अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस: यूएन मुख्यालय में विशाल योग सत्र का आयोजन
संयुक्त राष्ट्र के न्यूयॉर्क मुख्यालय में बुधवार को 9वें 'अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस' के अवसर पर आयोजित योग सत्र में बड़ी संख्या में लोगों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया, जिसके ज़रिये, मानव स्वास्थ्य व कल्याण और बेहतर जीवन में मज़बूती, सदभावना, और शान्ति की स्रोत, इस प्राचीन पद्धति की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया गया.
इस वर्ष, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन ने यूएन सचिवालय के सहयोग से ‘अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस’ का आयोजन किया, जिसकी थीम है: वसुधैव कुटुम्बकम (सम्पूर्ण विश्व एक परिवार है) के लिए योग.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इस अवसर पर अपने सन्देश में ध्यान दिलाया कि एक ख़तरनाक और विभाजित दुनिया में, इस प्राचीन प्रथा के लाभ विशेष तौर पर मूल्यवान हैं.
“योग एकता लाता है.”
“ये शरीर और मस्तिष्क, मानवता और प्रकृति, और दुनिया भर में मौजूद करोड़ों लोगों को, एकता के धागे में पिरोता है, जिनके लिए योग मज़बूती, सदभावना, और शान्ति का एक स्रोत है.”
बुधवार को आयोजित किए गए इस कार्यक्रम के लिए बड़े स्तर पर तैयारियां की गई थीं. यूएन मुख्यालय के नॉर्थ लॉन में ईस्ट रिवर के पास योग सत्र में हिस्सा लेने के लिए आसन बिछाए गए, और संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों के झंडे लगाए गए थे.
इस विशाल योग अभ्यास सत्र में एक साथ 135 देशों के नागरिकों ने हिस्सा लिया और इस कीर्तिमान को गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है.
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस योग सत्र की अगुवाई की और ज़ोर देकर कहा कि योग, कॉपीराइट, पेटेंट और रॉयल्टी से मुक्त है. यह सभी को जोड़ता है और सभी जातीयताओं, पंथों और संस्कृतियों के लिए है.
“जब हम योग करते हैं, तो शारीरिक रूप से तंदरुस्त, मानसिक रूप से शान्त और भावनात्मक रूप से संतुष्ट महसूस करते हैं. लेकिन यह केवल एक आसन पर कसरत करने तक सीमित नहीं है. योग एक जीवन पद्धति है.”
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 11 दिसम्बर 2014 को सर्वमत से एक प्रस्ताव पारित करके, हर वर्ष 21 जून को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी.
उसके बाद से, हर वर्ष, दुनिया भर में लाखों-करोड़ों लोग योग दिवस आयोजनों में बेहतर मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हिस्सा लेते हैं.
‘नीतिपरक दिशानिर्देश’
योग एक ऐसी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक व्यायाम प्रक्रिया है जो भारत में शुरू हुई थी और अब दुनिया भर में विभिन्न रूपों में लोकप्रिय व प्रचलित है.
योग शब्द का मूल संस्कृत भाषा में है जिसका अर्थ होता है – शामिल या एकत्र होना. इसका भावार्थ शरीर और चेतना को एक करने से है.
यूएन महासभा के अध्यक्ष कसाबा कोरोसी ने बताया कि योग, सतत जीवनशैली और समाज कल्याण सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाता है.
“मैं अपनी बेटी को धन्यवाद देता हूँ, जिनकी वजह से योग के नीतिपरक दिशानिर्देशों को बेहतर ढंग से समझता हूँ. इस गाइड में चोरी ना करने, लालच ना करने, और अहिंसा के सिद्धान्त शामिल हैं.”
“दूसरे शब्दों में, योग के नीतिपरक दिशानिर्देश, सततता की ओर ले जाने वाले दिशानिर्देश हैं.”
उन्होंने कहा कि जैसे संसाधनों का आवश्यकता से अधिक इस्तेमाल ना करना, पृथ्वी का ध्यान रखते हुए अल्पकालिक मुनाफ़े को प्राथमिकता ना देना, और रूपान्तरकारी बदलावों के लिए काम करना.”
आरम्भिक सम्बोधनों के बाद, योग प्रशिक्षक की अगुवाई में ओम मंत्र के उच्चारण के साथ ही, योग आसनों से पूर्ण सत्र की शुरुआत हुई, जिसमें सफ़ेद टी-शर्ट पहन कर बैठे प्रतिभागियों ने उत्साह से हिस्सा लिया.
‘एक खुलेपन का एहसास’
बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में यूएन के सदस्य देशों, अधिकारियों, यूएन सचिवालय के कर्मचारियों समेत अन्य अग्रणी हस्तियाँ भी मौजूद थीं.
हॉलीवुड अभिनेता रिचर्ड गियर ने यूएन न्यूज़ को बताया कि संयुक्त राष्ट्र में आमतौर पर बहुत राजनैतिक कामकाज होता है, लेकिन आज यहाँ आप महसूस कर सकते हैं कि हर व्यक्ति, एक खुलेपन के एहसास के साथ यहाँ है और आनन्दित है.
उन्होंने उम्मीद जताई कि यह ऊर्जा मुख्य इमारत तक पहुँचेगी, विशेष रूप से सुरक्षा परिषद तक, और एक विशाल मानव परिवार की ज़िम्मेदारी समझते हुए, हम साथ मिलकर काम कर सकेंगे.
स्वास्थ्यप्रद शक्ति
योग सत्र में ग्रैमी ऐवार्ड विजेता और यूएन शरणार्थी एजेंसी के सदभावना दूत रिकी केज भी उपस्थित थे, जिन्होंने बताया कि योग और संगीत के बीच एक अहम नाता है.
“संगीत के साथ आप योग का और अधिक आनन्द उठा सकते हैं, और मैं योग के लिए काफ़ी संगीत तैयार करता हूँ. मेरा मानना है कि दोनों में अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करने वाली और कष्ट निवारण शक्ति है.”
रिकी केज ने कहा कि यदि आप योग आधारित जीवनशैली को अपनाते हैं तो निश्चित रूप से आपके बीमार पड़ने का जोखिम कम होता है और आप एक बेहतर जीवन जी सकते हैं.