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सूडान: 'मौत व विध्वंस' पर विराम लगाने के लिए, दानदाताओं से सहायता व समर्थन का आग्रह

सूडान से जान बचाकर चाड में शरण लेने वाली लड़की सहायता वितरण केन्द्र पर प्रतीक्षा कर रही है.
© UNICEF/Donaig Le Du
सूडान से जान बचाकर चाड में शरण लेने वाली लड़की सहायता वितरण केन्द्र पर प्रतीक्षा कर रही है.

सूडान: 'मौत व विध्वंस' पर विराम लगाने के लिए, दानदाताओं से सहायता व समर्थन का आग्रह

मानवीय सहायता

सूडान में ज़रूरतमन्दों तक सहायता पहुँचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र की अगुवाई में सोमवार को आयोजित एक संकल्प सम्मेलन में डेढ़ अरब डॉलर की धनराशि जुटाई गई है. यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इस अवसर पर आगाह किया कि सूडान, तेज़ी से मौत व विध्वंस की ओर धँसता जा रहा है, जिसे जल्द रोका जाना होगा.

जिनीवा में यह सम्मेलन मिस्र, जर्मनी, क़तर, सऊदी अरब, अफ़्रीकी संघ और योरोपीय संघ ने आयोजित किया है. 

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यूएन प्रमुख ने दानदाताओं को सम्बधित करते हुए कहा कि सूडान में ज़रूरतमन्दों और पड़ोसी देशों में शरण लेने वाले लोगों तक सहायता पहुँचाने के लिए तीन अरब डॉलर की आवश्यकता होगी. 

“मज़बूत अन्तरराष्ट्रीय सहयोग के बिना, सूडान जल्द ही अराजकता का केन्द्र बन सकता है, जिससे असुरक्षा पूरे क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लेगी.”

सूडान में सशस्त्र सेना और त्वरित समर्थन बल (RSF) के बीच अस्थाई तौर पर संघर्षविराम अमल में लाया जा रहा है. यूएन प्रमुख ने कहा कि मध्य अप्रैल में भड़की लड़ाई में अब तक सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है और हज़ारों घायल हुए हैं. 

“ये संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. दारफ़ूर और ख़ारतूम में हालात विनाशकारी हैं. लड़ाई जारी है और लोगों पर उनके घरों व सड़कों पर हमले किए जा रहे हैं.” 

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने ज़ोर देकर कहा कि सूडान और पड़ोसी देशों को समर्थन प्रदान करना, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय का कर्तव्य है.

उन्होंने मानवीय राहतकर्मियों के विरुद्ध हिंसा और राहत सामग्री लूटे जाने की निन्दा की और युद्धरत पक्षों से अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के अनुरूप मानवीय सहायता व आमजन की रक्षा सुनिश्चित किए जाने पर बल दिया. 

मध्यस्थता के लिए तैयार

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय प्रमुख वोल्कर टर्क ने सूडान में युद्धरत पक्षों के बीच एक मध्यस्थ की भूमिका निभाने की अपनी इच्छा दोहराई. 

उन्होंने कहा कि मौजूदा संकट के निपटारे के लिए सभी पक्षों से अनुरोध किए जाने के बावजूद, सफलता कम ही मिल पाई है.

“हम अब भी एक लापरवाही भरा, बेतुका हिंसक टकराव, पूर्ण दंडमुक्ति के सन्दर्भ में देखते हैं. ख़ारतूम और उसके आस-पास के शहरों, ऐल जेनेइना और ऐल ओबेद की सड़कों पर आम लोगों के ख़ून के धब्बे हैं.”

वोल्कर टर्क ने यौन हिंसा के आरोपों पर क्षोभ प्रकट किया और बताय कि अब तक उनके कार्यालय को हिंसक टकराव के दौरान 53 महिलाओं व लड़कियों के विरुद्ध यौन हिंसा के 18 मामलों में विश्वसनीय जानकारी प्राप्त हुई है.  

उन्होंने चिन्ता जताई कि सूडान में मानवाधिकारों के लिए और मानवीय संकट चिन्ताजनक रफ़्तार से गम्भीर होता जा रहा है और ऐसी जटिलता देश में पहले कभी नहीं देखी गई. 

दक्षिण सूडान के रेन्क में एक सीमा चौकी के पास, यूएन शरणार्थी एजेंसी के आवागमन केन्द्र एक परिवार
© UNHCR/Charlotte Hallqvist

यूएन मानवाधिकार प्रमुख ने 17 जून को 72 घंटे के लिए राष्ट्रव्यापी संघर्षविराम लागू किए जाने का स्वागत किया और दोनों पक्षों से लड़ाई रोकने के संकल्प का सम्मान करने का आग्रह किया, ताकि मानवीय सहायता पहुँचाई जा सके. 

गम्भीर मानवीय हालात

आपात राहत मामलों के लिए यूएन अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा कि सूडान में संकट जारी रहने से मानवीय स्थिति गम्भीर होती जाएगी. 

हिंसा के बावजूद, मानवीय राहतकर्मी अपने साझेदार संगठनों के साथ मिलकर अग्रिम मोर्चों पर ज़रूरतमन्दों तक सहायता पहुँचाने में जुटे हैं. 

उन्होंने बताया कि सहायता संकल्पों से लाखों लोगों तक राहत पहुँचाने में मदद मिलेगी, जोकि विश्व में बेहद ख़तरनाक और कठिन परिस्थितियों में रहने के लिए मजबूर हैं. 

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) के प्रमुख फ़िलिपो ग्रैन्डी ने दानदाताओं का भार प्रकट किया और कहा कि इससे संकट प्रभावित लोगों की ज़िन्दगियों की रक्षा करने में मदद मिलेगी.