दुनिया भर के मैनग्रोव संरक्षण के लिये वैश्विक जागरूकता अहम, यूनेस्को
संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) की महानिदेशिका ने कहा है कि बहुत सी नस्लों के लिये उनके आवास और जलवायु प्रभावों के विरुद्ध एक महत्वपूर्ण सुरक्षा रेखा के रूप में काम करने वाले, दुनिया भर के मैनग्रोव के संरक्षण के लिये, समय हाथ से निकलता जा रहा है.
यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्री अज़ूले ने मंगलवार को, मैन्ग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के लिये अन्तरराष्ट्रीय दिवस पर अपने सन्देश में, इन अति महत्वपूर्ण तटीय क्षेत्रों के बारे में और ज़्यादा वैश्विक जागरूकता बढ़ाने की पुकार लगाई है.
#Mangroves cover less than 1% of all tropical forests worldwide.Yet, they are home to a wide variety of mammals 🐅, birds 🦜 , insects 🐛, reptiles 🦎, fish 🐠 and molluscs 🐚.Protecting them, means protecting our #biodiversity. https://t.co/PolYhLk7Z0 #MangroveDay pic.twitter.com/cwcucFLVWZ
UNESCO
ऐसा अनुमान है कि दुनिया भर के कुल मैनग्रोव की लगभग तीन चौथाई मात्रा जोखिम के दायरे में है, उनके साथ ही, उन पर निर्भर रहने वाले अति सूक्ष्म सन्तुलन भी जोखिम में हैं.
बहाली परियोजना
ऑड्री अज़ूले ने बताया कि यूनेस्को अगले महीने यानि अगस्त 2022 में, सात लातीनी अमेरिकी देशों में एक नई मैन्ग्रोव बहाली परियोजना शुरू करेगा जिनके नाम हैं – कोलम्बिया, क्यूबा, इक्वेडोर, अल सल्वाडोर, मैक्सिको, पनामा, और पेरू.
यह परियोजना, स्थानीय समुदायों के लिये आर्थिक अवसर उपलब्ध कराएगी. इसमें स्थानीय और आदिवासी आबादियों व वैज्ञानिक समुदाय के दरम्यान ज्ञान के आदान-प्रदान व साझा करने का रास्ता बनेगा.
उन्होंने कहा, “संरक्षण और बहाली से भी आगे, हमें वैश्विक जागरूकता की आवश्यकता है. इसमें आम लोगों को शिक्षित और सतर्क करने की ज़रूरत है, ना केवल स्कूलों में बल्कि जहाँ भी सम्भव हो सके.”
ये भावना, यूनेस्को द्वारा तैयार की गई एक प्रदर्शनी में झलकती है जो थाईलैण्ड के राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय के लिये बनाई गई है और जो इस समय दुनिया भर में दिखाई जा रही है.
“क्योंकि मैन्ग्रोव के रहस्यों के बारे में बताने और दिखाने के ज़रिये भी, हम उनका टिकाऊ संरक्षण करने में समर्थ हो सकेंगे.”
सुन्दरता और निर्बलता
ऑड्री अज़ूले ने अन्तरराष्ट्रीय दिवस का उद्देश्य रेखांकित करते हुए कहा कि इस अवसर पर सभी से मैन्ग्रोव पारिस्थितिकी की अहमियत, सुन्दरता और निर्बलता के बारे में जागरूक बनने का आग्रह किया गया है, और उनके संरक्षण के लिये प्रतिबद्ध होने का भी.
यूनेस्को दुनिया भर के मैन्ग्रोव और अन्य नील कार्बन पारिस्थितिकियों के संरक्षण के लिये काम कर रहा है, जिसके लिये जियोपार्क, विश्व विरासत स्थल, और बायोस्फ़ेय अभयारण्य जैसे कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.
मगर ऑड्री अज़ूले ने आगाह भी किया है कि समय तेज़ी से निकल रहा है.
उन्होंने कहा, “अलबत्ता, जलवायु आपदा को देखते हुए, समय हाथ से निकलता जा रहा है और हमें और भी ज़्यादा आगे जाना होगा, क्योंकि मैन्ग्रोव कार्बन सोखने वाले ऐसे संसाधन हैं जिन्हें गँवाया नहीं जा सकता.”