन्य समुद्री पारिस्थितिक तंत्रों के साथ मिलकर काम करता है. ये न केवल हमारे महासागर, तटों और उनके द्वारा समर्थित जैव विविधता के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं, बल्कि मानव कल्याण के लिए भी बहुत ज़रूरी हैं.” 

उन्होंने कहा, "हमें अपने मैन्ग्रोव की रक्षा करने और उन्हें पुनर्बहाल करने की आवश्यकता है क्योंकि वे दुनिया भर के अनेक स्थानीय लोगों व आदिवासी समुदायों के लिए एक महत्वपूर्ण आवास और खाद्य आपूर्ति का स्रोत हैं."

1. मैन्ग्रोव जलवायु नायक हैं.

भूमि पर स्थित वनों की तुलना में, मैन्ग्रोव पाँच गुना अधिक कार्बन सोखने में सक्षम होते हैं
Mangrove Photography Awards/Melodi Roberts

वैश्विक जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए, वैश्विक उत्सर्जन घटाने और वातावरण से कार्बन हटाने की तत्काल ज़रूरत है. इनमें से दूसरी कार्रवाई के लिए मैन्ग्रोव बहुत महत्वपूर्ण हैं. भूमि के जंगलों की तुलना में वो पाँच गुना अधिक कार्बन सोख़ने में सक्षम होते हैं, जिसे वो अपनी पत्तियों, टहनियों, जड़ों और उनके नीचे तलछट में जमा करते हैं. मैन्ग्रोव वनों के नीचे की नमकीन व ऑक्सीजन की कमी की स्थिति के कारण, कार्बनिक पदार्थों का अपघटन बहुत धीमे होता है. उचित पर्यावरणीय परिस्थितियों में, मैन्ग्रोव दशकों, सदियों या यहाँ तक कि सहस्राब्दियों तक, वातावरण से अवशोषित कार्बन को जमा रख सकते हैं.

2. मैन्ग्रोव चरम मौसम व आपदाओं से बचाते हैं

मैन्ग्रोव न केवल जलवायु परिवर्तन की प्रगति को रोकने में मदद करते हैं, बल्कि इसके प्रभाव को सीमित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
The Mangrove Photography Awards/Shyjith Kannur

मैन्ग्रोव न केवल जलवायु परिवर्तन की प्रगति को रोकने में मदद करते हैं, बल्कि इसके प्रभाव को सीमित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.जै से-जैसे वैश्विक तापमान बढ़ रहा है, तूफ़ान और बाढ़ जैसी चरम मौसम घटनाएँ लगातार गम्भीर होती जा रही हैं. 

मैन्ग्रोव के तने, लहरों के प्रभाव को समेटकर कम कर देते हैं, जिससे वे रक्षा की वो उत्कृष्ट अग्रिम पंक्ति बन जाते हैं, जो ऊँची भूमि पर स्थित लोगों की रक्षा करने में सहायक होती है. मैन्ग्रोव बहाली व संरक्षण और प्रकृति आधारित समाधान के रूप में उनकी भूमिका को महत्व देने से, तटीय समुदायों और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं की सहनक्षमता को सुधारने में मदद मिल सकती है.

अन्य उपायों के साथ-साथ, मैन्ग्रोव में निवेश से लागत से लगभग चार गुना अधिक लाभ सम्भव है. मैन्ग्रोव को सूनामी के ख़िलाफ़ एक प्रभावी बचाव उपाय भी माना जाता है, जो लहरों की ऊँचाईपाँच से 35 प्रतिशत के बीच कम करने में सक्षम है.

3. मैन्ग्रोव संकटग्रस्त जानवरों को सुरक्षित आश्रय स्थल प्रदान करता है

1,500 से अधिक प्रजातियाँ, अपने अस्तित्व के लिए मैन्ग्रोव पर निर्भर हैं, उनमें से 15 प्रतिशत विलुप्ति के कगार पर हैं.
The Mangrove Photography Awards/Victor Hugo Luja Molina

डेढ़ हज़ार से अधिक प्रजातियाँ, अपने अस्तित्व के लिए मैन्ग्रोव पर निर्भर हैं, उनमें से 15 प्रतिशत विलुप्ति के कगार पर हैं. स्तनधारी जीवों में यह संख्या बढ़ोत्तरी पर है: मैन्ग्रोव वनों में रहने-खाने वाले लगभग आधे स्तनधारी जानवर, आने वाले वर्षों में विलुप्त हो सकते हैं, जिनमें से अधिकांश के लिए रुझान निराशाजनक नज़र आ रहे हैं.

ऐसे में, मैन्ग्रोव वनों की रक्षा और पुनर्स्थापना करने का अर्थ है, बाघ और जगुआर जैसी संवेदनशील पशु प्रजातियों को उनका महत्वपूर्ण आवास वापस देना. 

अच्छी ख़बर यह है कि पुनर्स्थापना का काम जारी है. तटीय पारिस्थितिकी तंत्र में प्रकृति बहाली के लिए, इंडोनेशिया और संयुक्त अरब अमीरात की पहल को संयुक्त राष्ट्र विश्व बहाली फ़्लैगशिप के रूप में मान्यता दी गई है.

