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क़दम बढाएँ, 25 प्रतिशत वयस्क नहीं करते हैं पर्याप्त व्यायाम

क्रोएशिया में साइकिल चलाती एक वृद्ध महिला. डिमेंशिया से बचाव के लिये नियमित व्यायाम पर ज़ोर दिया गया है.
World Bank/Miso Lisanin
क्रोएशिया में साइकिल चलाती एक वृद्ध महिला. डिमेंशिया से बचाव के लिये नियमित व्यायाम पर ज़ोर दिया गया है.

क़दम बढाएँ, 25 प्रतिशत वयस्क नहीं करते हैं पर्याप्त व्यायाम

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि दुनिया भर में अगर लोग ज़्यादा सक्रिय रहें और व्यायाम करें तो, हर साल लगभग 50 लाख लोगों की मौत को टाला जा सकता है. मगर बहुत से लोग ऐसे इलाक़ों में रहते और बसते हैं जहाँ ऐसे स्थान या तो बहुत कम हैं या बिल्कुल हैं ही नहीं, जहाँ वो सुरक्षित तरीक़ से टहल सकें, दौड़ सकें, साइकिल चला सकें या अन्य शारीरिक गतिविधियों में सक्रिय रह सकें.

रिपोर्ट के अनुसार, जहाँ ऐसे अवसर मौजूद भी हैं तो वृद्ध या उम्रदराज़ वयस्क व विकलांगताओं वाले लोगों की, वहाँ तक पहुँच नहीं है.

इन हालात में बेहतरी लाने के लिये, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने, शारीरिक गतिविधियों और व्यायाम के लिये ज़्यादा बेहतर और सभी के लिये आसान व सुलभ मौक़े मुहैया कराए जाने की पुकार लगाई है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने अपनी एक नई रिपोर्ट में, स्वास्थ्य, खेलकूद, शिक्षा और परिवहन सैक्टरों में, निर्णय करने वाली हस्तियों से, व्यायाम व अन्य स्वास्थ्य लाभ वाली गतिविधियों व अवसरों को और ज़्यादा बढ़ावा देने का आहवान किया है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन की उप महानिदेशक सूज़ाना जैकब की नज़र में, “लोगों को स्वस्थ व सक्रिय जीवन जीने के लिये बेहतर अवसर मुहैया कराए जाने की तत्काल ज़रूरत है.”

उनका कहना है, “आज के समय में, लोगों के लिये शारीरिक सक्रियता और व्यायाम गतिविधियों में हिस्सा लेने की सम्भावना, विषमतापूर्ण है. कोविड-19 महामारी के दौरान ये विषमता और ज़्यादा बदतर हुई है.”

उखड़ी हुई साँसें

उज़बेकिस्तान के एक स्कूल में व्यायाम करते हुए बच्चे.
Photo: UNICEF/Giacomo Pirozzi
उज़बेकिस्तान के एक स्कूल में व्यायाम करते हुए बच्चे.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आँकड़ों से मालूम होता है  हर चार में एक, यानि लगभग 25 प्रतिशत वयस्क, और हर पाँच में से चार किशोर जन, इस समय पर्याप्त शारीरिक गतिविधियों या व्यायाम में हिस्सा नहीं लेते हैं.

पुरुषों की तुलना में, महिलाएँ और भी ज़्यादा निष्क्रिय हैं. दुनिया भर में शारीरिक सक्रियता रखने वाले और व्यायाम में हिस्सा लेने पुरुषों की संख्या, लगभग 32 प्रतिशत और महिलाओं की संख्या लगभग 23 प्रतिशत है.

उच्च आय वाले देशों में, निष्क्रिय और आलसी लोगों की संख्या सबसे ज़्यादा है जोकि लगभग 37 प्रतिशत है. 

जबकि मध्यम आय वाले देशों में निष्क्रिय व आलसी लोगों की संख्या 26 प्रतिशत और निम्न आय वाले देशों में 16 प्रतिशत लोग निष्क्रिय और आलसी हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा-निर्देशों में सिफ़ारिश की गई है कि वयस्कों को हर सप्ताह, 150 से लेकर 300 मिनट की, सामान्य से लेकर सघन शारीरिक गतिविधियाँ और व्यायाम करने चाहिये. बच्चों और किशोरों को, हर दिन औसतन 60 मिनट का व्यायाम करना चाहिये.

समाधान

विश्व स्वास्थ्य संगठन की गुरूवार को जारी – फ़ेयर प्ले (Fair Play) नामक रिपोर्ट में मुख्य चुनौतियाँ और अवसर रेखांकित किये गए हैं, साथ ही तमाम साझीदारों व हितधारकों से, इस क्षेत्र में कार्रवाई तेज़ करने में देशों को मदद मुहैया कराने का आहवान किया गया है. 

इस स्थिति के समाधानों में, सतत सामुदायिक अभियान, स्थानीय समुदायों में समावेशी कार्यक्रम चलाना, और ऐसे सुरक्षित माहौल मुहैया कराना शामिल हैं जहाँ हर किसी के लिये, सुरक्षित तरीक़े से चहलक़दमी, टहलना और साइकिल चलाना आसान हो.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने तमाम उद्योगों, सिविल सोसायटी और सरकारों और यूएन एजेंसियों से, खेलकूद, चहलक़दमी, साइकिल चलाने और शारीरिक सक्रियता के अन्य तरीक़ों के ज़रिये, ज़्यादा सक्रिय और गतिवान समाज बनाने के लिये, एक साझा नज़रिया विकसित करने का आहवान किया है.