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सूडान: पश्चिम दारफ़ूर के गवर्नर की हत्या, यूएन मिशन ने की निन्दा

27 अप्रैल 2023 को पश्चिम दारफ़ूर के अल-जिनिइना शहर में एक स्कूल को जलाकर ध्वस्त कर दिया गया. (फ़ाइल)
Mohamed Khalil
27 अप्रैल 2023 को पश्चिम दारफ़ूर के अल-जिनिइना शहर में एक स्कूल को जलाकर ध्वस्त कर दिया गया. (फ़ाइल)

सूडान: पश्चिम दारफ़ूर के गवर्नर की हत्या, यूएन मिशन ने की निन्दा

शान्ति और सुरक्षा

सूडान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (UNITAMS) ने पश्चिम दारफ़ूर के गवर्नर को जान से मार दिए जाने की घटना पर स्तब्धता और गहरा शोक प्रकट किया है. यूएन मिशन ने बढ़ती हिंसा पर विराम लगाने और दोषियों की जवाबदेही सुनिश्चित किए जाने का आग्रह किया है.

यूएन मिशन ने गुरूवार को जारी अपने वक्तव्य में गवर्नर ख़मिस अबबाकेर की हत्या की, कठोर शब्दों में निन्दा की. 

समाचार माध्यमों के अनुसार, गवर्नर अबबाकेर ने अपनी मौत से कुछ ही घंटे पहले, सूडान में परस्पर विरोधी सैन्य गुटों के बीच जारी सत्ता संघर्ष में आम लोगों की जान जाने के लिए, सार्वजनिक रूप से अर्द्धसैनिक बल (RSF) को ज़िम्मेदार ठहराया था.

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सूडान की सशस्त्र सेना और त्वरित समर्थन बल (RSF) के बीच, मध्य अप्रैल में भड़की लड़ाई में अब तक सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 20 लाख लोग विस्थापित हुए हैं.

UNITAMS ने बताया कि प्रत्यक्षदर्शियों ने इस कृत्य के लिए अरब मिलिशिया और त्वरित समर्थन बलों को ज़िम्मेदार बताया है, हालाँकि अर्द्धसैनिक गुट (RSF) ने इस घटना में कोई हाथ होने से इनकार किया है.

सूडान में यूएन मिशन ने दोषियों को तत्काल न्याय के कटघरे में लाने और क्षेत्र में हिंसा के चक्र को और ना फैलने देने की पुकार लगाई है.

“हम समझदार सूडानी लोगों से नफ़रत भरी बोली व सन्देशों और जातीय ध्रुवीकरण के भँवर में ना फँसने की अपील करते हैं.”

यूएन मिशन प्रमुख वोल्कर पर्थेस ने, इससे पहले इस सप्ताह आगाह किया था कि पश्चिम दारफ़ूर की राजधानी ऐल जिनिएना में आम नागरिकों पर उनकी जातीयता के आधार पर बड़े पैमाने पर लक्षित हमले किए जाने का रुझान उभर रहा है. 

इन हमलों के लिए कथित रूप से अरब मिलिशिया और कुछ वर्दीधारी त्वरित समर्थन बलों के हथियारबन्द लड़ाकों को ज़िम्मेदार बताया गया है. 

UNITAMS के अनुसार, पश्चिम दारफ़ूर के गवर्नर ख़मिस अबबाकेर, क्षेत्र में एक अहम वार्ताकार थे और वर्ष 2020 में हुए जूबा शान्ति समझौते पर हस्ताक्षरकर्ताओं में से थे. 

सूडान के पूर्व राष्ट्रपति ओमर अल-बशीर को सत्ता से हटा दिए जाने के बाद, इसी समझौते से देश के लोकतंत्र की दिशा में आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त हुआ था. 

बढ़ती जातीय हिंसा पर चिन्ता

यूएन मिशन ने दारफ़ूर मे सैन्य कार्रवाई में आई तेज़ी कठोर आलोचना की है और तनाव में कमी लाने के लिए तत्काल, सभी सैन्य अभियान रोके जाने का आग्रह किया है.

साथ ही, जातीय हिंसा की बढ़ती घटनाओं से निपटना, मानवीय राहत के लिए मार्ग सुलभता सुनिश्चित करना, और हालात को बद से बदतर होने से रोकना अहम होगा.

UNITAMS ने सभी पक्षों से अन्तरराष्ट्रीय मानव कल्याण और मानवाधिकार क़ानूनों के तहत तय दायित्वों का निर्वहन किए जाने की अपील की है, ताकि आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

वक्तव्य के अनुसार, “इस हिंसक टकराव के दौरान अंजाम दिए अपराधों और हनन मामलों को नज़रअन्दाज़ नहीं किया जाएगा.” 

मिशन ने कहा कि सूडान के लोग शान्ति, सुरक्षा और उनके मानवाधिकारों के लिए सर्वोच्च सम्मान के हक़दार हैं. 

उत्तर दारफ़ूर से चिन्ताजनक समाचार

इस बीच, उत्तर दारफ़ूर में विस्थापितों के लिए बनाए गए शिविरों के आस-पास के इलाक़ों में, हिंसक झड़पों में कम से कम 100 लोगों के मारे जाने का समाचार है. 

शरणार्थी मामलों के लिए यूएन एजेंसी (UNHCR) के प्रमुख फ़िलिपो ग्रैंडी ने गुरूवार को अपने एक ट्वीट सन्देश में यह जानकारी दी है. 

उन्होंने क्षेत्र की महिलाओं व लड़कियों के विरुद्ध यौन हिंसा के समाचारों पर क्षोभ प्रकट करते हुए आगाह किया है कि युद्धरत पक्ष, यदि सूडान को बर्बाद करने वाली इस लड़ाई को रोकने के लिए सहमत नहीं हुए, तो हालात और गम्भीर हो जाएंगे.