4. मैन्ग्रोव खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देते हैं

1.5 अरब लोगों के लिए, मछली प्रोटीन का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है.
The Mangrove Photography Awards/Rajesh Dhar

जैव विविधता स्थली के रूप में, मैन्ग्रोव के अन्दर, पौधों और जानवरों की एक विशाल विविधता पनपती है, जिनमें से अनेक तो, खाद्य उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण हैं. वे युवा मछलियों के लिए नर्सरी और मधु मक्खियों का आवास होते हैं.

डेढ़ अरब लोगों के लिए, मछली प्रोटीन का सबसे महत्वपूर्ण स्रोतहै और कम आय वाले भोजन की कमी वाले देशों में, औसतन पशु प्रोटीन सेवन का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा, मछली से आता है. मैन्ग्रोव के लुप्त होने से, विकासशील देशों में मत्स्य पालन पर गम्भीर असर देखने को मिलेगा.

इसके विपरीत, मैन्ग्रोव बहाली से, हर साल तटीय जल में 60 खरब युवा उम्र की खाद्य और व्यावसायिक रूप से मूल्यवान मछलियाँ और अकशेरूकीय शामिल हो सकते हैं, जिससे बढ़ती मानव आबादी की भोजन ज़रूरतें पूरी करने के लिए खाद्य सुरक्षा बेहतर होगी.

5. मैन्ग्रोव प्राकृतिक रूप से वापस उभर सकते हैं.

खोए हुए पारिस्थितिकी तंत्र को वापस जीवन्त करना कठिन है. हालाँकि, क्षतिग्रस्त मैन्ग्रोव की सुरक्षा और पुनर्बहाली के सबसे प्रभावी तरीक़ों में से एक है - कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता फ़्रेमवर्क के तहत, पर्यावरणीय शासन और क़ानून के शासन के अन्तर्गत, स्थानीय लोगों के सामूहिक अधिकारों एवं कार्यों को मान्यता देकर, कार्यान्वयन करना. यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि "वैश्विक स्तर पर, आदिवासी लोग 80 प्रतिशत जैव विविधता के संरक्षक हैं, जो 5 हज़ार अद्वितीय पारम्परिक संस्कृतियों और पैतृक भूमि के साथ, ग्रह के 90 देशों की वैश्विक भूमि एवं अन्तर्देशीय जलभूमि के 32 प्रतिशत हिस्से में रहते हैं."

जब इंडोनेशिया में जावा के तट पर समुदायों ने समुद्र के बढ़ते स्तर पर क़ाबू पाने के लिए मैन्ग्रोव दोबारा उगाने शुरू किए, तो इसके परिणाम चौंकाने वाले थे: लगाए गए पौधों में से केवल 15-20 प्रतिशत ही जीवित बचे. बाक़ी सब ज्वार के साथ बह गए.

तब शोधकर्ताओं और वैटलैंड्स इंटरनेशनल जैसे साझीदारों की मदद से, ग्रामीणों ने एक नया समाधान आज़माया: प्राकृतिक सामग्रियों से बनी समुद्री दीवारों के साथ मिट्टी पाटना, जिससे मैन्ग्रोव के अंकुरों को प्राकृतिक रूप से ठीक होने की जगह मिली. परिणाम उत्साहजनक थे. मैन्ग्रोव जीवित रहने की दर, 20 से बढ़कर 70 प्रतिशत से अधिक हो गई. 

इस सफलता के लिए, ‘बिल्डिंग विद नेचर इनिशिएटिव’ को संयुक्त राष्ट्र विश्व बहाली फ़्लैगशिप पहल के रूप में मान्यता भी दी गई है. प्राकृतिक बहाली के इस तरीक़े को, स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल अन्य पुनर्स्थापन दृष्टिकोणों के साथ, दुनिया के अन्य हिस्सों में आज़माया जा रहा है. 

मैन्ग्रोव हानि के कारकों को समझना और उनका समाधान करना, पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली की दिशा में उठाया गया पहला अहम क़दम है.

मैन्ग्रोव फ़ोटोग्राफ़ी पुरस्कार

मैन्ग्रोव कार्रवाई परियोजना की नौंवी वार्षिक मैन्ग्रोव फ़ोटोग्राफ़ी प्रतियोगिता में, दुनिया भर के फ़ोटोग्राफ़रों को मैन्ग्रोव वनों की सुन्दरता और विविधता का जश्न मनाने और उनके संरक्षण के लिए कार्रवाई को प्रेरित करने के लिए, अपनी तस्वीरों का योगदान करने के लिए आमंत्रित किया गया. वर्तमान में, दुनिया में आधे से भी कम मैन्ग्रोव वन बचे हैं, और प्रेरक फ़ोटोग्राफ़ी के ज़रिए, इन नाज़ुक पारिस्थिति तंत्रों के संरक्षण को बढ़ावा के प्रयास किए जा रहे हैं. ये शक्तिशाली तस्वीरें, मैन्ग्रोव की महत्वपूर्ण भूमिका उजागर करती हैं और भावी पीढ़ियों के लिए उनकी रक्षा करने की प्रेरणा देती हैं. 

यह लेख पहले यहाँ प्रकाशित हुआ.